एक महिला ने रविवार को ग्रुप की बातचीत के कुछ स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर साझा किए, जहां दक्षिणी दिल्ली के स्कूली लड़कों के एक समूह द्वारा नाबालिग लड़कियों की तस्वीरें शेयर कर आपत्तिजनक बातें की गई हैं. मामले का स्वतः संज्ञान लेते हुए डीसीडब्ल्यू ने पुलिस और इंस्टाग्राम को नोटिस भेजा है.
नई दिल्लीः कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन के दौरान महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराध के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में एक इंस्टाग्राम ग्रुप चैट के कुछ आपत्तिजनक स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं
‘बॉयज़ लॉकर रूम’ नाम के इस इंस्टाग्राम चैट ग्रुप से बड़ी संख्या में 17 से 18 साल के स्कूली छात्र जुड़े हुए हैं, जो अपनी हमउम्र लड़कियों की तस्वीरें इस ग्रुप में शेयर कर आपत्तिजनक बातें करते रहे हैं.
एक महिला ट्विटर यूजर ने तीन मई को इस इंस्टाग्राम चैट ग्रुप के कुछ स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर किए. ग्रुप चैट में एक लड़का कथित तौर पर बाकी के लड़कों को गैंगरेप के लिए उकसा रहा है.
Thread: Students who are 16, 17 years old, are casually talking of gang raping girls and women, swapping nudes without the consent of these women on Reddit, with not even a hint of fear of exposure. The dire crisis of rape womxn face, starts with this rape culture #boyslockerroom
— #MeTooIndia (@IndiaMeToo) May 4, 2020
इन स्क्रीनशॉट को ट्वीट कर लिखा गया है, ‘दक्षिण दिल्ली के 17 से 18 साल के लड़कों का बॉयज़ लॉकर रूम के नाम से एक इंस्टाग्राम ग्रुप चैट है, जहां वे कमउम्र लड़कियों की तस्वीरें शेयर करते हैं, उनकी शारीरिक बनावट को लेकर अश्लील और भद्दी बातें करते हैं. कई बार तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ की जाती है और यहां तक कि लड़कियों का गैंगरेप तक करने की योजनाएं बनती हैं. मेरे स्कूल के दो छात्र भी इस ग्रुप का हिस्सा हैं. मैं और मेरे दोस्त ये सब देखकर डर गए थे. यही वजह है कि मेरी मां चाहती है कि मैं इंस्टाग्राम ही छोड़ दूं.’
ट्विटर पर शेयर किए गए स्क्रीनशॉट से पता चलता है कि लड़कों ने रेप को लेकर भी कई कमेंट किए हैं. जैसे कि – ‘हम उसका आसानी से रेप कर सकते हैं’ और ‘जहां तुम कहोगे, मैं आ जाऊंगा. हम उसका गैंगरेप करेंगे’.
इस पूरे मामले पर दक्षिण दिल्ली और उत्तर प्रदेश पुलिस का कहना है कि वे इंतजार कर रहे हैं कि कुछ परिजन आगे आकर शिकायत करें जिसके बाद औपचारिक रूप से मामला दर्ज किया जाएगा. फिलहाल अभी तक कोई मामला दर्ज नहीं हुआ है.
आईपीसी की धारा 354सी और आईटी अधिनियम की धारा 66ई के तहत तस्वीरों से छेड़छाड़ करना और निजी अंगों की तस्वीरें शेयर करना अपराध है.
Breaking –
DCW chief @SwatiJaiHind issues notice to Instagram and Delhi Police in the matter of a group named “boys locker room” being used by some miscreants to share objectionable pictures of minor girls and planning illegal acts such as rape of minor girls. #boyslockerroom pic.twitter.com/PyzxGCv7kt
— Delhi Commission for Women – DCW (@DCWDelhi) May 4, 2020
दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने इस मामले में स्वतः संज्ञान लेते हुए दिल्ली पुलिस और इंस्टाग्राम दोनों को नोटिस जारी किया है और इस ग्रुप के सभी लड़कों को गिरफ्तार करने की मांग की है.
स्वाति मालीवाल ने ट्वीट कर कहा, ‘इंस्टाग्राम पर बॉयज़ लॉकर रूम नाम के एक ग्रुप के स्क्रीनशॉट देखे. ये हरकत एक घिनौनी, अपराधी और बलात्कारी मानसिकता का प्रमाण है. मामले का संज्ञान लेते हुए पुलिस और इंस्टाग्राम को नोटिस जारी कर रहे हैं. इस ग्रुप के सभी लड़के गिरफ्तार होने चाहिए ताकी कड़ा संदेश दिया जा सके.’
इन लड़कों ने एक ग्रुप पर कई छात्राओं के बारे में हिंसाजनक और यौन टिप्पणियां की थीं.
The disgusting 'Bois Room Locker' scandal is nothing but sexual harassment !
Central Govt is responsible because its a Delhi case.
Cyber crimes against women during lockdown have spiked.
But Shri @AmitShah led Home Ministry is snoozing at the wheel!https://t.co/h7x2ugp5KY
— All India Mahila Congress (@MahilaCongress) May 4, 2020
ऑल इंडिया महिला कांग्रेस ने ट्वीट कर कहा, ‘बॉयज़ लॉकर रूम स्कैंडल यौन उत्पीड़न है. इसके लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार है क्योंकि यह मामला दिल्ली का है. लॉकडाउन के दौरान देश में महिलाओं के खिलाफ साइबर अपराधों में बढ़ोतरी हुई है लेकिन अमित शाह के नेतृत्व में गृह मंत्रालय सो रहा है.’
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल में साइबर अपराध की 54 शिकायतें मिलीं जबकि मार्च में 37 और फरवरी में 21 शिकायतें मिली थी.
बता दें कि लॉकडाउन के कारण ऑनलाइन शिकायतें प्राप्त की जा रही हैं.
हालांकि इस तरह की यह कोई पहली घटना नहीं है. इससे पहले दिसंबर 2019 में मुंबई के एक स्कूल ने 13-14 साल के आठ लड़कों को सस्पेंड किया था.