15 अप्रैल से ट्रेन परिचालन शुरू करने की ख़बरों को ग़लत बताते हुए रेल मंत्रालय ने कहा है कि मीडिया ऐसे समय में अपुष्ट और असत्यापित ख़बरों को प्रकाशित करने से बचे, क्योंकि इससे जनता के दिमाग में अनावश्यक भ्रम पैदा होता है.
कैग की नई रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे का परिचालन अनुपात 2017-18 में 98.44 प्रतिशत रहा है. इसका मतलब ये है कि रेलवे ने 100 रुपये कमाने के लिए 98.44 रुपये व्यय किए.
कार्मिक राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने राज्यसभा में बताया कि पिछले साल मार्च तक केंद्र सरकार के विभिन्न विभागों के कई वर्गों में कुल 6,83,823 ख़ाली पद थे. सिंह ने एक सवाल के जवाब में यह भी बताया कि सीबीआई में एक हज़ार से अधिक पद रिक्त हैं.
मोदी सरकार ने डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए तीन वर्ष पहले सेवा शुल्क को वापस ले लिया था. अब आईआरसीटीसी सितंबर से सेवा शुल्क को बहाल कर रहा है.
रेलवे ने वर्ष 2016 से 2019 के बीच तत्काल कोटे से 21,530 करोड़ रुपये की कमाई की. वहीं 3,862 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आय प्रीमियम तत्काल टिकटों से हुई है.
रेलवे में 13 लाख कर्मचारी हैं और रेल मंत्रालय 2020 तक घटाकर उसे 10 लाख करना चाहता है. हालांकि, रेलवे ने कहा कि यह समय-समय पर की जाने वाली समीक्षा का हिस्सा है. इसके तहत जिन कर्मचारियों का काम ठीक नहीं है या जिनके विरूद्ध कोई अनुशासनात्मक मुद्दा है, उन्हें समयपूर्व सेवानिवृत्ति की पेशकश की जाएगी.
आरटीआई के तहत मिली जानकारी के मुताबिक प्राइवेट कंपनियों द्वारा सात करोड़ के दावे का ही भुगतान किया गया है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ये दो ट्रेनें प्रयोग के आधार पर दी जाएंगी और हमें उम्मीद है कि अगले 100 दिन में हम कम से कम एक को चला पाएंगे. दूसरी ट्रेन को भी जल्द चिह्नित किया जाएगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजग सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला बजट शुक्रवार को पेश किया. वित्त वर्ष 2019-20 के बजट की ख़ास बातें.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि वर्ष 2018 से 2030 तक रेलवे आधारभूत ढांचे को 50 लाख करोड़ रुपये के निवेश की ज़रूरत है. उन्होंने तीव्र विकास एवं यात्री माल ढुलाई सेवा के लिए सरकारी निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल का उपयोग करने का प्रस्ताव रखा.
चलती ट्रेन की चपेट में आने वाले मवेशियों की संख्या जहां 2014-15 में करीब 2,000 थी, वहीं यह आंकड़ा 2018-19 में बढ़कर तकरीबन 30,000 हो गया.
मोदी सरकार के दावे और उनकी ज़मीनी हक़ीक़त पर विशेष सीरीज: आरटीआई के ज़रिये रेल मंत्रालय ने बताया है कि 2014-15 के दौरान जहां 3591 रेलगाड़ियों को रद्द किया गया था, वहीं 2017-18 के दौरान इसमें छह गुना की बढ़ोतरी हुई. इस दौरान 21,053 ट्रेनों को रद्द किया गया था.
एक आरटीआई के जवाब में रेल मंत्रालय ने कहा है कि पिछले एक दशक में चोरी के सबसे अधिक 36,584 मामले 2018 में दर्ज हुए हैं.
चुनाव आयोग ने सख़्त लहजे में कहा है कि यह आचार संहिता का उल्लंघन है. खत लिखकर जवाब मांगा है कि क्यों आदर्श चुनाव आचार संहिता के लागू होने के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तस्वीर रेल टिकटों तथा एयर इंडिया के बोर्डिंग पास से नहीं हटाई गई.
कैग ने 2014-15 से लेकर 2016-17 के बीच दिए गए 463 कांट्रैक्ट में काम करने वाले ठेके के मज़दूरों के हालात की समीक्षा की है. रिपोर्ट देखेंगे तो पता चलेगा कि रेलवे बग़ैर किसी मंत्री के चल रहा है. राम भरोसे कहना ठीक नहीं क्योंकि राम भरोसे तो सारा देश चलता है.