मणिपुर: मुख्यमंत्री की शिकायत करने वाली अधिकारी को लॉकडाउन के कथित उल्लंघन पर हिरासत में लिया गया

इस महीने की शुरुआत में मणिपुर में नारकोटिक्स एंड अफेयर्स ऑफ बॉर्डर ब्यूरो की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक थोउनाओजम बृंदा ने कहा था कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और राज्य में भाजपा के एक शीर्ष नेता द्वारा उन पर ड्रग्स तस्करी में गिरफ़्तार शख़्स पर लगे आरोप हटाने का दबाव डाला गया था.

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थोउनाओजम बृंदा.

इस महीने की शुरुआत में मणिपुर में नारकोटिक्स एंड अफेयर्स ऑफ बॉर्डर ब्यूरो की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक थोउनाओजम बृंदा ने कहा था कि मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और राज्य में भाजपा के एक शीर्ष नेता द्वारा उन पर ड्रग्स तस्करी में गिरफ़्तार शख़्स पर लगे आरोप हटाने का दबाव डाला गया था.

थोउनाओजम बृंदा.
थोउनाओजम बृंदा.

इम्फाल: इन्फाल वेस्ट पुलिस ने मंगलवार को आरोप लगाया कि पुलिस अधिकारी थोउनाओजम बृंदा और दो अन्य ने कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए लागू लॉकडाउन नियमों का उल्लंघन किया है.

इम्फाल फ्री प्रेस के अनुसार, सोमवार की रात को संगिप्राउ लामखाई में लॉकडाउन प्रतिबंधों का उल्लंघन करने पर बृंदा और उसके साथियों को अस्थायी रूप से हिरासत में लिया गया था.

बता दें कि इस महीने की शुरुआत में नारकोटिक्स एंड अफेयर्स ऑफ बॉर्डर ब्यूरो (एनएबी) की अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक थोउनाओजम बृंदा ने मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह और राज्य में भाजपा के एक शीर्ष नेता पर एक कथित ड्रग डीलर को छोड़ने के लिए उन पर दबाव डालने का आरोप लगाया था.

बृंदा ने 13 जुलाई को इम्फाल हाईकोर्ट के समक्ष दायर एक हलफनामे में यह आरोप लगाए थे. बृंदा के हलफनामे के मुताबिक, इस मामले में मुख्य आरोपी लुखाउसी जू है, जिसे ड्रग्स कार्टेल का सरताज माना जाता है. वह चंदेल जिले में भाजपा का एक स्थानीय नेता भी है.

इसके बाद सिंह ने अदालत में एक याचिका दाखिल कर अधिकारी को उनके खिलाफ मानहानिकारक बयान देने और उनके खिलाफ लगाए गए आरोप से संबंधित सामग्री को मीडिया में प्रकाशित करने से रोकने का आदेश देने का आग्रह किया गया था.

इसके बाद अपने आदेश में दीवानी न्यायाधीश वाई. समरजीत सिंह ने थोउनाओजम बृंदा और कुछ समाचार पत्रों सहित 10 अन्य प्रतिवादियों को मौखिक रूप से मानहानिकारक बयान देने, रिपोर्टिंग करने या प्रकाशित करने से बचने का निर्देश दिया है.

मानहानि के मामले बृंदा के फेसबुक पोस्ट से जुड़े थे जहां उन्होंने भाजपा कार्यकर्ता को जमानत देने के विशेष अदालत के फैसले पर कथित तौर पर सवाल उठाए थे.

बृंदा एक जज को कथित तौर पर अभद्र इशारा करने की भी आरोपी हैं, जिससे उन्होंने अपने हलफनामे में इनकार किया है.

संगई एक्सप्रेस के अनुसार, मंगलवार को इम्फाल के पुलिस महानिरीक्षक के. जयंता ने कहा कि पुलिस बृंदा की निगरानी नहीं कर रही है और उन्हें निशाना बनाने का कोई इरादा नहीं था.

वह हिरासत में लिए जाने के बाद बृंदा द्वारा किए गए फेसबुक पोस्ट पर प्रतिक्रिया दे रही थीं. इससे पहले मंगलवार शाम बृंदा ने फेसबुक पोस्ट में लिखा, ‘काकचिंग कंट्रोल रूम की रिपोर्ट के अनुसार रात 12.40 बजे क्वाकीथेल एफसीआई क्रॉसिंग पर मुझे, सोनिया फरिम्बम और तेनाव को इम्फाल वेस्ट पुलिस द्वारा कर्फ्यू उल्लंघन के आरोप में हिरासत में ले लिया गया.’

उन्होंने आगे लिखा, ‘रात होने के कारण मेरे पति कर्फ्यू उल्लंघन के लिए जुर्माना भरने और हम महिलाओं को छुड़ाने के लिए सहमत हो गए और लेकिन उन्होंने मना कर दिया. पुलिस कह रही है कि लमपेल पुलिस मुझे गिरफ्तार करने आ रही है. हम पूरी तरह से वर्दीधारी में सशस्त्र पुलिसकर्मियों से घिरे हुए हैं.’

उन्होंने आगे आरोप लगाया कि पुलिस ने यह बताने से इनकार कर दिया है कि उन्हें किन आरोपों में हिरासत में लिया गया है. उनका बयान लिया गया, तस्वीरें ली गईं और दो घंटे बाद जाने दिया गया.

वहीं इम्फाल वेस्ट जिले के पुलिस अधीक्षक के. मेघचंद्र ने एक बयान में कहा कि बृंदा जिस कार में सवार थीं उसे वाली चलाने महिला ने खुद की पहचान अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के रूप में की थी. हालांकि, उचित सत्यापन से पहले वह वाहन को लेकर आगे चली गईं जिसके बाद एक चेतावनी जारी की गई.

इम्फाल फ्री प्रेस के अनुसार, पुलिस ने आरोप लगाया है कि वाहन में रहने वालों ने उनकी यात्रा का विवरण देने से इनकार कर दिया और उनका रवैया भी ठीक नहीं था. इसके बाद बृंदा को अंदर बुलाया गया और पुलिस टीम को वाहन का निरीक्षण करने की अनुमति दी गई.

पुलिस ने कहा कि एक चालान काटकर 2.30 बजे बृंदा को जाने दिया गया. हालांकि, बाद में बयान जारी कर आरोप लगाया गया कि बृंदा गैर-जिम्मेदार तरीके से अपने दोस्तों के साथ पांच जिलों में गई थीं.