सुप्रीम कोर्ट ने सभी दलों को निर्देश दिया है कि 30 मई तक वे चुनावी बॉन्ड की राशि और इसके दानकर्ताओं के नाम समेत सभी जानकारी सीलबंद लिफाफे में चुनाव आयोग को दें. अदालत ने यह भी कहा कि इस मामले में अंतिम फैसला विस्तृत सुनवाई के बाद लिया जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट में चुनावी बॉन्ड के ख़िलाफ़ याचिका की सुनवाई पूरी, शुक्रवार को आएगा फ़ैसला. सुनवाई में केंद्र सरकार की ओर से अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि चुनावी बॉन्ड काले धन पर रोक लगाने के लिए एक प्रयोग है और लोकसभा चुनाव तक अदालत को इसमें दख़ल नहीं देना चाहिए.
सुप्रीम कोर्ट में चुनावी बॉन्ड पर रोक लगाने की याचिका पर हो रही सुनवाई में मोदी सरकार ने बॉन्ड देने वालों की गोपनीयता को बनाए रखने की बात कही, वहीं चुनाव आयोग ने कहा कि पारदर्शिता के लिए दानकर्ताओं के नाम सार्वजनिक किए जाने चाहिए.
चुनाव आयोग ने वित्त मंत्रालय को यह सख़्त सलाह हाल में मध्य प्रदेश, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु में राजनीतिक नेताओं या उनसे जुड़े लोगों के ठिकानों पर आयकर विभाग के मारे गए छापों के संबंध में दी है. आयोग ने कहा कि ऐसी कार्रवाई की जानकारी उसके अधिकारियों के संज्ञान में होनी चाहिए.
पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने कहा कि पहले चुनाव आयोग को ये पता चलता था कि 20,000 रुपये से ऊपर का चंदा किसने और किस पार्टी को दिया है. लेकिन, इलेक्टोरल बॉन्ड की वजह से अब ये जानकारी पूरी नहीं मिलती है.
इस साल जनवरी और मार्च में बैंक ने 1,716.05 करोड़ रुपये के इलेक्टोरल बॉन्ड बेचे. वहीं, साल 2018 में मार्च, अप्रैल, मई, जुलाई, अक्टूबर और नवंबर के माह में 1,056.73 करोड़ रुपये के बॉन्ड बेचे गए थे.
केंद्र की मोदी सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए राज्यवार मनरेगा मज़दूरी को अधिसूचित किया है. इसके तहत छह राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मज़दूरों की रोज़ाना मज़दूरी में एक रुपये की भी बढ़ोतरी नहीं हुई है.
आयोग ने कहा कि इलेक्टोरल बॉन्ड योजना और कॉरपोरेट फंडिंग को असीमित करने से राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे के पारदर्शिता पहलू पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा. राजनीतिक दलों को अनियंत्रित विदेशी फंडिंग की अनुमति मिलेगी और इससे भारतीय नीतियां विदेशी कंपनियों से प्रभावित हो सकती हैं.
स्कॉटलैंड यार्ड ने बताया कि 19 मार्च को हॉलबर्न में गिरफ़्तार नीरव मोदी को वेस्टमिंस्टर अदालत में पेश किया जाएगा, जहां उसके ख़िलाफ़ औपचारिक तौर पर आरोप तय किए जाएंगे. इसके बाद ही वह ज़मानत की अपील कर सकता है.
ब्रिटेन सरकार से शरण देने की गुहार लगाने समेत पत्रकारों के कई सवालों के जवाब में नीरव मोदी ने कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया. कांग्रेस ने पूछा कि प्रधानमंत्री बताएं कि नीरव मोदी किसके संरक्षण में ऐशो-आराम की जिंदगी जी रहा है.
आरबीआई के आंकड़ों के मुताबिक साइबर धोखाधड़ी के माध्यम से 2015-16 में बैंक खातों से एक लाख रुपये से अधिक की निकाली गई राशि का आंकड़ा 40.20 करोड़ रुपये से बढ़कर 2017-18 में 109.56 करोड़ रुपये हो गई है.
3000 करोड़ रुपये की मूर्ति, 1 लाख करोड़ रुपये की बुलेट ट्रेन उस देश की सबसे पहली ज़रूरतें हैं, जहां छह करोड़ बच्चे कुपोषित हैं, शिक्षकों के दस लाख पद ख़ाली हैं, सवा तीन लाख किसान आत्महत्या कर चुके हैं और 20 करोड़ लोग रोज़ भूखे सोते हैं.
कैंसर का इलाज कराने के लिए अरुण जेटली इन दिनों अमेरिका में हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले मोदी सरकार आख़िरी बजट भी पीयूष गोयल पेश करेंगे.
एक जुलाई, 2017 को स्वच्छता सेस को ख़त्म कर दिया गया था, लेकिन आरटीआई से मिली जानकारी बताती है कि जनता से अब भी यह सेस वसूला जा रहा है.
भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर सी. रंगराजन ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि नए गवर्नर शक्तिकांत दास आरबीआई की स्वायत्तता के साथ किसी भी तरह का समझौता किए बिना सरकार और रिज़र्व बैंक के बीच बेहतर तालमेल स्थापित करने में सक्षम होंगे.