अनिल अंबानी की नौ समूह कंपनियों ने यस बैंक से करीब 12,800 करोड़ रुपये क़र्ज़ लिया है. सुभाष चंद्रा के एस्सेल समूह पर कथित रूप से 8,400 करोड़ रुपये क़र्ज़ है, वहीं जेट एयरवेज़ पर यस बैंक का 550 करोड़ रुपये बकाया है.
अनिल अंबानी के स्वामित्व वाली रिलायंस समूह की कंपनियों ने यस बैंक से लगभग 12,800 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था, जो एनपीए में तब्दील हो गया है.
राज्य सरकार के वित्त विभाग की ओर से सभी सरकारी कार्यालयों, उपक्रमों और निगमों को बैंकिंग संबंधी क्रियाकलाप सिर्फ सरकारी बैंकों के साथ करने को कहा गया है. विभाग ने यह भी कहा है कि वेतन व भत्ता समेत सभी सरकारी योजनाओं का पैसा रखने के लिए निजी या सहकारी बैंकों में खोले गए सभी खाते एक अप्रैल तक बंद करा दिए जाने चाहिए.
निजी क्षेत्र के आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी ने यस बैंक में 1,000-1,000 करोड़ रुपये निवेश की घोषणा की है. वहीं एक्सिस बैंक 60 करोड़ शेयर खरीदने के लिये 600 करोड़ रुपये निवेश करेगा. इसके अलावा कोटक महिन्द्रा बैंक ने भी 500 करोड़ रुपये निवेश की घोषणा की है.
यस बैंक द्वारा दिया गया कुल कर्ज़ वित्त वर्ष 2017 से 2019 के बीच 1,32,000 करोड़ रुपये बढ़ गया. बैंक ने अपने अस्तित्व के 17 वर्षों में जितना कर्ज़ दिया था, क़रीब उतना इन दो वर्षों में दिया गया. वे कॉरपोरेट कर्ज़दार कौन थे, जिन्हें निजी क्षेत्र के इस बैंक ने नोटबंदी और जीएसटी के बाद के दो सालों में बिना कुछ सोचे-समझे इतना कर्ज़ दिया?
ईडी अधिकारियों का कहना है कि राणा कपूर को मनी लॉन्ड्रिंग निवारण कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है. उन्हें रविवार को मुंबई की एक अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा.