जामिया में पुलिस कार्रवाई के ख़िलाफ़ लखनऊ से लेकर हैदराबाद, मुंबई में छात्रों ने दिखाई एकजुटता

उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित नदवा कॉलेज में प्रदर्शन के दौरान पथराव. दिल्ली विश्वविद्यालय और हैदराबाद के मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी सोमवार को परीक्षाओं का बहिष्कार किया. बनारस में बीएचयू, कोलकाता में जाधवपुर विश्वविद्यालय और मुंबई के टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस में भी प्रदर्शन. देश के तीन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों ने भी किया विरोध.

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Lucknow: Police force outside Darul Uloom Nadwatul Ulama college as students protest against the amended Citizenship Act and indulged in stone pelting, in Lucknow, Monday, Dec. 16, 2019. (PTI Photo/Nand Kumar) (PTI12_16_2019_000060B)
Lucknow: Police force outside Darul Uloom Nadwatul Ulama college as students protest against the amended Citizenship Act and indulged in stone pelting, in Lucknow, Monday, Dec. 16, 2019. (PTI Photo/Nand Kumar) (PTI12_16_2019_000060B)

उत्तर प्रदेश के लखनऊ स्थित नदवा कॉलेज में प्रदर्शन के दौरान पथराव. दिल्ली विश्वविद्यालय और हैदराबाद के मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय के छात्रों ने भी सोमवार को परीक्षाओं का बहिष्कार किया. बनारस में बीएचयू, कोलकाता में जाधवपुर विश्वविद्यालय और मुंबई के टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस में भी प्रदर्शन. देश के तीन भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों ने भी किया विरोध.

Lucknow: Police force outside Darul Uloom Nadwatul Ulama college as students protest against the amended Citizenship Act and indulged in stone pelting, in Lucknow, Monday, Dec. 16, 2019. (PTI Photo/Nand Kumar) (PTI12_16_2019_000060B)
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित दारुल उलूम नदवातुल उलेमा कॉलेज के छात्रों और पुलिस के बीच संघर्ष के बाद पुलिस ने मुख्य गेट पर ताला लगा दिया. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली/लखनऊ: नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे नई दिल्ली के जामिया मिलिया इस्लामिया परिसर में छात्र-छात्राओं के खिलाफ पुलिस की कार्रवाई से उत्पन्न हुआ तनाव सोमवार को हैदराबाद, लखनऊ, मुंबई और कोलकाता सहित देश के कई विश्वविद्यालय परिसरों में फैल गया.

संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली में जारी प्रदर्शन ने उस समय उग्र रूप ले लिया था जब रविवार को पुलिस ने जामिया मिल्लिया के पुस्तकालय के अंदर आंसू गैस के गोले का इस्तेमाल किया और विश्वविद्यालय की अनुमति के बिना परिसर में दाखिल हो गई.

इस पूरे प्रकरण की जांच की मांग करते हुए सोमवार को सैकड़ों छात्र दिल्ली की सड़कों पर उतर आए. दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों ने जामिया के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए परीक्षाओं का बहिष्कार किया.

उन्होंने कहा कि वे सोमवार की शाम इंडिया गेट पर एकत्रित होंगे.

इस बीच जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों पर एक दिन पहले पुलिस कार्रवाई के खिलाफ विश्वविद्यालय के छात्रों ने सोमवार को कड़कड़ाती ठंड में जामिया के प्रवेश द्वार के बाहर कमीज उतारकर विरोध प्रदर्शन किया.

करीब 10 छात्रों के समूह ने अपने साथियों के साथ मिलकर ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारे लगाए और मार्च निकाला.

वहीं एक छात्र ने अपनी पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर कहा, ‘हमारे सहपाठियों को बुरी तरह पीटा गया. पुलिसकर्मी शौचालयों, पुस्तकालयों में घुस आए. उन्होंने लड़कियों को भी पीटा. हमारा प्रदर्शन दिल्ली पुलिस की गुंडागर्दी के खिलाफ है.’

एक घायल छात्र के साथ जब कुछ महिलाएं अपनी समस्या बताने मीडिया के पास पहुंची तो कुछ लोगों को उनसे यह कहते सुना गया कि वे कोई बयान नहीं दें.

खानजाला नाम के एक छात्र ने बताया, ‘जब पुलिस विश्वविद्यालय में घुसी, तब हम वहीं थे. करीब 20 पुलिसकर्मी द्वार नंबर सात से घुसे और करीब 50 अन्य पीछे के द्वार से घुसे. हमने उन्हें बताया कि हम हिंसा में शामिल नहीं थे. उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी. उन्होंने महिलाओं को भी नहीं बख्शा.’

खानजाला के पैरों और पेट में चोटें आई हैं. खानजाला की चोटें देखकर एक महिला रो पड़ी.

इस पूरी कार्रवाई के दौरान हिरासत में लिए गए 50 छात्रों को सोमवार तड़के पुलिस ने रिहा कर दिया था लेकिन परिसर में अब भी तनाव कायम है.

इससे पहले जामिया मिलिया इस्लामिया में पुलिस की कार्रवाई के खिलाफ ‘आपात’ प्रदर्शन के तौर पर रविवार देर रात सैकड़ों छात्र आईटीओ पर स्थित दिल्ली पुलिस के पुराने मुख्यालय पर पहुंच गए.

प्रदर्शनकारियों ने पुलिस के खिलाफ नारे लगाए और विश्वविद्यालय में घुसने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. जेएनयू छात्रसंघ के इस प्रदर्शन में जामिया मिलिया इस्लमिया विश्वविद्यालय, अंबेडकर विश्वविद्यालय के छात्र और अन्य छात्र भी शामिल हो गए.

हैदराबाद में परिक्षाओं का बहिष्कार

तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद के मौलाना आजाद राष्ट्रीय उर्दू विश्वविद्यालय (एमएएनयूयू) के छात्रों ने भी सोमवार को परीक्षाओं का बहिष्कार कर विरोध प्रदर्शन किया. एमएएनयूयू परिसर में रविवार रात से प्रदर्शन शुरू हो गए जो आधी रात के बाद तक भी चलते रहे. इस दौरान कई छात्रों ने केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की.

विश्वविद्यालय के एक अधिकारी ने कहा कि छात्रसंघों ने सोमवार से शुरू हो रही कई परीक्षाओं का बहिष्कार करने का आह्वान किया है.

बीएचयू, जाधवपुर विश्वविद्यालय, टिस भी प्रदर्शन

वाराणसी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) और कोलकाता में जाधवपुर विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन कर सरकार से पुलिस की ‘गुंडागर्दी’ के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की गई.

मुम्बई के ‘टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज’ (टीआईएसएस- टिस) के छात्रों ने भी प्रदर्शन किया और ‘दिल्ली पुलिस शर्म करो’ के नारे लगाए.

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में प्रदर्शन

संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में जारी प्रदर्शनों के बीच अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में भी रविवार देर रात छात्र और पुलिसकर्मी आमने-सामने आ गए थे. विश्वविद्यालय प्रशासन ने संस्थान को पांच जनवरी तक बंद कर छात्रों से छात्रावास खाली करने को कहा है.

विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार अब्दुल हमीद ने बताया कि मौजूदा हालात के मद्देनजर विश्वविद्यालय को आगामी पांच जनवरी तक के लिए बंद कर दिया गया है और सभी छात्रावास खाली कराए जा रहे हैं.

उन्होंने कहा कि हालात के मद्देनजर सर्दी की छुट्टियां एक हफ्ते पहले ही घोषित कर दी गई हैं. बाकी बची परीक्षाएं पांच जनवरी के बाद आयोजित होंगी. इसका कार्यक्रम जारी किया जाएगा.

मौके पर बड़ी तादाद में पुलिस तैनात है. फायर ब्रिगेड की कई गाड़ियों को भी तैनात किया गया है. समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक नदवा कॉलेज को पांच जनवरी तक के लिए बंद कर दिया गया है.

उधर लखनऊ के गुडंबा थाना क्षेत्र में स्थित एक निजी विश्वविद्यालय में भी छात्रों के विरोध प्रदर्शन की खबरें है लेकिन यह विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्वक रहा.

उत्तर प्रदेश के अलीगढ़, मेरठ और सहारनपुर में इंटरनेट सेवाएं बंद

उत्तर प्रदेश में अलीगढ़, मेरठ और सहारनपुर में इंटरनेट सेवाएं आज भी बंद रहेंगी. इस संबंध में प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) ओपी सिंह ने बताया, ‘आज सुबह नदवतुल उलेमा में छात्रों के एक गुट ने विरोध प्रदर्शन कर परिसर से बाहर आने का प्रयास किया लेकिन उन्हें परिसर से बाहर नहीं आने दिया गया. इस पर छात्रों ने परिसर के अंदर से पत्थर फेंके लेकिन इससे कोई घायल नहीं हुआ.’

उन्होंने कहा, ‘जिलाधिकारी और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक मौके पर पुलिस बल के साथ मौजूद हैं और किसी भी छात्र को परिसर से बाहर नहीं आने दिया जा रहा है.’

उधर लखनऊ के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक कलानिधि नैथानी ने संवाददाताओं को बताया, ‘एक मिनट से भी कम समय छात्रों का विरोध प्रदर्शन चला. पुलिस ने तुरंत स्थिति को संभाल लिया. अब छात्र अपने अपने छात्रावासों में चले गए हैं. अभी भी परिसर के बाहर पुलिस तैनात है.’

नदवतुल उलेमा राजधानी का एक इस्लामिक शिक्षण संस्थान है जो शहर के मध्य में लखनऊ विश्वविद्यालय के पास स्थित है. यहां रविवार देर रात को भी छात्रों ने हंगामा किया था, लेकिन पुलिस प्रशासन ने इन्हें परिसर के अंदर भेज दिया था.

डीजीपी ने कहा, ‘राजधानी लखनऊ के अलावा सोमवार को सुबह से पूरे प्रदेश में स्थिति पूरी तरह सामान्य है. अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय मामले में अज्ञात छात्रों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर उनकी तलाश की जा रही है. विश्वविद्यालय प्रशासन ने पांच जनवरी तक के लिये छुट्टी घोषित कर छात्रों से छात्रावास खाली करने को कहा है. वहां आज सुबह से अभी तक कोई अप्रिय घटना की खबर नहीं है.’

सिंह ने कहा कि अलीगढ़, मेरठ और सहारनपुर में अगले आदेश तक इंटरनेट सेवाएं बंद रखने के आदेश दिये गये हैं. पूरे प्रदेश में फिलहाल शांति बनी हुई है .

योगी आदित्यनाथ ने की शांति की अपील

नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में हुई झड़प को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेशवासियों से शांति और सौहार्द बनाए रखने की अपील करते हुए कहा है कि वे नागरिकता संशोधन कानून के बारे में कुछ स्वार्थी तत्वों द्वारा फैलाई जा रही अफवाहों पर ध्यान न दें.

उन्होंने कहा कि राज्य में कायम अमन-चैन के माहौल को प्रभावित करने की किसी को अनुमति नहीं हैं.

देश के तीन प्रतिष्ठित आईआईटी के छात्रों ने भी किया विरोध

तीन प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थानों (आईआईटी) के छात्रों ने भी जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई का सोमवार को विरोध किया.

आईआईटी कानपुर, आईआईटी मद्रास और आईआईटी बॉम्बे ने छात्रों पर पुलिस कार्रवाई का विरोध किया है.

आईआईटी कानपुर के छात्रों द्वारा लगाए गए एक पोस्टर में लिखा है, ‘उन्होंने यादवपुर विश्वविद्यालय में छात्रों के प्रदर्शन पर कार्रवाई की. हम कुछ नहीं बोले. उन्होंने एमटेक का शुल्क बढ़ा दिया, हम कुछ नहीं बोले. उन्होंने जेएनयू (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय) में छात्र प्रदर्शनकारियों को पीटा, हम कुछ नहीं बोले. और अब जेएमआई (जामिया मिलिया इस्लामिया) और एएमयू (अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय) के साथ यह हुआ.’

आगे कहा गया, ‘यदि हम अब भी कुछ नहीं बोले तो छात्र समुदाय के प्रति हमारी प्रतिबद्धता पर गंभीर सवाल खड़ा होगा। इसलिए आओ, जामिया मिलिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए परिसर में आयोजित मार्च में मिलकर हिस्सा लें.’

छात्रों ने मंगलवार को परिसर में मार्च का आह्वान किया है. इसी प्रकार आईआईटी मद्रास ने परिसर में गजेंद्र सर्किल पर रैली और प्रदर्शन का आह्वान किया है. आईआईटी बॉम्बे ने रविवार रात को प्रदर्शन किया था.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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