पश्चिम बंगाल में चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ से 72 लोगों की मौत: ममता बनर्जी

भारी बारिश और 190 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ ‘अम्फान’ बुधवार दोपहर ढाई बजे पश्चिम बंगाल के दीघा तट से टकराया था. अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल में क़रीब पांच लाख लोगों को और ओडिशा में क़रीब 1.58 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

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चक्रवाती तूफान अम्फान की वजह से कोलकाता में भारी बारिश हुई है, जिसकी वजह से कई इलाके जलमग्न हो गए हैं. (फोटो: रॉयटर्स)

भारी बारिश और 190 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ ‘अम्फान’ बुधवार दोपहर ढाई बजे पश्चिम बंगाल के दीघा तट से टकराया था. अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल में क़रीब पांच लाख लोगों को और ओडिशा में क़रीब 1.58 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

चक्रवाती तूफान अम्फान की वजह से कोलकाता में भारी बारिश हुई है, जिसकी वजह से कई इलाके जलमग्न हो गए हैं. (फोटो: रॉयटर्स)
चक्रवाती तूफान अम्फान की वजह से कोलकाता में भारी बारिश हुई है, जिसकी वजह से कई इलाके जलमग्न हो गए हैं. (फोटो: रॉयटर्स)

कोलकाता/भुवनेश्वर/नई दिल्ली: कोलकाता समेत पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में तबाही मचाने वाले अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान ‘अम्फान’ के कारण कम से कम 72 लोगों की मौत हो गई, हजारों मकान नष्ट हो गए और निचले इलाकों में पानी भर गया.

बांग्लादेश में तूफान से सात लोगों की मौत की सूचना है.

अधिकारियों ने बताया कि पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले में एक पुरुष और एक महिला के ऊपर पेड़ गिर जाने से उनकी मौत हो गई. इसके अलावा हावड़ा में भी इसी प्रकार की घटना में 13 वर्षीय बच्ची की मौत हो गई.

उन्होंने बताया कि करंट लगने के कारण हुगली और उत्तर 24 परगना जिलों में तीन लोगों की मौत हो गई.

अधिकारियों ने बताया कि कोलकाता के रीजेंट उद्यान क्षेत्र में एक महिला और उसके सात वर्षीय बेटे पर पेड़ गिर जाने से उनकी मौत हो गई.

उन्होंने बताया कि तूफान के कारण उड़कर आई किसी वस्तु के टकरा जाने से कोलकाता में एक अन्य व्यक्ति की मौत हो गई.

राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि इस चक्रवाती तूफान के कारण जान-माल को हुए नुकसान का अनुमान लगाना अभी संभव नहीं है, क्योंकि जिन क्षेत्रों में सर्वाधिक तबाही मची है, उनमें अब भी जाना संभव नहीं है.

इस बीच पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि चक्रवात अम्फान के कारण राज्य में कम से कम 72 लोगों की मौत हो गई है.

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित जिलों का दौरा करने और तबाह हो गए इलाकों के पुनर्निर्माण के लिए सहायता देने का आग्रह किया.

ममता ने प्रत्येक मृतक के परिवार के सदस्यों के लिए दो से ढाई लाख रुपये के मुआवजे की भी घोषणा की.

उन्होंने कहा, ‘अब तक हमें मिली रिपोर्ट के अनुसार राज्य में चक्रवात अम्फान के कारण 72 लोगों की मौत हो गई है. दो जिले- उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना पूरी तरह से तबाह हो गए हैं. हमें उन जिलों का फिर से पुनर्निमाण करना होगा. मैं केंद्र सरकार से राज्य को हरसंभव मदद देने का आग्रह करूंगी.’

ममता ने अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक के बाद कहा, ‘मैं बहुत जल्द प्रभावित इलाकों का दौरा करूंगी. स्थिति बहाल करने के लिए काम जल्द ही शुरू होंगे. उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना और कोलकाता का एक बड़ा हिस्सा कल शाम से ही बड़े स्तर पर बिजली कटौती का सामना कर रहा है. यहां तक कि टेलीफोन और मोबाइल कनेक्शन भी प्रभावित हैं.’

उन्होंने कहा, ‘मैंने अपने जीवन में कभी भी इतना भयंकर चक्रवात और विनाश नहीं देखा है. मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अनुरोध करूंगी कि वह आएं और चक्रवात अम्फान से प्रभावित इलाकों का दौरा करें.’

इससे पहले भारी बारिश और 190 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं के साथ ‘अम्फान’ बुधवार दोपहर ढाई बजे पश्चिम बंगाल के दीघा तट और बांग्लादेश में हटिया द्वीप के बीच तट पर पहुंचा था.

इसके बाद पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में भारी बारिश और तूफान आया. मौसम विभाग के अनुसार, पश्चिम बंगाल तट पर पहुचने के समय चक्रवात के केंद्र के पास हवा की गति 160-170 किमी प्रति घंटे थी.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राज्य सचिवालय से मंगलवार रात से हालात पर नजर रख रही हैं. उन्होंने कहा कि ‘अम्फान’ का प्रभाव ‘कोरोना वायरस से भी भीषण’ है.

उन्होंने कहा, ‘इलाके के इलाके तबाह हो गए. मैंने आज युद्ध जैसे हालात का सामना किया. कम से कम 10-12 लोग मारे गए हैं. नंदीग्राम और रामनगर, उत्तर तथा दक्षिण 24 परगना के दो जिले पूरी तरह तबाह हो गए.’

पश्चिम बंगाल के उत्तर और दक्षिण 24 परगना जिलों में चक्रवात के कारण भारी बारिश और तूफान आने से खपरैल वाले मकानों के ऊपरी हिस्से तेज हवाओं में उड़ गए, पेड़ एवं बिजली के खम्भे उखड़ गए और निचले शहरों एवं गांवों में पानी भर गया.

कोलकाता में 125 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाओं ने कारों को पलट दिया और पेड़ एवं खम्भे उखड़कर गिर जाने से कई अहम रास्ते बाधित हो गए.

कोलकाता में उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना तथा पूर्वी मिदनापुर से आने वाली खबरों में कहा गया है कि खपरैल के मकानों के ऊपरी हिस्से तेज हवाओं में उड़ गए. बिजली के खम्भे टूट गए या उखड़ गए. भारी बारिश के कारण कोलकाता के निचले इलाकों में सड़कों और घरों में पानी जमा हो गया.

कोलकाता, उत्तर 24 परगना एवं दक्षिण 24 परगना में लंबे समय तक बिजली आपूर्ति ठप रही. मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं भी बाधित हुईं.

मध्य कोलकाता के अलीपुर में सुबह आठ बजे से रात 8.30 बजे के बीच 222 मिलीमीटर बारिश हुई तो दमदम में 194 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गयी. कोलकाता के अधिकतर हिस्सों में रात नौ बजे के बाद बारिश रुक गयी लेकिन तेज हवाएं चलती रहीं.

सुंदरवन डेल्टा के तटबंध इस चक्रवात के कारण टूट गए. टीवी में दिखाई गई फुटेज में दीघा और सुंदरवन में ज्वारभाटा की ऊंची लहरें उठती दिख रही हैं.

टीवी फुटेज में दीघा तट पर समुद्र की काफी ऊंची लहरें दिख रही हैं. भारी बारिश के कारण कई स्थानों पर पानी भर गया, वहीं कच्चे मकान गिर गए या क्षतिग्रस्त हो गए.

पेड़ गिरने से बाधित सड़कों को साफ करने के लिए भारी मशीनरी तैनात की गई है. राज्य सरकार ने पांच लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया है.

राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक एसएन प्रधान ने नयी दिल्ली में कहा कि ओडिशा में 20 टीमों को तैनात कर दिया गया है जबकि पश्चिम बंगाल में 19 यूनिट को तैनात किया गया है.

उन्होंने कहा कि ओडिशा में एनडीआरएफ की टीमों ने सड़कों को साफ करने का अभियान शुरू कर दिया है. वहीं पश्चिम बंगाल में तैनात टीमें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं.

उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में करीब पांच लाख लोगों को और ओडिशा में करीब 1.58 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.

भारतीय मौसम विभाग के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने प्रधान के साथ मीडिया को संयुक्त रूप से संबोधित किया. उन्होंने कहा कि उत्तरी 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर जिलों में 160-170 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल रही थीं. हवाओं की गति बढ़कर 185 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है.

उन्होंने कहा कि चक्रवात का सबसे घातक हिस्सा तट पर पहुंचा गया है जिससे तीनों जिलों में भारी बारिश हुई. तूफान के केंद्र का व्यास 30 किमी का था.

चक्रवात के कारण ओडिशा के पुरी, खुर्दा, जगतसिंहपुर, कटक, केंद्रपाड़ा, जाजपुर, गंजम, भद्रक और बालासोर जिलों के कई इलाकों में तेज बारिश हुई.

महापात्र ने कहा कि चक्रवात बुधवार देर रात तक ओडिशा से आगे बढ़ जाएगा लेकिन उस समय तक खड़ी फ़सलों, पेड़ों और बुनियादी ढांचे को बड़े पैमाने पर नुकसान होगा.

अधिकारियों ने कहा कि उत्तरी और दक्षिणी 24 परगना और पूर्वी मिदनापुर जिलों में पांच मीटर तक का ज्वार उठा जिससे काफी दायरे में आने वाले क्षेत्र जलमग्न हो गए.

पश्चिम बंगाल में बृहस्पतिवार तक तेज हवाएं और बारिश के जारी रहने का अनुमान है. असम और मेघालय में भी बहुत भारी बारिश होने का अनुमान है.

पश्चिम बंगाल में नदिया और मुर्शिदाबाद पार करने के बाद देर रात तक चक्रवाती तूफान के कमजोर होने की उम्मीद है. बाद में इसके कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है.

उपराष्ट्रपति ने चक्रवात अम्फान के कारण लोगों की मौत पर जताया शोक

उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू ने चक्रवाती तूफान अम्फान के कारण लोगों की मौत पर बृहस्पतिवार को शोक जताया और समय रहते लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने के लिए पश्चिम बंगाल तथा ओडिशा के प्रशासन की सराहना की.

उपराष्ट्रपति सचिवालय ने नायडू के हवाले से ट्वीट किया, ‘पश्चिम बंगाल तथा ओडिशा में चक्रवात के कारण हुई जानमाल की क्षति तथा सार्वजनिक और निजी संपत्ति व फसलों को हुए व्यापक नुकसान से व्यथित और चिंतित हूं.’

नायडू ने समय रहते लाखों लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने और प्रभावित इलाकों में राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के सहयोग से बचाव एवं राहत कार्य चलाने के लिए राज्य प्रशासनों की सराहना की.

उन्होंने कहा, ‘जिन परिवारों ने इस आपदा में अपने स्वजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी शोक संवेदनाएं.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)