मध्य प्रदेश सरकार लाएगी ‘लव जिहाद’ के ख़िलाफ़ क़ानून, पांच साल की सज़ा का प्रस्ताव

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विधानसभा के अगले सत्र में ‘लव जिहाद’ के ख़िलाफ़ विधेयक पेश होगा, जिसमें 'लव जिहाद' को ग़ैर ज़मानती अपराध घोषित करते हुए मुख्य आरोपी और उसका साथ देने वालों को पांच साल के कठोर कारावास की सज़ा का प्रावधान किया जाएगा.

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा. (फोटो साभार: फेसबुक/DrNarottamMisra)

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि विधानसभा के अगले सत्र में ‘लव जिहाद’ के ख़िलाफ़ विधेयक पेश होगा, जिसमें ‘लव जिहाद’ को ग़ैर ज़मानती अपराध घोषित करते हुए मुख्य आरोपी और उसका साथ देने वालों को पांच साल के कठोर कारावास की सज़ा का प्रावधान किया जाएगा.

मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा. (फोटो साभार: फेसबुक/DrNarottamMisra)
मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा. (फोटो साभार: फेसबुक/DrNarottamMisra)

भोपाल: मध्यप्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने मंगलवार को कहा कि ‘लव जिहाद’ के खिलाफ सख्त कानून बनाने के लिए प्रदेश सरकार अगले विधानसभा सत्र में एक विधेयक लाएगी.

मिश्रा ने कहा कि ‘लव जिहाद’ को गैर जमानती अपराध घोषित कर मुख्य आरोपी और इसके सहभागियों को पांच साल की कठोर कारावास की सजा का प्रावधान किया जा रहा है.

उन्होंने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘धर्मांतरण करवा कर विवाह अब बहुत तेजी से चल रहा है. इसको आपकी भाषा में लव जिहाद कहते हैं. विधानसभा में हम ‘मध्यप्रदेश धर्म स्वातंत्र विधेयक-2020’ लाने की तैयारी कर रहे हैं . इसे हम अगले सत्र में विधानसभा में ला रहे हैं.’

मंत्री ने कहा, ‘प्रलोभन, बहकावा, धोखाधड़ी एवं बलपूर्वक शादी कर धर्मांतरण कराने पर पांच साल के कठोर कारावास का प्रावधान इस विधेयक में हम हम रख रहे हैं.’

इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, विधेयक में यह प्रावधान भी होगा, जिसमें किसी अंतर-धार्मिक विवाह की औपचारिक रूप देने के एक एक महीने पहले जिला कलेक्टर को सूचित करना आवश्यक होगा.

मिश्रा ने बताया कि इस विधेयक में यह अपराध संज्ञेय तथा गैर जमानती होगा. उन्होंने कहा, ‘इसी तरह से प्रलोभन, बलपूर्वक, धोखाधड़ी तथा बहकावे में धर्मांतरण के लिए किये गए विवाह को अमान्य घोषित किए जाने का भी प्रावधान इसमें हम कर रहे हैं.’

मिश्रा ने बताया, ‘इस विधेयक में अपराध घटित करने वाले का सहयोग करने वाले व्यक्तियों को भी अपराध घटित करने का मुख्य व्यक्ति की तरह ही आपराधिक सहभागिता माना जाएगा.’

उन्होंने कहा कि विधेयक में कार्रवाई के लिए धर्मांतरण के लिए बाध्य किए गए व्यक्ति अथवा उसके माता-पिता अथवा भाई-बहन को शिकायत करना आवश्यक होगा.

इससे पहले भी शिवराज सरकार द्वारा यह संकेत दिया गया था कि वे ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून लेकर आएगी. इस महीने की शुरुआत में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था, ‘लव के नाम पर कोई जिहाद नहीं होगा. जो ऐसी हरकत करेगा, उसे ठीक कर दिया जायेगा और उसके लिए कानूनी व्यवस्था बनाई जाएगी.’

इससे पहले उत्तर प्रदेश और हरियाणा की भाजपा सरकारों द्वारा भी लव जिहाद को लेकर कानून बनाने की बात कही जा चुकी है, हालांकि गौर करने वाली बात यह है कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत कोई भी व्यक्ति अपनी पसंद के व्यक्ति के साथ विवाह करने के लिए स्वतंत्र है.

31 अक्टूबर को जौनपुर में हुई एक चुनावी रैली में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उनकी सरकार के ‘लव जिहाद’ को लेकर सख्त होने के बारे में कह चुके हैं.

हालांकि उत्तर प्रदेश लॉ कमीशन के अध्यक्ष जस्टिस (रिटा.) आदित्य नाथ मित्तल ने द हिंदू से बात करते हुए कहा कि अगर राज्य सरकार ‘लव जिहाद’ पर अंकुश लगाने के लिए हिंदू और मुस्लिम के बीच होने वाले विवाहों को रोकने के लिए कोई ‘सीमित दायरे का कानून’ लाती है, तो यह कानून के सामने तो नहीं टिक पाएगा.

इससे पहले फरवरी में ही खुद भारत सरकार ने संसद में बताया था कि वर्तमान कानूनों में ‘लव जिहाद’ जैसी कोई चीज कहीं भी परिभाषित नहीं है और किसी केंद्रीय जांच एजेंसी के पास ऐसा कोई केस नहीं है.

हरियाणा के गृह मंत्री बोले, ‘लव जिहाद’ के खिलाफ कानून का मसौदा तैयार करने को समिति का गठन किया जाएगा

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने मंगलवार को कहा कि ‘लव जिहाद’ के खिलाफ एक ‘‘सख्त’’ कानून का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा.

विज ने इस मुद्दे पर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक बैठक के बाद कहा कि हरियाणा इस संबंध में अन्य राज्यों द्वारा बनाए गए कानूनों का अध्ययन करेगा.

एक आधिकारिक बयान के अनुसार गृह विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की विज ने अध्यक्षता की और कहा, ‘राज्य में ‘लव जिहाद’ के खिलाफ एक सख्त कानून बनाया जाएगा. इस कानून का मसौदा तैयार करने के लिए एक समिति का गठन किया जाएगा.’

बयान के अनुसार राज्य के गृह मंत्री ने कहा कि ‘यह कानून बनाने के साथ ऐसे व्यक्ति के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी जो किसी पर दबाव डालकर या प्रलोभन देकर या किसी भी तरह की साजिश में शामिल होकर धर्म परिवर्तन में लिप्त पाया जाता है अथवा प्यार के नाम पर ऐसा करने में लिप्त पाया जाता है.’

विज ने कहा कि अन्य लोगों के अलावा गृह विभाग के अधिकारी, महाधिवक्ता इस समिति का हिस्सा होंगे.

अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह विभाग) राजीव अरोड़ा, पुलिस महानिदेशक मनोज यादव, अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, सीआईडी, आलोक मित्तल बैठक में उपस्थित अधिकारियों में शामिल थे.

इस महीने की शुरुआत में विज ने हरियाणा विधानसभा में बताया था कि राज्य सरकार ‘लव जिहाद’ के खिलाफ एक कानून पर विचार कर रही है और उसने हिमाचल प्रदेश से जानकारी मांगी है, जिसने इस मुद्दे पर एक विधेयक पारित किया है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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