मध्य प्रदेश के ग्वालियर स्थित जीवाजी विश्वविद्यालय में एमए राजनीतिक शास्त्र के तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा में पूछा गया था, ‘क्रांतिकारी आतंकवादियों के कार्यकलाप वर्णन कीजिए. उग्रवादी और क्रांतिकारी आतंकवादियों में क्या अंतर है?’
ग्वालियर/भोपाल: ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय की कला परास्नातक (एमए) परीक्षा के एक प्रश्न पत्र में कुछ स्वतंत्रता सेनानियों के लिए कथित रूप से ‘क्रांतिकारी आतंकवादी’’ शब्द के इस्तेमाल पर छात्रों और विपक्षी भाजपा ने विरोध प्रदर्शन किया.
मध्य प्रदेश सरकार ने जांच के आदेश दिए हैं और दोषियों के खिलाफ कार्रवाई करने का आश्वासन किया है.
राजनीतिक शास्त्र के परास्नातक पाठ्यक्रम के तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा में बुधवार को प्रश्न पत्र ‘राजनीतिक दर्शन-3, आधुनिक भारत का राजनीतिक विचार’ में एक सवाल पूछा गया था, ‘क्रांतिकारी आतंकवादियों के कार्यकलाप वर्णन कीजिए. उग्रवादी और क्रांतिकारी आतंकवादियों में क्या अंतर है?’
राज्य जनसंपर्क विभाग के एक अधिकारी ने देर शाम बताया कि मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री जीतू पटवारी ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं.
अधिकारी ने बताया कि पटवारी ने उच्च शिक्षा विभाग के प्रधान सचिव को निर्देश दिया कि एक समिति बनाकर तीन दिनों के अंदर घटना की जांच करें.
इससे पहले विद्यार्थियों के एक संगठन अखिल भारतीय लोकतांत्रिक छात्र संगठन (एआईडीएसओ) ने प्रश्न पत्र में ‘क्रांतिकारी आतंकवादी’ शब्द लिखे जाने पर आपत्ति जताते हुए विश्वविद्यालय में प्रदर्शन किया और कहा कि क्रांतिकारी हमारे आदर्श हैं लेकिन उनको आतंकवादी कहना गलत है.
दैनिक भास्कर से बातचीत में रजिस्ट्रार आईके मंसूरी ने कहा, ‘पोस्ट ग्रेजुएट परीक्षा में क्रांतिकारियों को आतंकवादी कहने की रिपोर्ट मिली है. इस मामले की जांच के लिए एक कमेटी बना दी गई है. संबंधित शिक्षक से जानकारी मांगी जा रही है. पूरे मामले की विस्तार से जांच कराई जाएगी.’
विद्यार्थियों से ज्ञापन लेते हुए विश्वविद्यालय के डिप्टी रजिस्ट्रार राजीव मिश्रा ने कहा कि प्रश्न पत्र बनाने वाले प्रोफेसर से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा जाएगा और संबंधित प्रोफेसर का उत्तर आने के बाद परीक्षा समिति इस पर निर्णय लेगी.
एआईडीएसओ की जिलाध्यक्ष मिताली शुक्ला ने सवाल किया कि क्या क्रांतिकारी आतंकवादी थे. उन्होंने कहा, ‘क्रांतिकारी हमारे आदर्श हैं और देश को आजादी दिलाने में उनकी प्रमुख भूमिका रही है. ऐसे में उनको आतंकवादी कहना गलत है. इससे युवाओं में गलत संदेश जाएगा.’
छात्रों की मांग है कि प्रश्न पत्र बनाने वाले प्रोफेसर के खिलाफ कार्रवाई की जाए. यदि ऐसा नहीं हुआ तो विद्यार्थी आंदोलन करेंगे.
इस बीच पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान ने कार्रवाई करने की मांग की और मुद्दे को शर्मनाक एवं दुखद बताया.
उन्होंने कहा, ‘कोई उन्हें आतंकवादी कैसे कह सकता है? उनकी कुर्बानियों के कारण हम स्वतंत्र रूप से सांस ले पा रहे हैं. मध्य प्रदेश सरकार से मेरी मांग है कि ऐसे गैर जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)