मोदी सरकार ने संसद को किया गुमराह, कहा- चुनाव आयोग ने इलेक्टोरल बॉन्ड पर चिंता जाहिर नहीं की

चुनाव आयोग ने बीते 26 मई 2017 को कानून मंत्रालय के सचिव को पत्र लिखकर अपनी चिंता जाहिर की थी. इसके बाद कानून मंत्रालय ने आयोग की आपत्तियों को शामिल करते हुए वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग को तीन पत्र भेजा था.

नोटबंदी से हुआ था जीडीपी वृद्धि दर को नुकसान: रिपोर्ट

अमेरिका के राष्ट्रीय आर्थिक शोध ब्यूरो द्वारा जारी एक रिसर्च पेपर में बताया गया है कि नोटबंदी के बाद 2016 में नवंबर-दिसंबर महीने के दौरान रोजगार सृजन में तीन प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई थी.

स्वच्छ भारत सेस बंद होने के बाद भी मोदी सरकार ने वसूला करोड़ों रुपये का टैक्स

द वायर एक्सक्लूसिव: एक जुलाई, 2017 से स्वच्छ भारत सेस को खत्म कर दिया गया था. आरटीआई के जवाब में वित्त मंत्रालय ने बताया कि साल 2015 से लेकर अब तक स्वच्छ भारत सेस के तहत कुल 20,600 करोड़ रुपये वसूले गए हैं. हालांकि सरकार ने ये नहीं बताया कि टैक्स के रूप में वसूली गई यह राशि कहां ख़र्च की गई.

क्या आरबीआई के नए गवर्नर शक्तिकांत दास अपनी निष्ठा बदल पाएंगे?

पहले भी केंद्र सरकार के करीबी माने जाने वाले अधिकारी आरबीआई तक पहुंचे हैं, लेकिन उन्होंने अपनी आवाज़ को आज़ाद रखा. क्या शक्तिकांत दास ऐसा कर पाएंगे?

कोटक महिंद्रा बैंक के एमडी बोले, नोटबंदी की योजना बेहतर तरीके से बनाई जाती, तो नतीजा और होता

नोटबंदी के दो साल बाद प्रमुख बैंकर उदय कोटक ने 2000 रुपये का नोट लाने पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर आप 500 और 1000 रुपये के नोट बंद कर रहे हैं, तो उससे बड़ा नोट लाने की क्या ज़रूरत थी?

नोटबंदी-जीएसटी से अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी, मंदी झेलने को तैयार रहें: पूर्व आर्थिक सलाहकार

केंद्र की मोदी सरकार के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था इस समय संकट में है. उसे मंदी झेलने को तैयार रहना चाहिए.

आठ महीने पहले इनकम टैक्स ने दी थी नीरव मोदी घोटाले की चेतावनी, नहीं साझा की गई जांच रिपोर्ट

इनकम टैक्स जांच रिपोर्ट में नीरव मोदी द्वारा बोगस खरीद, शेयरों का भारी मूल्यांकन, रिश्तेदारों को संदिग्ध भुगतान, संदिग्ध ऋण जैसे कई मामले उठाए गए थे. हालांकि इस रिपोर्ट को सीबीआई, ईडी जैसी महत्वपूर्ण जांच एजेंसियों से साझा नहीं किया गया था.

रिज़र्व बैंक की प्रतिष्ठा है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि वह हमेशा सही हो: अरविंद सुब्रमण्यम

अपनी आने वाली किताब ‘ऑफ काउंसल: द चैलेंजेस ऑफ द मोदी-जेटली इकोनॉमी’ में पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार ने कहा है कि आईएलएंडएफएस की ताजा विफलता से न केवल वाणिज्यिक बल्कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां भी प्रभावित हुईं. इन विफलताओं के लिए रिज़र्व बैंक को ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए.

पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार बोले, अर्थव्यवस्था के लिए झटका थी नोटबंदी

नोटबंदी के समय देश के मुख्य आर्थिक सलाहकार रहे अरविंद सुब्रमण्यम ने बताया कि नोटबंदी से पहले दर्ज हुई 8% की आर्थिक वृद्धि इस फैसले के बाद 6.8 % पर पहुंच गई थी. उन्होंने यह भी कहा कि इस बात पर कोई संदेह नहीं है कि नोटबंदी से अर्थव्यवस्था की रफ़्तार धीमी हुई.

रिज़र्व बैंक विवाद में केंद्र भले ही पीछे हटा दिख रहा हो, लेकिन समस्या अब भी बनी हुई है

अगर कुल संभावित एनपीए का क़रीब 40 प्रतिशत 10 के करीब बड़े कारोबारी समूहों में फंसा हुआ है, तो बैंक इसका समाधान किए बगैर क़र्ज़ देना शुरू नहीं कर सकते हैं. यह बात स्पष्ट है लेकिन सरकार बड़े बकाये वाले बड़े कारोबारी समूहों के लिए अलग नियम चाहती है, जो उनके हितों का ख्याल रखते हों.

वित्त सचिव हसमुख अधिया 30 नवंबर को होंगे सेवानिवृत

राजस्व सचिव के तौर पर हसमुख अधिया के कार्यकाल को याद करते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि उनके कार्यकाल में कर आधार और कर प्राप्ति में अभूतपूर्व वृद्धि दर्ज की गई.

केंद्र और आरबीआई के बीच बढ़ रहे झगड़े का नतीजा विनाशकारी हो सकता है

भारतीय रिज़र्व बैंक की निधियां राष्ट्र की सामाजिक संपत्ति हैं और जनहित का हवाला देकर मनमाने ढंग से उनका इस्तेमाल नहीं किया जा सकता.

सरकार ने रिज़र्व बैंक से 3.6 लाख करोड़ रुपये नहीं मांगे: आर्थिक विभाग के सचिव

वित्त मंत्रालय में आर्थिक विभाग के सचिव ने कहा कि मीडिया में ग़लत जानकारी वाली तमाम अटकलबाज़ियां जारी हैं. सरकार का राजकोषीय हिसाब-किताब बिल्कुल सही चल रहा है.

आरबीआई और वित्त मंत्रालय को मतभेद दूर कर राष्ट्रहित में मिलकर काम करना चाहिए: पनगढ़िया

नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया ने आरबीआई और वित्त मंत्रालय के बीच जारी गतिरोध पर कहा कि आरबीआई को अमेरिका के फेडरल रिज़र्व बैंक की तरह स्वतंत्रता नहीं है.

सरकार के लिए कार की सीट बेल्ट की तरह है रिज़र्व बैंक, स्वायत्तता का सम्मान ज़रूरी: रघुराम राजन

रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर राजन ने कहा कि सरकार अगर आरबीआई पर लचीला रुख़ अपनाने का दबाव डाल रही हो तो केंद्रीय बैंक के पास ‘ना’ कहने की आज़ादी है.

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