अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के इस्लामिक यूथ फेडरेशन ने एक तस्वीर जारी की है, जिसमें औरतों को इस्लाम के पिंजरे में क़ैद पंछी की शक्ल दी गई. बताया गया कि ये पिंजरा ही वो महफ़ूज़ जगह है, जहां औरतें न सिर्फ़ नेकियां कमा सकती हैं बल्कि तमाम 'ज़हरीली' विचारधाराओं से बची रह सकती हैं.
न्यायालय ने कहा कि समय की कमी की वजह से सिर्फ तीन तलाक़ पर सुनवाई होगी. बहुविवाह और निक़ाह हलाला के मामले पर दूसरी पीठ सुनवाई करेगी.
भारतीय मुस्लिम समाज अपने अंदर पनप रही जड़ताओं, कठमुल्लावाद और सांप्रदायिकता से असरदार जंग लड़ने के लिए अगर इस्लाम के अंदर से ही दिशा-निर्देश ले तो ये बड़ी जीत होगी.