अलगाववादी नेता मोहम्मद अशरफ सेहराई जम्मू कश्मीर पुलिस की पीएसए के तहत निवारक हिरासत के दौरान अस्पताल में भर्ती थे, जहां पांच मई को उनकी मौत हो गई. आरोप है कि उनके जनाज़े में उनके दो बेटों- 35 वर्षीय राशिद सेहराई और 33 वर्षीय मुजाहिद सेहराई ने देशद्रोही नारे लगाए थे.
श्रीनगर: पुलिस ने अलगाववादी नेता मोहम्मद अशरफ सेहराई के दो बेटों 35 वर्षीय राशिद सेहराई और 33 वर्षीय मुजाहिद सेहराई को हिरासत में लिया है. अधिकारियों ने रविवार को इस बारे में बताया.
अलगाववादी नेता सेहराई हिरासत में थे और इस महीने एक अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गयी.
अधिकारियों ने बताया कि सेहराई के दोनों बेटों को शनिवार देर शाम शहर के बारजुल्ला इलाके में उनके आवास से हिरासत में लिया गया.
अलगाववादी नेता के जनाजे में आजादी समर्थक नारे लगाने के बाद छह मई को कुपवाड़ा में पुलिस द्वारा दर्ज मामले में उन्हें हिरासत में लिया गया है.
तहरीक-ए-हुर्रियत के तत्कालीन अध्यक्ष सेहराई की पांच मई को जम्मू क्षेत्र में एक अस्पताल में मृत्यु हो गयी थी. सेहराई पीएसए के तहत उधमपुर जेल में थे लेकिन तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें स्थानांतरित किया गया था.
रिपोर्ट के अनुसार, जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज के मुताबिक मौत के बाद सेहराई कोविड-19 पॉजिटिव पाए गए थे.
एंबुलेंस से लाए जाने के बाद कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच छह मई को सुबह होने से पहले सेहराई को उनके पैतृक गांव कुपवाड़ा में एक कब्रिस्तान में दफनाया गया था.
केवल 20 व्यक्तियों को अंतिम संस्कार में शामिल होने की अनुमति दी गई थी, जिनमें ज्यादातर उनके रिश्तेदार थे. पुलिस का दावा है कि यह कोविड-19 प्रोटोकॉल को बनाए रखने के लिए किया गया था.
सेहराई के परिवार ने दावा किया था कि जुलाई 2020 में उन्हें वहां बंद करने के बाद जिला जेल उधमपुर में अधिकारियों द्वारा उसे चिकित्सा सुविधा प्रदान नहीं की गई थी. इससे दो महीने पहले बंदूक उठाने वाले उनके सबसे छोटे बेटे को सुरक्षा बलों ने एक मुठभेड़ में मार गिराया था.
परिवार के अनुसार, सेहराई पिछले 15 वर्षों से कई बीमारियों से पीड़ित थे और उसकी हिरासत की अवधि में हर तीन महीने में चिकित्सा परीक्षण किया जाता था.
इससे पहले उनके बेटे मुजाहिद ने द वायर को बताया था, ‘लेकिन पिछले साल उधमपुर जेल में बंद होने के बाद उन्हें ऐसी कोई चिकित्सा सुविधा नहीं दी गई थी. पिछले 10 महीनों में उन्हें कभी भी इलाज या मेडिकल जांच के लिए जेल से बाहर नहीं लाया गया.
उन्होंने यह भी कहा कि जेल अधिकारियों ने चार मई को उनकी हालत बिगड़ने के बाद ही उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया था.
सेहराई के पोते ने कहा, ‘रात करीब 11 बजे पुलिस ने हमारे घर की दीवारों को फांदकर परिसर में प्रवेश किया. उन्होंने पहले हमसे कहा कि वे राशिद और मुजाहिद से पूछताछ करना चाहते हैं और आधे घंटे बाद उन्हें छोड़ देंगे. लेकिन उन्होंने उन्हें रिहा नहीं किया.’
उन्होंने कहा कि उन्हें रविवार की सुबह सोशल मीडिया से पता चला कि उन्हें जनाजे में नारे के लिए गिरफ्तार किया गया है.
उन्होंने कहा कि उनकी दोनों मौसी कोविड-19 पॉजिटिव हैं और पूरा परिवार आइसोलेशन में है. उनमें से एक को इलाज के लिए एसकेआईएमएस में भर्ती कराया गया था. मेरी दादी भी आइसोलेशन में चली गई हैं. उन्होंने आगे कहा कि उनके चाचाओं के बच्चे अपने पिता के लिए रो रहे हैं.
उन्होंने पूछा, ‘मैं उन्हें कैसे समझा सकता हूं कि उनके पिता को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है?’
पुलिस ने कहा, ‘उन्हें जनसुरक्षा अधिनियम (पीएसए) के तहत नहीं गिरफ्तार किया गया है. लोगों को अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए.’
संपर्क किए जाने पर कुपवाड़ा के पुलिस अधीक्षक जीवी संदीप चक्रवर्ती ने कहा कि देशद्रोही नारे लगाने पर उन्होंने दोनों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियां निवारक अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया है.
राजनीतिक दलों ने पुलिस कार्रवाई की आलोचना की
इस बीच, जम्मू-कश्मीर में विभिन्न राजनीतिक दलों ने सेहराई के बेटों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की आलोचना की है.
पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी नेता महबूबा मुफ्ती ने कहा, ‘भारत सरकार को पीएसए में अपनी हर समस्या का समाधान नजर आता है. हालिया उदाहरण अशरफ सेहराई के बेटे हैं जिन्होंने पर्याप्त चिकित्सा देखभाल न होने के कारण अपने पिता को हिरासत में खो दिया और उन्हें पीएसए के तहत गिरफ्तार कर लिया गया. शेष भारत में मृतकों के साथ बुरा व्यवहार किया जा रहा है, लेकिन कश्मीर में जो जीवित हैं, उन्हें भुगतना पड़ रहा है.’
People all over the world are protesting against the atrocities committed by Israel on Palestine. But in Kashmir its a punishable offence where an artist is booked under PSA & a preacher is arrested simply for expressing solidarity with Palestinians.
— Mehbooba Mufti (@MehboobaMufti) May 16, 2021
हालांकि, उन्हें पीएसए के तहत नहीं बल्कि यूएपीए के तहत गिरफ्तार किया गया.
पीपुल्स कांफ्रेंस के प्रमुख सज्जाद गनी लोन ने सेहराई के बेटों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस अधिकारियों की जमकर खिंचाई की.
लोन ने ट्वीट कर कहा, ‘कौन सा समाज आपकी कार्रवाई को जायज ठहराएगा. उन्होंने अपने पिता को खो दिया जो सरकारी हिरासत में रहते हुए मर गए. क्या आप क्रूरता से प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं. हां, आप क्रूर और बदसूरत के रूप में सामने आते हैं. अब क्या हम इस रेम्बो संस्कृति का अंत कर सकते हैं.’
And y do u have to do that. Which society will condone ur actions. They lost their father who died while being in govt custody. What r u competing for—- ferocity. Point taken. Yes u do come across as ferocious, Cruel and Ugly. Now Can we have an end to this Rambo culture. https://t.co/lOrI7BSvmM
— Sajad Lone (@sajadlone) May 16, 2021
पूर्व केंद्रीय मंत्री सैफुद्दीन सोज ने कहा कि कुछ लोग अशरफ सेहराई के बेटों को उनके पिता के विचारों के लिए दंडित होते देखने पर अड़े हैं.
जम्मू कश्मीर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष सोज ने एक बयान में कहा, ‘यह उन लोगों के चरित्र में एक अप्रिय विशेषता है जो अशरफ सेहराई के निधन के बाद उनके परिवार से लड़ना चाहते हैं. मैं अवमानना के साथ इस रवैये को खारिज करता हूं.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)