पिछले साल अगस्त में जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने के बाद प्रशासन ने राज्य के मुख्यधारा के कई नेताओं समेत राजनीतिक कार्यकर्ताओं को नज़रबंद कर दिया था या फिर हिरासत में ले लिया था. इनमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर भी शामिल थे.
श्रीनगरः जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के महासचिव अली मोहम्मद सागर को हिरासत में रखे जाने के फैसले को रद्द कर दिया है.
बीते मंगलवार को सागर के वकील शरीक रेयाज ने कहा, ‘हमने तर्क दिया था कि उनकी (सागर) नजरबंदी का कोई आधार नहीं है. अनुच्छेद 2019 को समाप्त किए जाने का विरोध करने और जुलाई 2019 में पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ बैठक करने को उनके खिलाफ इस्तेमाल किया गया. जुलाई 2019 में पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ की गई बैठक में उन्होंने कहा था कि अगर अनुच्छेद 370 को हटाया जाता है तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे.’
सागर को अगस्त 2019 में जम्मू कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने के बाद हिरासत में लिया था. उन पर इस साल फरवरी में जन सुरक्षा कानून (पीएसए) लगाया गया था.
रेयाज का कहना है कि अदालत ने कहा कि अनुच्छेद 370 का विरोध करना सार्वजनिक व्यवस्था के लिए खतरे का आधार नहीं हो सकता.
उन्होंने कहा कि अदालत ने अतिरिक्त महाधिवक्ता को सागर की रिहाई के निर्देश दिए. उन्होंने कहा कि लेकिन हमें अभी लिखित आदेश का इंतजार करना होगा.
The J&K High Court has quashed the detention of my senior colleague @JKNC_ General Secretary Ali Mohd Sagar. Thankfully he challenged his detention even when those around him were reluctant to. This once again highlights the unjust & indefensible nature of the 5th Aug detentions.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) June 16, 2020
नेशनल कॉन्फ्रेंस के उपाध्यक्ष उमर अब्दुल्ला ने ट्वीट कर कहा, ‘जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट ने मेरे वरिष्ठ सहयोगी नेशनल कॉन्फ्रेंस के महासचिव अली मोहम्मद सागर की नजरबंदी को रद्द कर दिया है. हाईकोर्ट द्वारा सागर की नजरबंदी को रद्द करना पांच अगस्त को की गई नजरबंदी के अन्यायपूर्ण और असमर्थित प्रकृति को उजागर करता है.’
I hope @MehboobaMufti’s legal team take heart from today’s judgement in the J&K High Court quashing Sagar Sb’s PSA detention to pursue Ms Mufti’s case in the Supreme Court with increased determination & vigour. She deserves to be freed without further loss of time.
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) June 16, 2020
उन्होंने पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती की रिहाई के आह्वान को दोहराते हुए कहा, ‘मुझे उम्मीद है कि सागर की नजरबंदी को रद्द करने के जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट के फैसले से महबूबा मुफ्ती की लीगल टीम का हौसला बढ़ेगा और वे सुप्रीम कोर्ट में अधिक जोश और दृढ़ता के साथ मुफ्ती के मामले को आगे बढ़ाएंगे. बिना वक्त गंवाए उन्हें रिहा करना जरूरी है.’
Extremely happy to let all of you know that the PSA against Sagar sb. has been quashed by the J&K High court after the court proceedings which took 6 hearings and finally the judgement has been delivered. Thanks to entire @JKNC_ family and party leadership for being a great(1/2)
— Salman Sagar (@salmanalisagar) June 16, 2020
सागर के बेटे सलमान सागर ने ट्वीट कर कहा, ‘आप सबको यह बताते हुए अत्यंत खुशी हो रही है कि जम्मू कश्मीर हाईकोर्ट द्वारा सागर साहब पर लगाए गए पीएसए को हटा लिया गया है. अदालत में इस मामले में छह सुनवाइयां हुईं और आखिरकार फैसला आ गया. पूरे नेशनल कॉन्फेंस परिवार और पार्टी नेतृत्व का शुक्रिया.’
मालूम हो कि पिछले साल पांच अगस्त को संविधान के अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को खत्म कर जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा हटाने के बाद प्रशासन ने राज्य के मुख्यधारा के तमाम नेताओं समेत राजनीतिक कार्यकर्ताओं को नजरबंद कर दिया था या फिर हिरासत में ले लिया था.
महबूबा मुफ्ती के अलावा पीडीपी नेता नईम अख्तर, नेशनल कॉन्फ्रेंस के हिलाल लोन और पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के चेयरमैन सज्जाद लोन अभी भी नजरबंद हैं.