हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि राज्य में इस क़ानून के क्रियान्वयन से लोगों की दुकानों, मकानों, सरकारी कार्यालयों, वाहनों, बसों या किसी अन्य संपत्ति को किसी आंदोलन की आड़ में पहुंचाए गए नुकसान की प्रदर्शनकारियों से भरपाई की जाएगी. इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सार्वजनिक या निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से वसूली का प्रावधान करने वाला विधेयक पारित किया जा चुका है.
हरियाणा विधानसभा में कांग्रेस सदस्यों के विरोध करते हुए आरोप लगाया कि विधेयक लाने का निर्णय कृषि क़ानूनों को लेकर चल रहे किसान आंदोलन से जुड़ा है. राज्य के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि विपक्ष कह रहा हैं कि हम इसे किसान आंदोलन के लिए ला रहे हैं, लेकिन इसका आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है.
लोक एवं निजी संपत्ति क्षति वसूली विधेयक के तहत यदि कोई भी प्रदर्शनकारी सरकारी या निजी संपत्ति को क्षति पहुंचाने का दोषी पाया जाता है तो उसे एक साल की सज़ा या 5,000 रुपये से एक लाख तक के जुर्माने का सामना करना होगा.
सीएए के ख़िलाफ़ राज्य में हुए प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों से ही इसकी भरपाई की जाएगी. इस बारे में जारी सरकार के वसूली नोटिस को कानपुर के व्यक्ति द्वारा इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है.