प्रदेश में ब्लॉक प्रमुख चुनाव की नामांकन प्रक्रिया के दौरान गुरुवार को राज्य के 22 ज़िलों में हिंसा हुई. इस हिंसा के संबंध में कुल 16 एफआईआर दर्ज की गई हैं. इस दौरान लखीमपुर खीरी में समाजवादी पार्टी से जुड़ी दो महिलाओं के साथ कथित तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने दुर्व्यवहार किया.
लखनऊः उत्तर प्रदेश में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के लिए गुरुवार को हुए नामांकन के दौरान राज्य के 22 जिलों से हिंसा के मामले सामने आए.
लखीमपुर खीरी जिले में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के नामांकन के दौरान हुई हिंसा में समाजवादी पार्टी से जुड़ी दो महिलाओं के साथ कथित तौर पर भाजपा कार्यकर्ताओं द्वारा दुर्व्यवहार किया गया.
इस दौरान समाजवादी पार्टी की ब्लॉक प्रमुख उम्मीदवार की महिला प्रस्तावक के साथ बदसलूकी की गई और उनकी साड़ी खींचने की कोशिश की गई.
वहीं, सिद्धार्थनगर में पूर्व स्पीकर माता प्रसाद पांडेय की गाड़ी तोड़ी गई और उनके साथ अभद्रता भी की गई.
योगी जी के गुंडों द्वारा वरिष्ठ समाजवादी नेता एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष श्री माता प्रसाद पांडे जी पर हमला किया गया। शर्मनाक एवं निंदनीय! pic.twitter.com/wvByy1jGDF
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 8, 2021
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, योगी जी के गुंडों द्वारा वरिष्ठ समाजवादी नेता एवं पूर्व विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडे पर हमला किया गया. शर्मनाक एवं निंदनीय
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के नामांकन के दौरान हुई हिंसा में समाजवादी पार्टी से जुड़ी दो महिलाओं के साथ कथित तौर पर दुर्व्यवहार के एक दिन बाद शुक्रवार को छह पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया.
इन निलंबित किए गए पुलिसकर्मियों में एक सर्किल ऑफिसर और एसएचओ भी शामिल है.
लखीमपुर खीरी जिले में ब्लॉक प्रमुख चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार की प्रस्तावक ने शिकायत की कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके साथ दुर्व्यवहार किया.
समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष रामपाल यादव का आरोप है कि महिला से दुर्व्यवहार के बाद भाजपा कार्यकर्ता ब्लॉक कार्यालय घुसे और एसपी उम्मीदवार के कपड़े फाड़ दिए.
इस घटना का एक वीडियो गुरुवार को सोशल मीडिया पर वायरल हो गया.
एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा, ‘शुक्रवार को इस घटना के संबंध में छह पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है.’
लखीमपुर खीरी जिले के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि सर्किल ऑफिसर अभय प्रताप मॉल, संबंधित पुलिस थाने के एसएचओ आधर कुमार सिंह, इंस्पेक्टर एचपी यादव और तीन सब इंस्पेक्टर को सस्पेंड किया गया है.
पुलिस अधीक्षक विजय धुल ने कहा, ‘इस घटना के संबंध में भाजपा के दो कथित समर्थकों बृज किशोर और यश वर्मा को गिरफ्तार किया गया है विभिन्न धाराओं में मामला दर्ज किया गया है. दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कया गया है और जांच जारी है.’
यह पूछे जाने पर कि क्या दोनों शख्स किसी पार्टी से जुड़े हुए हैं.? लखनऊ रेंज की पुलिस महानिरीक्षक लक्ष्मी सिंह ने कहा, ‘अपराधी, अपराधी होता है और इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि वे किस पार्टी से जुड़े हुए हैं. हम वीडियो में दिखाई दे रहे अन्य आरोपियों की भी पहचान करने में लगे हैं और उन्हें भी जल्दी ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा.’
इसमें दंगा करने, अनुचित प्रभाव डालने या किसी को चोट पहुंचाने, महिला का शील भंग करने के इरादे से हमला करने और लूट से संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है.
मामले पर समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शुक्रवार को कहा कि राज्य की भाजपा सरकार के तहत महिलाएं सुरक्षित नहीं हैं.
यादव ने जारी बयान में कहा, ‘लखीमपुर खीरी में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार और उनकी प्रस्तावक का उत्पीड़न किया गया और उनकी साड़ी खींची. यह लोकतंत्र पर काला धब्बा है.’
उन्होंने कहा, ‘सिद्धार्थ नगर के इटावा में समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार के साथ पुलिस की मौजूदगी में दुर्व्यवहार हुआ. कन्नौज में हमारी महिला उम्मीदवार को पीटा गया.’
इस घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए भाजपा के महासचिव और कन्नौज से सांसद सुब्रत पाठक ने ट्वीट कर कहा, ‘लखीमपुर खीरी में महिला के साथ दुर्व्यवहार के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी आरोपी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया है और मामले में सख्त कार्रवाई के आदेश दिए हैं. क्या अखिलेश यादव अपनी पत्नी के 2012 में बतौर निर्विरोध सांसद चुने जाने पर और अन्य उम्मीदवारों के अपहरण और माफिया और दंगाइयों को संरक्षण देने के लिए इस्तीफा देंगे?’
एडीजी (कानून एवं व्यवस्था) की ओर से जारी बयान में कहा गया कि गुरुवार को ब्लॉक प्रमुख चुनाव के नामांकन की प्रक्रिया के दौरान हिंसा की 24 घटनाएं दर्ज हुईं.
बयान में कहा गया, ’22 जिलों में हिंसा हुई और हमने हिंसा के संबंध में कुल 16 मामले दर्ज किए. अन्य घटनाओं में कोई शिकायत दर्ज नीं हुई और इसलिए कोई मामला दर्ज नहीं हुआ. इन 16 मामलों में कुल 115 लोग नामजद हैं, जिनमें से 25 को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है और 1,730 अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है.’
इस बीच बहराइच के खीरीघाट इलाके में गुरुवार देर रात चुनाव संबंधी हिंसा में ब्लॉक विकास समिति (बीडीसी) के एक सदस्य के 52 वर्षीय रिश्तेदार की मौत हो गयी.
बीडीसी सदस्य यदुरै देवी के बहनोई मायाराम की हत्या के आरोप में भाजपा के एक ब्लॉक प्रमुख प्रत्याशी के पति और एक पुलिस कांस्टेबल समेत चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
पुलिस का कहना है कि यह घटना उस समय हुई जब ब्लॉक प्रमुख उम्मीवार सरिता यज्ञ सैनी के पति सुधीर यज्ञ सैनी अपनी पत्नी के लिए वोट मांगने यदुरै देवी के घर पहुंचे. इस बीच दोनों पक्षों के बीच विवाद हुआ और सुधीर एवं उनके सहयोगियों ने मायाराम की डंडे से पिटाई की.
गिरफ्तार किए गए लोगों में सरिता यज्ञ सैनी की सुरक्षा में तैनात किए गए पुलिस कॉन्स्टेबल जितेंद्र कुमार और शिवपुर ब्लॉक प्रमुख के लिए भाजपा उम्मीदवार भी हैं.
इस बीच राज्य चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कहा कि नामांकन प्रक्रिया समाप्त होने के बाद शुक्रवार को कुल 825 पदों में से 349 पदों पर उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हुए.
राज्य चुनाव आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘कुल 1,778 नामांकन प्राप्त हुए, जिनमें से 68 को रद्द कर दिया गया जबकि 187 उम्मीदवारों ने अपना नामांकन वापस ले लिया, जिससे 1710 उम्मीदवार ही बचे रह गए.’
उत्तर प्रदेश में ‘हिंसा’ का नाम बदलकर ‘मास्टरस्ट्रोक’ रख दिया गया है। pic.twitter.com/poT0aOxxBD
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 10, 2021
इस पूरे मामले पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘उत्तर प्रदेश में हिंसा का नाम बदलकर मास्टरस्ट्रोक रख दिया गया है.’
कुछ सालों पहले एक बलात्कार पीड़िता ने भाजपा विधायक के खिलाफ आवाज उठाई थी, उसे व उसके परिवार को मारने की कोशिश की गई थी।
आज एक महिला का नामांकन रोकने के लिए भाजपा ने सारी हदें पार कर दीं।
सरकार वही।
व्यवहार वही। pic.twitter.com/rTcGQiG3Ai— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 10, 2021
वहीं, कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी ने ट्वीट कर कहा, ‘कुछ सालों पहले एक बलात्कार पीड़िता ने भाजपा विधायक के खिलाफ आवाज उठाई थी, उसे व उसके परिवार को मारने की कोशिश की गई थी. आज एक महिला का नामांकन रोकने के लिए भाजपा ने सारी हदें पार कर दीं. सरकार वही. व्यवहार वही.’