क़रीब दो महीने पहले तमिलनाडु के एक कोच पी. नागराजन पर 19 साल की राष्ट्रीय स्तर की महिला एथलीट ने यौन योषण के आरोप लगाते हुए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने बताया कि जांच अधिकारी का मोबाइल नंबर और ईमेल एड्रेस प्रकाशित करने के बाद कई और महिलाएं समान आरोपों के साथ सामने आई हैं.
नई दिल्ली: तमिलनाडु में 19 साल की राष्ट्रीय स्तर की महिला एथलीट के प्रसिद्ध खेल कोच पी. नागराजन के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाने के दो महीने बाद सात और महिला खिलाड़ियों ने कोच पर समान आरोप लगाए हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, इन सभी शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि नागराजन ने कई सालों तक उनका यौन उत्पीड़न किया और यहां तक कि उनकी ट्रेनिंग रोक देने और करिअर खत्म कर देने तक की धमकी दी.
शिकायतकर्ता महिलाओं ने जूनियर एथलीट के तौर पर कोच नागराजन के तहत ट्रेनिंग ली थी. इनमें से कई महिलाएं उत्पीड़न के समय नाबालिग थीं. हालांकि, अब इनमें से कुछ महिला एथलीटों की उम्र 30 से 40 के बीच है.
पुलिस उपायुक्त एस. महेश्वरन का कहना है कि कोच नागराजन ने 2013 से 2020 तक 19 वर्षीय महिला एथलीट का यौन शोषण किया. राजनीतिक विश्लेषक और खेल कमेंटेटर टीएन रघु के 26 मई के ट्वीट के बाद महिला की पहचान के बाद वह आगे आईं.
दरअसल इस ट्वीट में टीएन रघु ने बेनाम कथित पीड़ित महिलाओं की आपबीती बताई थी.
पुलिस उपायुक्त महेश्वरन का कहना है कि उन्हें नागराजन के खिलाफ यौन उत्पीड़न की सात और शिकायतें मिली हैं.
नागराजन के खिलाफ महिला एथलीट की शिकायत का विवरण देने वाले पुलिस बयान में कहा गया, ‘शिकायतकर्ता एथलीट ने अन्य लड़कियों के साथ 2013 से नागराजन के सानिध्य में ट्रेनिंग ली. कई अवसरों पर दैनिक प्रशिक्षण के बाद वह (नागराजन) अन्य लड़कियों को भेज देते और पीड़िता को एक छोटे कमरे में ले जाते और फिजियोथेरेपी देने के बहाने गलत तरीके से उसे छूते. लड़की के विरोध करने के बावजूद वह सहयोग करने पर ही करिअर में मदद करने की बात करते.’
बयान में कहा गया, ‘नागराजन पीड़िता को धमकी देता कि उसके विरोध करने पर वह प्रतिस्पर्धाओं में उसका प्रवेश रोक देगा. उसने लड़की और उसके परिवार को मारने की भी चेतावनी दी. मानसिक तनाव की वजह से पीड़िता ने यौन उत्पीड़न के बारे में किसी से बात नहीं की और कोच बदल दिया.’
इस मामले में पुलिस द्वारा जांचकर्ता अधिकारी का मोबाइल नंबर और ईमेल एड्रेस प्रकाशित करने के बाद कई और महिलाएं भी सामने आईं.
इन सात शिकायतकर्ताओं में से एक का कहना है कि नागराजन ने 13 साल की उम्र में उसका यौन उत्पीड़न शुरू किया था और यह लगभग सात साल तक चलता रहा. इससे उसका मानसिक स्वास्थ्य प्रभावित हुआ, जिस वजह से आत्महत्या करने के विचार उनके मन में आने लगे और नर्वस ब्रेकडाउन भी हुआ.
पीड़ित महिला ने बताया, ‘जब मैं आठवीं कक्षा में थी तब नागराजन ने कहा था कि वह मेरी लॉन्ग जंप की तकनीक में सुधार करना चाहते हैं. वह मुझे हर किसी से एक घंटे पहले आने को कहते थे इसलिए जब हर कोई वहां चार बजे पहुंचता था, मैं तीन बजे ही पहुंच जाती थी. वह कहते थे कि चार बजे के आसपास ऐसा बर्ताव करना जैसे तुम अभी आई हो. यह बात मुझे अजीब लगी क्योंकि मुझे विशेष ट्रेनिंग मिल रही थी और वह चाहते नहीं थे कि और किसी को इसके बारे में पता चले. मैं उस टीम का हिस्सा थी और मैं इसे लेकर अपने दोस्त खोना नहीं चाहती थी. असल यह एक तरह का सेटअप था.’
शिकायतकर्ता का कहना है कि दूसरा क्लब ज्वॉइन करने से पहले आखिरी दिन वह नागराजन से मिली और नागराजन ने उनसे माफी मांगी.
शिकायतकर्ता का कहना है कि उन्होंने सोचा कि वह सब कुछ पीछे छोड़ आई है लेकिन उन्होंने नए क्लब में नागराजन के उत्पीड़न के बारे में कई अन्य कहानियां सुनी.
बता दें कि नागराजन (59) के खिलाफ 28 मई को पहली शिकायत के बाद उन्होंने नींद की गोलियां खाकर कथित तौर पर आत्महत्या करने की कोशिश की थी. उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज करने के तुंरत बाद आईपीसी और पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत गिरफ्तार कर लिया गया.
पुलिस ने इसके बाद उनके खिलाफ गुंडा एक्ट की धाराएं भी लगाई. महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों की विशेष शाखा के पुलिस उपायुक्त एच. जयलक्ष्मी का कहना है, ‘नागराजन के खिलाफ हर शिकायत से उनकी हिंसक प्रकृति का पता चलता है.’
इस मामले में नागराजन की पत्नी ग्रेस हेलिना से संपर्क करना चाहा लेकिन उन्होंने इन आरोपों पर किसी भी तरह की प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया.