गुणवत्तापूर्ण शिक्षा पर बल देते हुए शिक्षामंत्री वासुदेव देवनानी ने कहा कि जेएनयू का छात्रनेता कन्हैया कुमार राजस्थान में पैदा नहीं होना चाहिए.
राजस्थान सरकार द्वारा आवश्यक सेवाएं रखरखाव अधिनियम लागू कर 86 डॉक्टरों को गिरफ्तार किए जाने के बाद राज्य के डॉक्टरों की हड़ताल का एम्स के डॉक्टरों ने समर्थन किया.
संसदीय कार्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने कहा कि इन पांच जातियों को आरक्षण अत्यधिक पिछड़ा वर्ग में तय सीमा 50 प्रतिशत के भीतर ही दिया जाएगा.
कांग्रेस ने कहा कि भाजपा पार्टी के अंदर जिस तरह चाहे अपने नेता को याद करे, लेकिन सरकार को इससे जोड़ना नियमों के विरुद्ध. आदेश के ख़िलाफ़ जाएगी कोर्ट.
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज कोई तबका राजस्थान सरकार से खुश नहीं है. व्यापारी जीएसटी से दुखी है. युवा नौकरी के रास्ते नहीं खुलने से परेशान हैं.
राष्ट्रीय प्रेस दिवस के मौके पर राजस्थान की वसंधुरा सरकार के ‘काले क़ानून’ पर अपना विरोध दर्ज कराते हुए राजस्थान पत्रिका अख़बार ने अपना संपादकीय ख़ाली छोड़ दिया.
सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं ने उमर ख़ान की हत्या गोरक्षकों द्वारा करने का आरोप लगाया था.
जन गण मन की बात की 145वीं कड़ी में विनोद दुआ राजस्थान सरकार के विवादित विधेयक और अपराधी नेताओं पर चर्चा कर रहे हैं.
अख़बार के प्रधान संपादक गुलाब कोठारी ने एक लेख में लिखा, वसुंधरा राजे जब तक विवादित क़ानून को वापस नहीं लेतीं, तब तक अख़बार उनसे संबंधित समाचारों का प्रकाशन नहीं करेगा.'
राजस्थान ने पत्रकारों पर क़ानून के दस्ताने पहनकर हाथ डाला. छत्तीसगढ़ और यूपी की पुलिस ने एक प्रतिष्ठित पत्रकार के घर में मुंह-अंधेरे घुसकर बेशर्मी का परिचय दिया.
राजस्थान सरकार एक नया विधेयक लाई है, जिसके मुताबिक किसी भी लोकसेवक के ख़िलाफ़ मुक़दमे के लिए सरकार की मंज़ूरी लेना आवश्यक होगा.
राजस्थान सरकार की वेबसाइट पर कहा गया, नये अध्यादेश में भ्रष्ट लोकसेवकों को कोई संरक्षण नहीं, यह संशोधन झूठे मुक़दमों पर अंकुश लगाने के लिए हैं.
कांग्रेस ने दंड विधियां राजस्थान संशोधन विधेयक, 2017 के ख़िलाफ़ निकाला मार्च, सचिन पायलट सहित कई नेता हिरासत में लिए गए.
एडिटर्स गिल्ड ने कहा, यह विधेयक मीडिया को परेशान करने का एक घातक साधन है, जो सरकारी कर्मियों के ग़लत कृत्यों को छुपाता है और प्रेस की स्वतंत्रता पर रोक लगाता है.
राजस्थान में वसुंधरा सरकार सोमवार से शुरू हो रहे विधानसभा के सत्र में एक ऐसा विधेयक लाने जा रही है जो सांसद, विधायक, जज और अफसरों को कानूनी कार्रवाई से कवच प्रदान करेगी.