केंद्र ने राज्यों, निजी अस्पतालों और औद्योगिक प्रतिष्ठानों को सीधे टीका निर्माताओं से खुराक खरीदने की अनुमति भी दी है. सरकार ने कहा कि टीका उत्पादकों को राज्य सरकारों को और खुले बाज़ार में उपलब्ध होने वाली 50 प्रतिशत आपूर्ति की कीमत एक मई, 2021 से पहले घोषित करनी होगी.
गुजरात के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री नितिन पटेल ने कहा कि गुजरात में कोरोना वायरस के रोज़ाना 9,000 से ज़्यादा मामले सामने आ रहे हैं. समय-समय पर नई सुविधाएं और बिस्तर बढ़ा रहे हैं, लेकिन ये मांग की तुलना में कम पड़ रहे हैं.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि 15 अप्रैल तक 13,614 नमूनों की जांच संपूर्ण जीनोम अनुक्रमण (डब्ल्यूजीएस) के लिए 10 नामित आईएनएसएसीओजी प्रयोगशालाओं में में की गई. इनमें से 1,189 नमूने सार्स-सीओवी-2 के चिंताजनक स्वरूपों से संक्रमित पाए गए. जिनमें ब्रिटिश स्वरूप के 1,109 नमूने, दक्षिण अफ्रीकी स्वरूप के 79 नमूने और ब्राजीलियाई स्वरूप का एक नमूने शामिल हैं.
कोविड-19 के रोजाना सामने आ रहे 79.10 प्रतिशत मामले 10 राज्यों में हैं, जिनमें महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश के अलावा दिल्ली, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गुजरात, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल शामिल हैं. 16 राज्यों में रोज़ाना के नए मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है.
कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र ने 11 अप्रैल से 14 अप्रैल के बीच टीका उत्सव के आयोजन की घोषणा की थी, जिसका उद्देश्य ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को टीका लगाना था. हालांकि आंकड़े बताते हैं कि इस दौरान आम दिनों की तुलना में लोगों को कम टीके लगाए गए.
गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य में कोविड-19 की स्थिति और लोगों की समस्याओं पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दायर जनहित याचिका को सुनते हुए कहा कि राज्य सरकार ने जितनी चाहिए थी, उतनी सतर्कता नहीं बरती. अदालत ने राज्य सरकार के बेड की उपलब्धता, जांच सुविधा, ऑक्सीजन, रेमडेसिविर इंजेक्शन संबंधी दावों पर भी आशंका जताई है.
जेल प्रशासन ने इन्हें खोजने में मदद करने के लिए दिल्ली पुलिस से मदद मांगी है. दिल्ली की तिहाड़, मंडोली, रोहिणी जेल से दोषी क़रार दिए गए क़ैदियों में 1072 ने समर्पण कर दिया और 112 क़ैदियों ने अब तक समर्पण नहीं किया है. वहीं अंतरिम ज़मानत पर रिहा किए गए 5,556 विचाराधीन क़ैदियों में से क़रीब 2200 ही वापस लौटे हैं.
देश में बढ़ते कोरोना संक्रमण के मद्देनज़र केंद्र ने सीबीएसई की दसवीं कक्षा की परीक्षाएं रद्द करते हुए बोर्ड द्वारा तय मानदंडों के आधार पर परिणाम तैयार किए जाने की बात कही है, वहीं 12वीं की परीक्षा से कम से कम 15 दिन पहले इसके बारे में सूचना दी जाएगी. दोनों परीक्षाएं चार मई से 14 जून के बीच होनी थीं.
भारत में कोविड-19 टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. वीके पॉल ने कहा है कि रेमडेसिविर का उपयोग सिर्फ़ उन्हीं मरीज़ों के लिए किया जाए, जिन्हें अस्पताल में भर्ती रखने की ज़रूरत है और जिन्हें बाहर से ऑक्सीजन दिया जा रहा है. आईएमए ने भी मेडिकल समुदाय से कोरोना वायरस संक्रमित रोगियों में रेमडेसिविर इंजेक्शन का न्यायसंगत उपयोग करने का अनुरोध किया है.
गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य में कोरोना वायरस की स्थिति पर स्वत: संज्ञान लेते हुए दायर जनहित याचिका पर कहा कि लोग अब सोच रहे हैं कि वे भगवान की दया पर हैं. पीठ ने कहा कि लोगों में ‘विश्वास की कमी’ है. इससे पहले स्वत: संज्ञान लेते हुए न्यायालय ने कहा था कि प्रदेश ‘स्वास्थ्य आपातकाल जैसी स्थिति’ की तरफ बढ़ रहा है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड-19 में इस्तेमाल के लिए जून 2020 में रेमडेसिविर को मंज़ूरी दी थी. इसे केवल प्रिस्क्रिप्शन पर अस्पतालों और फार्मेसी द्वारा एक इंजेक्शन के रूप में बेचा जा सकता है. गुजरात भाजपा अध्यक्ष सीआर पाटिल ने इसे बिना किसी दाम के दो अस्पतालों और पार्टी कार्यालय में वितरित कराया.
गुजरात हाईकोर्ट ने राज्य में कोरोना वायरस की स्थिति पर स्वत: संज्ञान लेते हुए जनहित याचिका की कार्यवाही शुरू की. कोरोना वायरस की स्थिति को लेकर हाईकोर्ट में दाख़िल इस तरह की यह दूसरी जनहित याचिका है. बीते साल हाईकोर्ट ने कहा था कि सरकार द्वारा संचालित अहमदाबाद सिविल अस्पताल की हालत दयनीय और कालकोठरी से भी बदतर है.
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रधानमंत्री को लिखे पत्र में कहा है कि संक्रमण की दूसरी लहर में तेज़ी से हो रहे प्रसार के मद्देनज़र टीकाकरण अभियान की रणनीति को तत्काल प्रभाव से युद्ध स्तर पर बढ़ाया जाए. देश में पिछले तीन दिन से प्रत्येक दिन कोरोना वायरस संक्रमण के 90 हज़ार से अधिक नए मामले सामने आए हैं.
महाराष्ट्र के दो वकीलों ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि कोरोना टीकाकरण की दिशा में सरकार सराहनीय काम कर रही है, लेकिन घर से बाहर निकलने में असमर्थ लोगों को टीका लगाने पर कोई ठोस क़दम नहीं उठाए गए हैं. उन्होंने कहा कि यदि ऐसे लोगों को घर पर टीका नहीं लगाया जाता है तो यह संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत उनके जीवन और अच्छे स्वास्थ्य के अधिकार का उल्लंघन होगा.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि देश के 18 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों से मिले कोविड-19 के 10,787 संक्रमित नमूनों में से 771 मामले चिंताजनक स्वरूप ‘वेरिएंट्स ऑफ कंसर्न’ (वीओसी) के मिले हैं. इसके अलावा दोहरे उत्परिवर्तन (डबल म्यूटेंट) वाला स्वरूप भी मिला है. हालांकि अब तक यह स्थापित नहीं हो पाया है कि मामलों में फ़िर से वृद्धि के लिए ये स्वरूप ज़िम्मेदार हैं.