2020-21 में सरकारी उपक्रमों में हिस्सेदारी बेचकर सरकार ने 32,835 करोड़ रुपये जुटाए

अगले वित्त वर्ष में देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी एलआईसी का आईपीओ लाने की सरकार की योजना है. इसके अलावा एयर इंडिया, बीपीसीएल, पवन हंस, बीईएमएल, एनआईएनल और शिपिंग कॉरपोरेशन के निजीकरण की प्रक्रिया भी दूसरे चरण में पहुंच गई है. इन उपक्रमों के लिए सरकार को कई रुचि पत्र मिले हैं.

सरकारी कंपनियों के विनिवेश के बाद निजी क्षेत्र को आरक्षण लागू नहीं करना होगा: रिपोर्ट

एक रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र का मानना है कि सार्वजनिक उपक्रमों में सरकार की हिस्सेदारी बेचने के बाद नौकरी में आरक्षण लागू करने की न तो जरूरत है और न ही यह क़ानूनी रूप से संभव है. हालांकि सरकार ने कहा है कि वे इन कंपनियों में एससी, एसटी, ओबीसी समेत पूर्ववर्ती कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे.

निजीकरण के लिए बैंक ऑफ इंडिया समेत चार बैंकों का चयन: रिपोर्ट

सरकार ने निजीकरण के लिए जिन चार बैंकों का चयन किया गया है वे बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया हैं. सरकार का यह कदम उसकी उस बड़ी योजना का हिस्सा है जिसके तहत वह सरकारी संपत्तियों को बेचकर राजस्व बढ़ाने की तैयारी कर रही है.

बैंकों के निजीकरण की योजना के कार्यान्वयन के लिए रिज़र्व बैंक के साथ मिलकर काम करेंगे: सीतारमण

पिछले सप्ताह पेश केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विनिवेश योजना के तहत दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की है. हालांकि, उन्होंने इस बारे में बताने से इनकार कर दिया कि किस या किन बैंकों को बिक्री के लिए चुना जा रहा है. फ़िलहाल बैंक यूनियनों ने इस क़दम का विरोध किया है.