नागरिकता क़ानून को लेकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में पुलिस और ज़िला प्रशासन ने लोगों को नोटिस भेजा है. इसके अलावा कानपुर, फ़िरोज़ाबाद और मऊ समेत कई अन्य शहरों की पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों की पहचान के लिए उनकी तस्वीरों का पोस्टर जारी किया है. इससे पहले रामपुर में 25 लाख रुपये की भरपाई के लिए 28 लोगों को नोटिस भेजा गया था.
बिजनौर/गोरखपुर/संभल: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों में हुई हिंसा के संबंध में विभिन्न शहरों की पुलिस और जिला प्रशासन ने लोगों को नोटिस भेजना शुरू कर दिया है. इसके अलावा कुछ शहरों की पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों की फोटो जारी कर उनकी जानकारी देने वालों के लिए इनाम की घोषणा भी की है.
हिंसा में शामिल लोगों की गिरफ्तारियों का सिलसिला जारी है और संपत्ति के नुकसान का आकलन हो रहा है.
शुक्रवार यानी कल जुमे की नमाज के मद्देनजर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है और शांति सुनिश्चित करने के लिए पुलिस लगातार गश्त कर रही है. पिछले हफ्ते जुमे की नमाज के बाद ही हिंसा भडक उठी थी.
हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की संपत्ति जब्त करने की कार्रवाई शुरू हो चुकी है. अलग-अलग जिलों में करीब 400 लोगों को नोटिस दिए गए हैं.
गृह विभाग के एक प्रवक्ता ने गुरुवार को बताया कि हिंसा में मृतकों की संख्या 19 है. इसमें 288 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं, जिनमें से 61 गोलीबारी में जख्मी हुए हैं. उन्होंने बताया कि 327 मामले दर्ज हुए हैं जबकि 5558 लोगों को एहतियातन हिरासत में लिया गया है.
करीब एक हफ्ते तक बंद रही इंटरनेट सेवाएं बहाल कर दी गई थीं, लेकिन एहतियातन कई जगहों पर इसे दोबारा बंद कर दिया गया है ताकि सोशल मीडिया से किसी तरह की अफवाह ना फैलने पाए.
राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि सबसे अधिक 200 नोटिस मुरादाबाद में दिए गए. लखनऊ में 100, बिजनौर में 43, गोरखपुर में 33 और फिरोजाबाद में 29 लोगों को नोटिस दिए गए हैं.
हिंसा में कथित रूप से शामिल होने के लिए प्रदेश भर में 1113 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय: 1200 अज्ञात लोगों के खिलाफ
अलीगढ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) हिंसा के संबंध में लगभग 1200 अज्ञात लोगों के खिलाफ निषेधाज्ञा उल्लंघन के लिए मामला दर्ज किया गया है. इनमें छात्र, शिक्षक और गैर शिक्षण स्टाफ शामिल हैं.
एएमयू के लगभग 2000 लोगों ने 24 दिसंबर की शाम मार्च निकाला था और राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन प्रशासन के एक अधिकारी को सौंपा था.
सिविल लाइंस के क्षेत्राधिकारी अनिल समानिया ने संवाददाताओं को बताया कि उक्त लोगों पर निषेधाज्ञा का उल्लंघन कर बिना अनुमति जुलूस निकालने का मामला दर्ज किया गया है. नागरिकता कानून विरोधी प्रदर्शनों के परिप्रेक्ष्य में एएमयू पांच जनवरी 2020 तक बंद है और हॉस्टल खाली करा लिए गए हैं.
बिजनौर में 43 लोगों को वसूली नोटिस भेजा गया
संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के विरोध में बिजनौर में 20 दिसंबर को हुए हिंसक प्रदर्शन के दौरान हुए नुकसान का आकलन करने के बाद जिला प्रशासन ने 43 लोगों को वसूली नोटिस भेजा है. यहां हिंसा के दौरान दो लोगों की मौत हो गई थी और इस सिलसिले में 146 गिरफ्तारियां की गई हैं.
हिंसक प्रदर्शनों के बाद जिलाधिकारी रमाकांत पांडेय और एसपी संजीव त्यागी ने पहली बार संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 20 दिसंबर को नमाज के बाद हुई हिंसा में संपत्ति के नुकसान के दावों की सुनवाई के लिए एडीएम वित्त और राजस्व के नेतृत्व में टीम गठित की गई है. उन्होंने बताया कि नहटौर में हुई दो मौतों की मजिस्ट्रेट से जांच के आदेश दिए गए हैं.
एसपी ने बताया कि धारा 144 लागू होने के बावजूद जिले के आठ कस्बों में जुलूस निकालकर कानून-व्यवस्था ठप की गई और सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ा गया.
उन्होंने कहा कि पुलिस ने तत्काल हालात काबू किए. 146 पुलिसकर्मी घायल हैं. एक सिपाही मोहित गोली लगने से गंभीर रूप से घायल है. आत्मरक्षा में चली गोली लगने से सुलेमान घायल हुआ बाद में उसकी मौत हो गई.
अधिकारी ने कहा कि एक अन्य व्यक्ति अनस की भी मौत हुई है. 21 लोग घायल हुए जिनका इलाज चल रहा है.
उन्होंने बताया कि सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हिंसा में शामिल लोगों की पहचान की जा रही है. अब तक जिले में 146 गिरफ्तारी हुई है. लोगों को उकसाने के मामले में बिजनौर के पूर्व पालिका अध्यक्ष जावेद आफताब, मौलवी फुरकान और आदिल पर 25-25 हजार रुपये का इनाम रखा गया है. तीनों फरार चल रहे हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बिजनौर एसपी संजीव त्यागी ने कहा, ‘हमने पाया कि पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष जावेद आफताब, डॉ. फुरकान मेहरबान और आदिल के खिलाफ इनाम की घोषणा कर दी है क्योंकि ये तीनों फरार हैं. फुरकान बिजनौर में मदरसा चलाता है.’
गोरखपुर में 33 लोगों को पुलिस ने भेजा नोटिस
बिजनौर के अलावा गोरखपुर शहर में संशोधित नागरिकता कानून को लेकर हुए हिंसक प्रदर्शन में शामिल 33 लोगों को पुलिस ने नोटिस भेजा है. ये नोटिस इन लोगों के घरों पर चिपकाए गए हैं. उनके खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है जबकि 1,000 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज है.
गोरखपुर में हुई हिंसा के दौरान 16 लोग घायल हुए थे.
पुलिस ने हिंसा में शामिल लोगों के फोटो जारी किए हैं और ऐलान किया है कि उनके बारे सूचित करने वालों को इनाम दिया जाएगा.
पुलिस अधिकारियों ने बीते 25 दिसंबर को बताया कि अब तक 26 लोगों को जेल भेजा जा चुका है. पुलिस की ओर से जारी फोटो के आधार पर अन्य कई लोगों को पकड़ा गया है. घर से भागे या फरार लोगों को नोटिस भेजा जा रहा है.
कोतवाली क्षेत्राधिकारी वीपी सिंह ने बताया कि आरोपियों को नोटिस भेजकर संबंधित थाने पहुंचने को कहा गया है और यह भी कहा गया है कि वे गुरुवार तक अपना पक्ष रखें. अगर वे नहीं आते हैं तो उनकी संपत्तियां जब्त की जाएंगी.
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कोतवाली थाने के एसएचओ जयदीप कुमार वर्मा ने बताया, ‘इन 33 लोगों को दो दिन के भीतर हाजिर होने के साथ अपनी बेगुनाही का सबूत पेश करने के लिए भी कहा गया है.’
जिला प्रशासन की एक टीम ने इस बीच हिंसा प्रभावित रेती, नखास चौक और घंटाघर इलाकों का दौरा किया और हिंसा के दौरान सार्वजनिक संपत्तियों को हुए नुकसान का जायजा लिया.
उधर आने वाले शुक्रवार को जुमे की नमाज के मद्देनजर पुलिस प्रशासन एलर्ट है और किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए रिहर्सल भी किया जा रहा है.
मऊ में 110 लोगों की पहचान के लिए पोस्टर जारी
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर प्रदेश के मऊ में पुलिस ने हिंसा के संबंध में 110 लोगों की तस्वीरें जारी की हैं. इन पर पथराव करने और वाहनों में आग लगाने के आरोप हैं. पुलिस ने बताया कि मीडिया और स्थानीय लोगों द्वारा दिए गए वीडियो और तस्वीरों की जांच के बाद पोस्टर बनाया गए हैं.
मऊ एसपी अनुराग आर्य ने बताया, ‘हिंसा के संबंध में तीन एफआईआर दर्ज की गई हैं और अब तक 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हिंसा में शामिल 110 लोगों की अब तक पहचान की गई है. इन 110 लोगों की जानकारी हमारे पास नहीं है, इसलिए उनकी तस्वीरों का पोस्टर जारी किया गया है.’
कानपुर में 48 और फिरोजाबाद में 80 संदिग्धों का पोस्टर जारी
कानपुर पुलिस ने भी 20 और 21 दिसंबर को हुई हिंसा में शामिल 48 लोगों की तस्वीरों का पोस्टर जारी किया है. यहां तीन लोगों की मौत हुई थी और 11 लोग घायल हुए थे. पुलिस ने 17 एफआईआर दर्ज कर अब तक 24 लोगों को गिरफ्तार किया है.
इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कानपुर के बाबूपुरवा थाने के सीओ मनोज कुमार गुप्ता ने बताया, ‘हमने 48 संदिग्धों की तस्वीरों को पोस्टर जारी किया है, जिनकी पहचान अब तक नहीं हो सकी है.’
फिरोजाबाद में 80 लोगों की तस्वीरों का पोस्टर पुलिस ने जारी किया है. पुलिस का दावा है कि शहर के नालबंद इलाके में हुई हिंसा में ये लोग शामिल थे.
फिरोजाबाद वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सचिंद्र पटेल ने बताया कि 13 लोगों को जेल भेजा जा चुका है और वीडियो, फ़ोटो जारी करके उपद्रव करने वालों को चिह्नित किया जा रहा है. सरकारी संपत्ति का नुकसान करने वालों से वसूली की कार्रवाई की जा रही है.
उन्होंने बताया कि कल शुक्रवार को शांति व्यवस्था बनाने के उद्देश्य से पुलिस प्रशासन सतर्क है. गैर ज़िले से आई फ़ोर्स को वापस नहीं किया गया है. अतिरिक्त फ़ोर्स बुलाए जाने की मांग शासन की गई है जिससे ज़िले में पूरी तरह से अमन चैन बना रहे.
संभल में हिंसा के संबंध में 26 लोगों को दिए गए नोटिस
इसी तरह संभल में पुलिस ने संशोधित नागरिकता कानून के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शनों के सिलसिले में 26 लोगों को चिह्नित कर नोटिस जारी किए हैं.
पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने गुरुवार को संवाददाताओं को बताया कि 55 उपद्रवियों को चिह्नित किया गया है, 150 उपद्रवियों के पोस्टर जारी किए गए हैं और चिह्नित लोगों की पहचान बताने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है.
अपर जिलाधिकारी कमलेश अवस्थी ने बताया कि पिछले दिनों संभल में हुई घटना में सरकारी संपत्ति के नुकसान का आकलन जारी है. अब तक के आकलन में 11 लाख 66 हजार रुपये का नुक़सान पाया गया है. अब तक 26 लोगों को चिह्नित कर उन्हे नोटिस जारी किए गए हैं. यदि वह लोग इसकी भरपाई नहीं कर पाएंगे तो उनकी कुर्की तक की जाएगी.
एसपी यमुना प्रसाद ने संभल में हुए उपद्रव के संबंध में बताया कि अब तक 55 लोगों को चिह्नित किया गया है जबकि 150 लोगों के पोस्टर जारी किए गए हैं, जिन्होंने दंगा, फसाद और गोलीबारी की थी. अब तक इस घटना में 48 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
उन्होंने बताया कि घटनास्थल के आसपास तलाशी के दौरान 18 तमंचे, 109 कारतूस, तलवारें, चाकू बरामद किए गए हैं. अब तक 12 मुकदमे दर्ज किए गए हैं. साथ ही भड़काऊ वीडियो जारी करने के आरोप में तीन मुकदमे दर्ज किए गए हैं.
प्रसाद ने बताया कि हिंसा के दौरान महिला पुलिसकर्मियों सहित कुल 55 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे.
बहराचइच में 43 लोगों को गिरफ्तार किया गया
बहराइच में गुरुवार तक कुल 43 लोगों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया है. वीडियो फुटेज के जरिये अभी तक 95 उपद्रवियों को चिह्नित किया गया है तथा बाकी लोगों की गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है.
पुलिस अधीक्षक गौरव ग्रोवर ने बताया कि बीते शुक्रवार को धारा 144 का उल्लंघन कर उपद्रव फैलाने व साजिश करने वालों को चिह्नित करने के लिए पुलिस की दस टीमें लगाई गई हैं. पुलिस के अधिकारी लगातार वीडियो फुटेज खंगालने में लगे हुए हैं. साथ ही आईटी विशेषज्ञ घटना से पूर्व सोशल मीडिया पर वायरल हुए संदेशों की गहन जांच कर रहे हैं.
मालूम हो कि बीते शुक्रवार यानी 20 दिसंबर को नागरिकता संशोधन अधिनियम व संभावित एनआरसी के विरोध में लोगों ने सड़कों पर उतरकर उग्र प्रदर्शन किया था. पुलिस द्वारा रोकने पर प्रदर्शन कर रहे लोगों ने पथराव किया जिससे 10 पुलिसकर्मियों को चोटें आई थीं.
स्थिति को नियंत्रित करने के लिए पुलिस, पीएसी, अर्ध सैनिक बल व आसपास के जनपदों की पुलिस को बुला लिया गया था. पुलिस को लाठी चार्ज व आंसू गैस का प्रयोग करना पड़ा था. दो दिन तक इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई थीं.
दो हजार से अधिक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ गंभीर धाराओं में छह मुकदमे दर्ज किए गए थे. 38 उपद्रवियों को 24 घंटे में ही गिरफ्तार कर लिया गया था. फिलहाल बीते चार दिनों में पुलिस ने पांच लोगों को और गिरफ्तार किया है.
इससे पहले प्रदेश के रामपुर में 28 लोगों को नोटिस जारी करके 25 लाख की भरपाई करने को कहा गया है. नोटिस में इन 28 लोगों को हिंसा और सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान का ज़िम्मेदार बताया गया है.
अधिकारियों ने बताया कि पुलिस और जिला प्रशासन ने पूरे जिले में लगभग 25 लाख रुपये के नुकसान का आकलन करने के बाद बीते 24 दिसंबर को नोटिस जारी किए थे. पुलिस ने शुरू में कहा था कि लगभग 15 लाख रुपये का नुकसान हुआ है लेकिन अंतिम आकलन में यह आंकड़ा 25 लाख रुपये पहुंच गया.
मालूम हो कि नागरिकता कानून के विरोध में हुए प्रदर्शन के दौरान उत्तर प्रदेश में 18 लोगों की मौत हुई थी. डीजीपी मुख्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, उत्तर प्रदेश में हिंसा के संबंध में 213 मामले दर्ज कर 925 लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने चेतावनी दी थी कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को बख्शा नहीं जाएगा, उनसे बदला लिया जाएगा. नुकसान की भरपाई की जाएगी
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)