कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि राजधानी, शताब्दी और दुरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनों में मांग बढ़ने के साथ किराये में बढ़ोतरी व्यवस्था शुरू करने की वजह से यात्रियों की संख्या में 6.75 लाख की कमी आई है.
नई दिल्ली: नियंत्रक एवं महालेखापरीक्षक (कैग) ने रेलवे की मांग बढ़ने के साथ किराया बढ़ोतरी (फ्लेक्सी-फेयर) योजना को लेकर कड़ी फटकार लगाई है. कैग ने रेलवे को आगाह करते हुए कहा कि इस योजना से यात्रियों को हवाई यात्रा के लिए मजबूर होना पड़ रहा है.
कैग ने कहा कि रेलवे की प्रीमियम ट्रेनों से पहले ही यात्री दूर हो चुके हैं और वे अन्य मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों से यात्रा करने को तरजीह दे रहे हैं.
बता दें कि ‘फ्लेक्सी किराया योजना’ के तहत ट्रेनों में जैसे-जैसे सीटें भरती जाती हैं उसके किराये में इजाफा होता जाता है.
कैग ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि राजधानी, शताब्दी और दुरंतो जैसी प्रीमियम ट्रेनों में मांग बढ़ने के साथ किराये में बढ़ोतरी व्यवस्था शुरू करने से इस श्रेणी की ट्रेनों में यात्रियों से होने वाली आय में 552 करोड़ रुपये का इजाफा हुआ है, लेकिन इन ट्रेनों में 2015-16 के मुकाबले नौ सितंबर 2016 से 31 जुलाई 2017 के दौरान यात्रियों की संख्या में 6.75 लाख की कमी आई है.
रिपोर्ट में कहा गया है, ‘जब भी किराये में वृद्धि की जाती है तो यात्रियों की संख्या बेहद कम हो जाती है. सभी राजधानी, दुरंतो और शताब्दी ट्रेनों में ‘फ्लेक्सी फेयर’ योजना शुरू करते समय इस विषय पर विचार नहीं किया गया.’
कैग की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि थर्ड एसी श्रेणी से रेलवे को सबसे ज्यादा लाभ होता है लेकिन ‘फ्लेक्सी किराया योजना’ शुरू करने के बाद इसमें यात्रियों की संख्या में काफी कमी आई और खाली सीटों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.
कैग ने कहा, ‘जिन मार्गों पर प्रीमियम ट्रेन चलती है उन्हीं मार्गों पर चलने वाली मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों में यात्रियों की संख्या अक्टूबर 2016 और फरवरी 2017 के दौरान प्रीमियम ट्रेनों से अधिक पाई गई. यात्रियों ने राजधानी, शताब्दी और दुरंतो ट्रेनों के बजाय अधिक समय लेने के बावजूद मेल और एक्सप्रेस ट्रेनों से यात्रा करने का विकल्प चुना.’
कैग ने रेलवे को फटकार लगाते हुए कहा कि ‘फ्लेक्सी किराया योजना’ की वजह से ज्यादातर मार्गों पर हवाई जहाज से यात्रा करना ट्रेनों के मुकाबले सस्ता पाया गया. कैग ने कहा कि जब कीमत और समय की तुलना की गई तो प्रीमियम ट्रेनों के मुकाबले हवाई यात्रा करना सस्ता है और लोग हवाई जहाज से यात्रा करना ज्यादा पसंद करते हैं.
कैग ने यह भी कहा कि ‘फ्लेक्सी किराया योजना’ शुरू करने के बाद भी ट्रेनों की समय की पाबंदी का ध्यान नहीं रखा गया. कैग ने कहा कि रेलवे को इस योजना की समीक्षा करने की जरूरत है ताकि ना केवल राजस्व बल्कि यात्रियों की संख्या भी बढ़ाई जा सके.
कैग की रिपोर्ट के जवाब में रेलवे बोर्ड ने कहा कि योजना की समीक्षा के लिए पहले ही समिति का गठन किया गया था. कमेटी ने अपनी रिपोर्ट जनवरी 2018 में सौंप दी थी और उनकी सिफारिशों पर मंत्रालय विचार कर रहा है.
बता दें कि अगस्त 2016 में रेलवे बोर्ड द्वारा राजधानी, दुरंतो और शताब्दी ट्रेनों में फ्लेक्सी फेयर योजना शुरू करने का प्रस्ताव रखा गया था. इस योजना का उद्देश्य ये था कि इसके जरिये रेलवे बोर्ड 5800 करोड़ रुपये की अतिरिक्त कमाई करेगा.
(समाचार एजेंसी भाषा की इनपुट के साथ)