केंद्र सरकार ने योगी सरकार की मदद के लिए रैपिड एक्शन फोर्स की चार कंपनियां सहारनपुर भेजी.
गृह मंत्रालय ने राज्य सरकार से पिछले महीने शुरू हुई इन घटनाओं और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के इस ज़िले में शांति बहाल करने के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है.
पर्दे और पन्नों पर बार-बार उभरता रहा है- जंगलराज! लेकिन उत्तर प्रदेश में सरकार क्या बदली, मीडिया का वह ‘जंगलराज’ ग़ायब हो गया!
सहारनपुर में जातीय संघर्ष थमने का नाम नहीं ले रहा है. बुधवार को भी एक व्यक्ति को गोली मार दी गई. प्रमोद पांडे सहारनपुर के नए डीएम और बबलू कुमार को जिले का नया एसएसपी बनाया गया है.
दलितों के ख़िलाफ़ हुई हिंसा पर उचित कार्रवाई के लिए हो रहा प्रदर्शन हुआ हिंसक. तोड़फोड़, पथराव और गोलीबारी के अलावा भीड़ ने फूंक दिया थाना.
ठाकुर बनाम दलित के झगड़े में जमकर उपद्रव हुआ. 15 दिन के भीतर जुलूस को लेकर उपद्रव की यह दूसरी घटना है.
सहारनपुर और फतेहपुर की हिंसा अगर पिछली सरकार के दौर में हुई होती, तो भाजपा समाजवादी पार्टी के खिलाफ ‘गुंडाराज’ का आरोप लगाते हुए आसमान सिर पर उठा चुकी होती.
सहारनपुर के सड़क दूधली गांव में गुरुवार को प्रतिबंध के बावजूद निकाली गई आंबेडकर शोभायात्रा के दौरान जमकर हुई थी हिंसा.
सहारनपुर के सड़क दूधली गांव में इजाज़त नहीं होने के बावजूद निकाली शोभायात्रा, एक समुदाय की ओर से पथराव के बाद जमकर उपद्रव हुआ.