रेलवे के आंकड़ों के मुताबिक 2015 से 2017 के बीच रेल की पटरियों पर ट्रेन की चपेट में आने के चलते 49,790 लोगों ने जान गंवाई. रेलवे इन मौतों की कोई ज़िम्मेदारी नहीं लेता और ऐसे व्यक्तियों को 'ट्रेसपासर' यानी अतिक्रमण करने वाला मानता है.
पश्चिम बंगाल के मालदा टाउन से नई दिल्ली जाने वाली न्यू फरक्का एक्सप्रेस बुधवार सुबह रायबरेली के पास हुई दुर्घटनाग्रस्त. रेल मंत्री ने दिए जांच के आदेश. यूपी सरकार द्वारा मृतकों को 2 लाख रुपये और घायलों को 50 हज़ार रुपये मुआवज़ा देने का ऐलान.
बीते 20 जुलाई को नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने रेलवे को 'फ्लेक्सी किराया योजना' को लेकर कड़ी फटकार लगाई थी. कैग का कहना था कि इस योजना की वजह से ज़्यादातर मार्गों पर हवाई जहाज से यात्रा करना ट्रेनों के मुकाबले सस्ता है.
कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राजधानी, शताब्दी और दुरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनों में मांग बढ़ने के साथ किराये में बढ़ोतरी व्यवस्था शुरू करने की वजह से यात्रियों की संख्या में 6.75 लाख की कमी आई है.
रेल बोर्ड के सूचना एवं प्रचार निदेशक वेद प्रकाश ने कहा कि यह कदम यात्रियों की सुविधा सुनिश्चित करने और डिब्बों के अंदर होने वाली भीड़ से निपटने के लिए उठाया गया है.
सारा खेल विज्ञापन निकालकर हेडलाइन हासिल करने का है. जब आप जॉइनिंग लेटर मिलने और जॉइनिंग हो जाने का रिकॉर्ड देखेंगे तो पता चलेगा कि ये भर्तियां नौजवानों को ठगने के लिए निकाली जा रही हैं, नौकरी देने के लिए नहीं.
किराया समीक्षा समिति ने सुझाव दिया कि रेलवे को त्योहारी सीज़न के दौरान किराया बढ़ाना चाहिए जबकि कम व्यस्त महीनों में किराये में कमी करनी चाहिए.
महिला सांसदों ने ट्रेनों में उनके सामान की चोरी का मामला राज्यसभा में उठाया. सरकार ने स्वीकार किया कि शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में खानपान संबंधी नौ हज़ार शिकायतें मिलीं.
संसद की स्थायी समिति ने कहा, लक्जरी ट्रेनें 70 प्रतिशत ख़ाली सीटों के साथ क्यों चलाई जा रही हैं. यात्रियों की कमी के मामले को गंभीरता से न लेने के लिए रेल मंत्रालय की आलोचना की.
ट्रेनों में यात्रा करने वाले अक्षम लोगों को समान अवसर देने के लिए रेलवे द्वारा नियुक्त समिति की सिफारिशों को लागू नहीं करने को लेकर भी दिल्ली उच्च न्यायालय ने नाराज़गी प्रकट की.
यात्री अब रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक ही सो सकते हैं. इससे पहले सोने का समय रात नौ बजे था.
मंत्रालय ने कहा है कि यूपीए सरकार के पहले तीन वर्षों के कार्यकाल में 759 मौतें हुईं, दूसरे कार्यकाल में यह संख्या 938 हो गई. मौजूदा सरकार के पहले तीन वर्षों में यह संख्या 652 है.
जन गण मन की बात की 89वीं कड़ी में विनोद दुआ भारतीय रेल से जुड़ी कैग की रिपोर्ट और किसानों की दुर्दशा पर चर्चा कर रहे हैं.