वीडियो: मध्य प्रदेश के गाडरवारा में जन्मे आशुतोष राना रामलीला के किरदारों से अपनी जगह बनाते हुए राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय के गलियारों तक पहुंचे और साल 1995 में टीवी धारावाहिक 'स्वाभिमान' से बतौर फिल्मी अभिनेता बने. इन्होंने हिंदी के अलावा तमिल, तेलुगू, कन्नड़ और मराठी फिल्में भी कीं. इसके अलावा कुछ किताबें लिखी हैं. उनसे द वायर की दामिनी यादव की बातचीत.
राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय (एनएसडी) का अध्यक्ष पद साल 2017 से ख़ाली था. इस पद पर परेश रावल की नियुक्ति चार वर्षों के लिए की गई है.
इब्राहिम अल्काज़ी राष्ट्रीय नाट्य विद्यालय में सबसे लंबे समय तक निदेशक के पद पर रहे. उन्होंने कलाकारों की कई पीढ़ियों को अभिनय की बारीकियां सिखाईं. इन कलाकारों में नसीरुद्दीन शाह और ओम पुरी आदि शामिल हैं.
पंकज त्रिपाठी जब बिहार के छोटे से गांव से पटना पहुंचे तो उन्हें डॉक्टर बनना था, लेकिन वह छात्र राजनीति में कूद पड़े. राजनीति से रंगमंच के रास्ते उनका सफर मुंबई तक पहुंच गया है.
जैसे भारत में कुछ लोगों के नाम दारोगा पांडे या सिपाही सिंह होते हैं लेकिन वे न दारोगा होते हैं और न सिपाही. उसी तरह ‘थियेटर ओलंपिक्स’ संस्था ओलंपिक के नाम का इस्तेमाल कर रही है.
गोरखपुर में एक अदद प्रेक्षागृह के लिए पिछले 24 वर्षों से अनूठे किस्म का रंग आंदोलन चलाया जा रहा था. 1258 नाटकों के बाद रंगाश्रम का यह रंग आंदोलन ख़त्म हो गया.
जिस भारंगम को अंतर्राष्ट्रीय नाट्य समारोह के रूप में पेश किया जाता है , उसका इस्तेमाल नाट्य विद्यालय के पदाधिकारी निजी फायदे के लिए कर रहे हैं.