इज़रायली स्पायवेयर पेगासस के ज़रिये राहुल गांधी समेत कई प्रमुख हस्तियों, पत्रकारों आदि की कथित तौर पर जासूसी किए जाने के मामले को लेकर कांग्रेस के अलावा अन्य दलों ने भी केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए स्वतंत्र जांच की मांग की है. सरकार ने अपने स्तर पर ख़ास लोगों पर निगरानी रखने संबंधी आरोपों को ख़ारिज किया है. भाजपा ने कहा कि पेगासस से पार्टी या सरकार को जोड़े जाने का एक भी साक्ष्य नहीं है. अमित शाह ने जासूसी के आरोपों को लेकर कांग्रेस और वैश्विक संगठनों पर साधा निशाना.
नई दिल्ली/मुंबई/चंडीगढ़: कांग्रेस ने इजरायली स्पायवेयर पेगासस के जरिये राहुल गांधी समेत कई प्रमुख हस्तियों की कथित तौर पर जासूसी किए जाने के मामले को लेकर सोमवार को भाजपा को ‘भारतीय जासूस पार्टी’ करार दिया और कहा कि इस प्रकरण को लेकर गृह मंत्री अमित शाह को बर्खास्त किया जाना चाहिए तथा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए.
मुख्य विपक्षी पार्टी ने इस मामले की स्वतंत्र जांच की मांग करते हुए दावा किया कि पेगासस का उपयोग करके कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, कई अन्य विपक्षी नेताओं, मीडिया समूहों और अलग अलग क्षेत्रों के प्रमुख लोगों की जासूसी कराई गई.
इस बीच गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और अंतरराष्ट्रीय संगठनों पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसे ‘‘अवरोधक’’ और ‘विघटनकारी’ अपनी साजिशों से भारत को विकास के पथ से नहीं उतार पाएंगे.
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर इस मामले को लेकर कटाक्ष भी किया और आरोप लगाया कि भाजपा ‘भारतीय जासूस पार्टी’ है.
उसके डर पर हंसी आती है-
ये #BharatiyaJasoosParty है।— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 19, 2021
उन्होंने ट्वीट किया, ‘उसके डर पर हंसी आती है, ये भारतीय जासूस पार्टी है.’ राहुल गांधी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘हम जानते हैं कि वह आपके फोन में सबकुछ पढ़ रहे हैं.’
We know what he’s been reading- everything on your phone!#Pegasus https://t.co/d6spyji5NA
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 19, 2021
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने राहुल गांधी की कथित तौर पर जासूसी किए जाने का मुद्दा उठाते हुए कहा कि गृह मंत्री को पद से हटना चाहिए और प्रधानमंत्री की भूमिका की भी जांच होनी चाहिए.
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि गृह मंत्री को बर्खास्त किया जाना चाहिए.
खड़गे ने संवादददाताओं से कहा, ‘इस मामले की जांच होने से पहले अमित शाह को इस्तीफा देना चाहिए और मोदी जी की जांच होनी चाहिए.’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा, ‘अगर आप लोकतंत्र में विश्वास रखते हो, अगर लोकतंत्र के उसूलों से चलना चाहते हो, संविधान के तहत इस देश को चलाना चाहते हो, तो आप इस जगह पर रहने के काबिल नहीं हैं.’
लाठियां मारों – मुकदमे लगाओ – गोली चलाओ,
जासूस संघी तब भी हारे थे, आज भी हारेंगे..#BhartiyaJasoosParty pic.twitter.com/PMeENjgNjS— Srinivas BV (@srinivasiyc) July 20, 2021
उन्होंने कहा कि कांग्रेस संसद के मानसून सत्र में पेगासस के मुद्दे को पुरजोर ढंग से उठाएगी.
खड़गे ने इस बात पर जोर दिया, ‘इस मामले को हम सदन में उठाएंगे. जो चीजें हमें देश के लोगों को बताना है, वो हम लोकसभा और राज्यसभा के माध्यम से बताएंगे. लड़ेंगे और लड़ते रहेंगे.’
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने कहा कि यह मुद्दा लोकतंत्र का अपमान है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘पेगासस के जरिये जासूसी से जुड़े खुलासे बहुत ही घिनौनी कारगुजारियों की तरफ इशारा करते हैं. अगर ये सच है तो मोदी सरकार संविधान द्वारा देशवासियों को दिए गए निजता के अधिकार पर गंभीर और खतरनाक हमला कर रही है. इससे लोकतंत्र तो नष्ट होगा ही, ये देशवासियों के निजता के अधिकार को कई स्तर पर नुकसान पहुंचाएगा.’
.. के निजता के अधिकार को कई स्तर पर नुकसान पहुंचाएगा। 2/2
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 19, 2021
कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा, ‘राहुल गांधी, अपने (सरकार के) मंत्रियों को जासूसी की गई है. हमारे सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों की भी जासूसी गई है. पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा , कई मीडिया समूहों की जासूसी कराई गई.क्या किसी सरकार ने इस तरह का कुकृत्य किया होगा?’
उन्होंने दावा किया कि भाजपा अब ‘भारतीय जासूस पार्टी’ बन गई है.
सुरजेवाला ने सवाल किया, ‘मोदी जी, आप राहुल गांधी जी की फोन की जासूसी करवाकर कौन से आतंकवाद के खिलाफ लड़ रहे थे? आप मीडिया समूहों और चुनाव आयुक्त की जासूसी करवाकर किस आतंकवादी से लड़ रहे थे? अपने खुद के कैबिनेट मंत्रियों की जासूसी करवाकर कौन से आतंकवाद से लड़ रहे थे?’
कांग्रेस नेता ने यह दावा भी किया कि राहुल गांधी के कार्यालय के कई लोगों की भी जासूसी कराई गई.
उन्होंने यह आरोप भी लगाया कि सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने सोमवार को लोकसभा में जो वक्तव्य दिया वो झूठ था.
छुप-छुप के बातें सुनता है,
मोदी जासूसी करता है ।IYC's Sansad Gehrao against Modi led #PegasusSnoopgate. pic.twitter.com/0O72jQT6DH
— Srinivas BV (@srinivasiyc) July 20, 2021
सुरजेवाला ने कहा, ‘मंत्री जी, आप राज्यसभा में कांग्रेस के ध्यानाकर्षण प्रस्ताव पर शायद पुराने आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद का जवाब पढ़ लेते तो इतना झूठ नहीं बोलते. उस वक्त के मंत्री ने कहा था कि नवंबर, 2019 में इजरायली कंपनी एनएसओ को नोटिस दिया गया.’
उन्होंने सवाल किया, ‘भारतीय सुरक्षा एजेंसियां, न्यायपालिका, चुनाव आयुक्त और विपक्ष की जासूसी करना देशद्रोह और राष्ट्रीय सुरक्षा से खिलवाड़ नहीं है तो क्या है? क्या लोकसभा चुनाव से पहले नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार जासूसी करवा रहे थे? यह इजरायली स्पायवेयर पेगासस कब खरीदा गया और इस पर कितना पैसा खर्च हुआ?’
सुरजेवाला ने यह भी पूछा, ‘क्या अमित शाह को एक मिनट भी अपने पद पर बने रहने का अधिकार हैं? उन्हें पद से बर्खास्त क्यों नहीं किया जाना चाहिए? प्रधानमंत्री की भूमिका की जांच नहीं होनी चाहिए?’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने ट्वीट कर सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या इस स्पायवेयर को सरकार ने हासिल किया है?
उन्होंने सवाल किया, ‘मंत्री जी को एक साधारण प्रश्न का उत्तर देना चाहिए: क्या सरकार ने पेगासस सॉफ्टवेयर/स्पायवेयर हासिल किया?’
मंत्री जी को एक साधारण प्रश्न का उत्तर देना चाहिए: क्या सरकार ने पेगासस सॉफ्टवेयर/स्पाइवेयर हासिल किया?
— P. Chidambaram (@PChidambaram_IN) July 19, 2021
उन्होंने आगे कहा, ‘अपने बयान में मंत्री ने पेगासस के बयान के महत्वपूर्ण हिस्से का उल्लेख करने से इनकार कर दिया. वे सेवाएं जो ‘किसी के लिए कहीं भी और कभी भी खुले तौर पर उपलब्ध हैं’, एचएलआर लुकअप सर्विसेस को संदर्भित करती हैं, पेगासस को नहीं.’
एक अन्य ट्वीट में चिदंबरम ने कहा, ‘पेगासस के मालिक एनएसओ ग्रुप ने कहा है कि एनएसओ अपनी तकनीकों को पूरी तरह से कानून प्रवर्तन और जांच की गई सरकारों की खुफिया एजेंसियों को बेचता है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि मंत्री वैष्णव ने अपनी पारी की शुरुआत गलत तरीके से की है.’
पार्टी के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने कहा कि यह मुद्दा राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए चिंता का विषय है और इसकी स्वतंत्र रूप से जांच होनी चाहिए.
द वायर और 16 मीडिया सहयोगियों की एक पड़ताल के मुताबिक, इजराइल की एक सर्विलांस तकनीक कंपनी एनएसओ ग्रुप के कई सरकारों के क्लाइंट्स की दिलचस्पी वाले ऐसे लोगों के हजारों टेलीफोन नंबरों की लीक हुई एक सूची में 300 सत्यापित भारतीय नंबर हैं, जिन्हें मंत्रियों, विपक्षी नेताओं, पत्रकारों, न्यायपालिका से जुड़े लोगों, कारोबारियों, सरकारी अधिकारियों, अधिकार कार्यकर्ताओं आदि द्वारा इस्तेमाल किया जाता रहा है.
इस प्रोजेक्ट के हिस्से के तौर पर इन नंबरों से जुड़े फोन के एक छोटे-से वर्ग पर की गई फॉरेंसिक जांच दिखाती है कि पेगासस स्पायवेयर के जरिये 37 फोन को निशाना बनाया गया था, जिनमें से 10 भारतीय हैं. फोन का तकनीकी विश्लेषण किए बिना निर्णायक रूप से यह बताना संभव नहीं है कि इस पर सिर्फ हमले का प्रयास हुआ या सफल तौर पर इससे छेड़छाड़ की गई है.
दुनियाभर में पेगासस की बिक्री करने वाली इजरायली कंपनी एनएसओ ग्रुप का कहना है कि इसके ग्राहक ‘प्रमाणित सरकारों’ तक सीमित हैं. हालांकि, यह अपने ग्राहकों की पहचान करने से इनकार करता है, लेकिन इसका इस हफ्ते दोहराया गया यह दावा, इस संभावना को खारिज कर देता है कि भारत में या विदेश में कोई निजी संस्था उस सेंधमारी के लिए जिम्मेदार हो सकती है, जिसकी पुष्टि द वायर और इसके सहयोगियों ने की है.
इस बात का खुलासा होने के बाद कि इस लीक हुई सूची में 40 पत्रकारों के नाम हैं, जिनकी या तो जासूसी हुई है या उन्हें संभावित टारगेट के तौर पर लक्षित किया या है. द वायर ने अपनी रिपोर्ट में बताया था कि लीक किया हुआ डेटा दिखाता है कि भारत में इस संभावित हैकिंग के निशाने पर बड़े मीडिया संस्थानों के पत्रकार, जैसे हिंदुस्तान टाइम्स के संपादक शिशिर गुप्ता सहित समेत इंडिया टुडे, नेटवर्क 18, द हिंदू और इंडियन एक्सप्रेस के कई नाम शामिल हैं.
द वायर ने सोमवार को अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी, तृणमूल कांग्रेस के नेता अभिषेक बनर्जी जैसे विपक्षी नेता और चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के नाम भी इस सूची में शामिल थे.
इस निगरानी सूची में दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर सैयद अब्दुल रहमान गिलानी, सीजेआई रंजन गोगाई पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली महिला, मोदी सरकार के दो मंत्री अश्विनी वैष्णव और प्रह्लाद पटेल, पूर्व चुनाव आयुक्त अशोक लवासा, चुनाव सुधार पर काम करने वाली संस्था एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के संस्थापक जगदीप छोकर आदि भी शामिल हैं.
पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के बीच में चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के फोन को इजरायल स्थित एनएसओ ग्रुप के पेगासस स्पायवेयर के जरिये हैक किया गया था. एमनेस्टी इंटरनेशनल के सिक्योरिटी लैब द्वारा कराए डिजिटल फॉरेंसिक्स से ये खुलासा हुआ है.
यह रिपोर्ट रविवार को सामने आई है. हालांकि सरकार ने अपने स्तर पर खास लोगों पर निगरानी रखने संबंधी आरोपों को खारिज किया है. सरकार ने कहा, ‘इसका कोई ठोस आधार नहीं है या इससे जुड़ी कोई सच्चाई नहीं है.’
जासूसी करने संबंधी खबर भारतीय लोकतंत्र की छवि धूमिल करने का प्रयास: वैष्णव
गौरतलब है कि सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री अश्विनी वैष्णव ने पेगासस सॉफ्टवेयर के जरिये भारतीयों की जासूसी करने संबंधी खबरों को सोमवार को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि संसद के मानसून सत्र से ठीक पहले लगाए गए ये आरोप भारतीय लोकतंत्र की छवि को धूमिल करने का प्रयास हैं.
लोकसभा में स्वत: आधार पर दिए गए अपने बयान में वैष्णव ने कहा कि जब देश में नियंत्रण एवं निगरानी की व्यवस्था पहले से है तब अनधिकृत व्यक्ति द्वारा अवैध तरीके से निगरानी संभव नहीं है.
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने कहा, ‘कल रात को एक वेब पोर्टल द्वारा बेहद सनसनीखेज खबर प्रकाशित की गई. यह प्रेस रिपोर्ट संसद के मॉनसून सत्र के एक दिन पहले सामने आई. यह संयोग नहीं हो सकता है. अतीत में वॉट्सऐप पर पेगासस के इस्तेमाल करने का दावा सामने आया. इन खबरों का तथ्यात्मक आधार नहीं है और सभी पक्षों ने इससे इनकार किया है.’
वैष्णव ने कहा कि 18 जुलाई 2021 को आई प्रेस रिपोर्ट भारतीय लोकतंत्र और एक स्थापित संस्थान की छवि को धूमिल करने का प्रयास लगती है.
कांग्रेस के अलावा अन्य दलों ने भी सरकार पर निशाना साधा, जांच की मांग की
कांग्रेस के अलावा कई विपक्षी दलों ने इजरायली स्पायवेयर पेगासस के जरिये कई प्रमुख लोगों की कथित तौर पर जासूसी करवाने के मामले को लेकर सोमवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और इस प्रकरण की स्वतंत्र जांच करवाए जाने की मांग की.
माकपा ने एक बयान जारी कर कहा कि दो साल पहले उसने जासूसी का यह मुद्दा संसद में उठाया था और मोदी सरकार ने अपने जवाब में उस वक्त इस बात को पूरी तरह खारिज नहीं किया था कि उसने इस स्पायवेयर को बनाने वाली कंपनी एनएसओ की सेवा नहीं ली है.
उसने कहा कि इस मामले में केंद्र सरकार को खुद को पाक साफ साबित करना चाहिए.
तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि वह इस मामले को संसद के मौजूदा मानसून सत्र में जोर-शोर से उठाएगी.
पार्टी के राज्यसभा सदस्य डेरेक ओब्रायन ने कहा, ‘यह बहुत ही गंभीर मुद्दा है और मंत्री ने सदन (लोकसभा) के भीतर अपने जवाब में इससे इनकार नहीं किया कि सरकार इस स्पायवेयर का उपयोग नहीं कर रही है. हम इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे.’
तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के वरिष्ठ नेता सौगत रॉय ने सोमवार को कहा कि इससे पता चलता है कि भाजपा अभिषेक के एक राष्ट्रीय नेता के रूप में उभरने को लेकर भय महसूस कर रही है.
रॉय ने कहा, ‘यह लोकतंत्र के लिए एक काला दिन है. यह बेहद शर्मनाक है कि केंद्र सरकार राजनेताओं, पत्रकारों और अधिकार कार्यकर्ताओं के फोन टैप कर उनकी जासूसी करने के लिए स्पायवेयर का उपयोग कर रही है. इससे टीएमसी नेता अभिषेक बनर्जी भी नहीं बच सके. हमारे चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर का फोन हैक कर लिया गया.’
उन्होंने कहा, ‘यह पूरा मामला केवल इस सरकार की सत्तावादी मानसिकता को दर्शाता है. केंद्र सरकार को इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए. हम इसकी कड़ी निंदा करते है.’
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट किया, ‘फोन की जासूसी करवाकर लोगों की व्यक्तिगत बातों को सुनना ‘निजता के अधिकार’ का घोर उल्लंघन है. अगर ये काम भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) करवा रही है तो यह दंडनीय है और अगर भाजपा सरकार यह कहती है कि उसे इसकी जानकारी नहीं है तो यह राष्ट्रीय सुरक्षा के क्षेत्र में उसकी नाकामी है. फोन-जासूसी लोकतंत्र में एक अपराध है.’
फ़ोन की जासूसी करवाकर लोगों की व्यक्तिगत बातों को सुनना ‘निजता के अधिकार’ का घोर उल्लंघन है। अगर ये काम भाजपा करवा रही है तो ये दंडनीय है और अगर भाजपा सरकार ये कहती है कि उसे इसकी जानकारी नहीं है तो ये राष्ट्रीय सुरक्षा पर उसकी नाकामी है।
फ़ोन-जासूसी एक लोकतांत्रिक अपराध है।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 20, 2021
राकांपा प्रवक्ता और महाराष्ट्र के कैबिनेट मंत्री नवाब मलिक ने कहा कि केवल जांच से ही पता चलेगा कि केंद्र सरकार की किस एजेंसी ने पत्रकारों, मंत्रियों और उद्योगपतियों के फोन कथित तौर पर हैक किए.
मलिक ने मुंबई में संवाददाताओं से कहा कि पेगासस ने स्पष्ट कर दिया है कि उसने यह सॉफ्टवेयर केवल सरकारों को उपलब्ध कराया है, व्यक्तियों को नहीं.
उन्होंने सवाल किया, ‘यदि सॉफ्टवेयर निजी व्यक्तियों को नहीं बेचा गया था तो केंद्र सरकार की किस एजेंसी ने पत्रकारों, मंत्रियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, न्यायाधीशों और उद्योगपतियों के फोन हैक किए?’
मलिक ने कहा कि नरेंद्र मोदी नेतृत्व वाली सरकार को यह बताना चाहिए कि क्या कथित फोन टैपिंग निगरानी के लिए की गई थी. उन्होंने कहा कि जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए.
इससे पहले दिन में राकांपा की सहयोगी शिवसेना ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को इजराइली स्पाईवेयर पेगासस के जरिए पत्रकारों समेत कई लोगों की कथित जासूसी के मुद्दे पर स्पष्टीकरण देना चाहिए. राउत ने नई दिल्ली में संवाददाताओं से कहा कि यह दिखाता है कि देश की ‘सरकार और प्रशासन कमजोर है.’
महाराष्ट्र के गृह एवं सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री सतेज पाटिल ने सोमवार को पेगासस स्पाईवेयर मुद्दे को लेकर केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार की आलोचना की और कहा कि यह सरकार देश के लोकतांत्रिक मूल्यों को बर्बाद कर रही है.
We need stronger IT measures that instead of bullying tech platforms to surrender user information, hold the govt accountable and safeguard the privacy & security of each and every Indian!
— Satej (Bunty) D. Patil (@satejp) July 19, 2021
पाटिल ने सोमवार को एक ट्वीट में कहा, ‘पेगासस लीक भारतीय लोगों के विश्वास और उनकी गोपनीयता का एक बड़ा उल्लंघन है. एक अंतरराष्ट्रीय एजेंसी की मदद से करदाताओं के पैसे का उपयोग करके भारतीय नागरिकों की जासूसी की जा रही है, मोदी सरकार भारत के महान लोकतांत्रिक मूल्यों को बर्बाद कर रही है.’
महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता ने आगे ट्वीट किया, ‘हमें मजबूत आईटी तंत्र की आवश्यकता है जो उपयोगकर्ता की जानकारी को प्रदान करने के लिए तकनीकी प्लेटफार्मों का दुरुपयोग करने के बजाय, सरकार को जवाबदेह बनाएं और प्रत्येक भारतीय की गोपनीयता और सुरक्षा की रक्षा करें!’
युवा कांग्रेस के सदस्यों ने प्रदर्शन किया
भारतीय युवक कांग्रेस (आईवाईसी) के सदस्यों ने सोमवार को केंद्र सरकार के खिलाफ यहां प्रदर्शन किया. भारतीय युवक कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीवी श्रीनिवास के नेतृत्व में प्रदर्शनकारियों ने बारिश के बावजूद संसद भवन की तरफ मार्च किया. युवक कांग्रेस ने बयान जारी कर दावा किया कि कई प्रदर्शनकारियों को दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया.
Stop Snooping Modi Jasoos!!
न तो ये युवा खामोश बैठेंगे और न ही ये देश तुम्हे कभी माफ करेगा, यही जासूसी कांड तुम्हारी सरकार के कफ़न में आखिरी कील साबित होगी..#BhartiyaJasoosParty pic.twitter.com/hZ5w9QQZRb
— Srinivas BV (@srinivasiyc) July 20, 2021
बयान में श्रीनिवास के हवाले से आरोप लगाया गया कि भारत में ‘ब्रिटिश शासन’ के दौरान जासूसी का सहारा लिया जाता था.
उन्होंने जासूसी मामले में संयुक्त संसदीय समिति और उच्चतम न्यायालय के निर्देश में जांच कराए जाने की मांग की और कहा कि जासूसी में संलिप्त लोगों को जब तक दंडित नहीं किया जाता है तब तक आईवाईसी प्रदर्शन करना जारी रखेगी.
अमरिंदर सिंह ने सरकार की आलोचना की, देश के लोकतंत्र पर ‘हमला’ बताया
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने सोमवार को पेगासस जासूसी मुद्दे पर भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यह देश के लोकतंत्र पर एक ‘चौंकाने वाला हमला’ है. उन्होंने उच्चतम न्यायालय से मामले का स्वत: संज्ञान लेने और केंद्र सरकार के खिलाफ कार्रवाई करने का आग्रह किया.
चंडीगढ़ से जारी एक आधिकारिक बयान में मुख्यमंत्री सिंह ने कहा कि यह केंद्र सरकार द्वारा भारत की लोकतांत्रिक राजनीति पर एक ‘चौंकाने वाला हमला’ और ‘शर्मनाक हमला’ है और इसने ‘इस शर्मनाक कृत्य के साथ राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता किया है.’
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, ‘ऐसी जासूसी के साथ, जो कि केंद्र सरकार की अनुमति के बिना इजरायली कंपनी द्वारा नहीं की जा सकती थी, राजग सरकार ने संवेदनशील जानकारी को विभिन्न वैश्विक एजेंसियों, सरकारों और संगठनों के हाथों में डाल दिया तथा इसका देश के खिलाफ दुरुपयोग किया जा सकता है.’
उन्होंने कहा, ‘यह न केवल व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर बल्कि हमारे राष्ट्र की सुरक्षा पर भी हमला है.’
अमित शाह ने जासूसी के आरोपों को लेकर कांग्रेस, वैश्विक संगठनों पर साधा निशाना
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को विपक्षी कांग्रेस और अंतरराष्ट्रीय संगठनों पर उन आरोपों के लिए निशाना साधा कि सरकार नेताओं, पत्रकारों और अन्य लोगों के फोन की जासूसी करने में शामिल थी.
शाह ने कहा कि ऐसी ‘अवरोधक’ और ‘विघटनकारी’ ताकतें अपनी साजिशों से भारत को विकास की पटरी से नहीं उतार पाएंगी.
शाह ने बयान में कहा, ‘इस तथाकथित रिपोर्ट के लीक होने का समय और फिर संसद में ये व्यवधान… आप क्रोनोलोजी समझिए.’
विघटनकारी और अवरोधक शक्तियां अपने षड्यंत्रों से भारत की विकास यात्रा को नहीं रोक पायेंगी। मानसून सत्र देश में विकास के नये मापदंड स्थापित करेगा।https://t.co/dYpslyNKSf
— Amit Shah (@AmitShah) July 19, 2021
केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘यह भारत के विकास में विघ्न डालने वालों की भारत के विकास के अवरोधकों के लिए एक रिपोर्ट है. कुछ विघटनकारी वैश्विक संगठन हैं, जो भारत की प्रगति को पसंद नहीं करते हैं. ये अवरोधक भारत के वो राजनीतिक षड्यंत्रकारी हैं जो नहीं चाहते कि भारत प्रगति कर आत्मनिर्भर बने. भारत की जनता इस ‘क्रोनोलोजी’ और रिश्ते को बहुत अच्छे से समझती है.’
गृह मंत्री ने कहा कि वह देश की जनता को आश्वस्त करना चाहते हैं कि मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की प्राथमिकता स्पष्ट है, वह है ‘राष्ट्रीय कल्याण’ और सरकार इसके लिए काम करती रहेगी चाहे कितनी भी बाधाएं आएं.
शाह ने कहा, ‘कुछ ऐसी देशविरोधी ताकतें हैं, जो महिलाओं और समाज के पिछड़े व वंचित वर्ग को दिए गए सम्मान को पचा नहीं पा रही हैं. यह वही लोग हैं, जो निरंतर देश की प्रगति को बाधित करने का प्रयास करते रहते हैं.’
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘अपना जनाधार व राजनीतिक महत्व खो चुकी कांग्रेस को इसमें कूदते देखना न तो अप्रत्याशित लगता है और न ही आश्चर्यजनक. कांग्रेस के पास लोकतंत्र को कुचलने का अच्छा अनुभव है. लोकतंत्र एवं विकास की अवरोधक कांग्रेस खुद आंतरिक कलह से जूझ रही है इसलिए वह संसद में आने वाले किसी भी प्रगतिशील कार्य को पटरी से उतारने की हरसंभव कोशिश कर रही है.’
संसद में मॉनसून सत्र के पहले दिन विपक्ष द्वारा उत्पन्न किए व्यवधान पर केंद्रीय गृह मंत्री श्री @AmitShah ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि विघटनकारी और अवरोधक शक्तियां अपने षड्यंत्रों से भारत की विकास यात्रा को नहीं रोक पायेंगी।
मानसून सत्र देश में विकास के नये मापदंड स्थापित करेगा। pic.twitter.com/LtUl7UXyZJ
— BJP (@BJP4India) July 19, 2021
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, ‘देश के लोकतंत्र को बदनाम करने के लिए मॉनसून सत्र से ठीक पहले कल (रविवार को) देर शाम एक रिपोर्ट आती है, जिसे कुछ वर्गों द्वारा केवल एक ही उद्देश्य के साथ फैलाया जाता है कि कैसे भारत की विकास यात्रा को पटरी से उतारा जाए और अपने पुराने ‘नैरेटिव’ के तहत अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत को अपमानित करने के लिए जो कुछ भी करना पड़े किया जाए.’
उन्होंने कहा, ‘आज जब प्रधानमंत्री लोकसभा और राज्यसभा में अपने नए मंत्रिपरिषद का परिचय कराने के लिए उठे, जो संसद की एक पुरानी व समृद्ध परंपरा है, तो कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्ष के नेताओं ने दोनों सदनों में कार्यवाही को बाधित किया. क्या वह (विपक्ष) हमारे लोकतंत्र के मंदिर और उसकी गरिमा का ऐसे ही सम्मान करते हैं?’
पेगासस से पार्टी या सरकार को जोड़े जाने का एक भी साक्ष्य नहीं है: भाजपा
भाजपा ने सोमवार को कांग्रेस पर प्रहार करते हुए दावा किया कि पेगासस जासूसी मामले से सत्तारूढ़ दल या मोदी सरकार को जोड़े जाने का ‘एक भी साक्ष्य’ नहीं है. कांग्रेस ने इस मामले में केंद्र सरकार पर हमला किया है.
भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस प्रकरण में शामिल लोगों की विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़े किए और आरोप लगाया कि समाचार पोर्टल ‘द वायर’ द्वारा पहले प्रसारित समाचार ‘गलत’ पाया गया है, जबकि एम्नेस्टी इंटरनेशनल का ‘भारत विरोधी’ एजेंडा जगजाहिर है.
उन्होंने कहा कि जिन लोगों ने यह खबर चलाई उन्होंने ही कहा कि डाटाबेस में किसी खास नंबर की मौजूदगी से इस बात की पुष्टि नहीं होती है कि यह पेगासस से संक्रमित है. उन्होंने खबर के समय पर भी सवाल उठाया, जिसे सोमवार को संसद का मॉनसून सत्र शुरू होने से एक दिन पहले जारी किया गया.
Those who broke the story themselves did not claim that a presence of a particular number in the database does not confirm that it is infected with Pegasus.
It is of paramount importance to reveal all facts in front of the nation.
– Shri @rsprasad pic.twitter.com/5exwWitKcR
— BJP (@BJP4India) July 19, 2021
कथित जासूसी में कांग्रेस नेता राहुल गांधी को भी निशाना बनाए जाने की खबरों पर प्रसाद ने तंज कसते हुए कहा कि उनका हर बयान प्रतिदिन ट्विटर पर है.
उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा, ‘वह अपनी विद्वता देश के साथ साझा करते रहते हैं. क्या कुछ और जानने की जरूरत है.’
उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह के इस्तीफे और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जांच की कांग्रेस की मांग को भी खारिज कर दिया और विपक्षी दल पर आरोप लगाया कि वह निराधार आरोप लगाने में ‘काफी निचले स्तर’ तक गिर गया है.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के ‘लगातार सिकुड़ने और हारने’ के कारण वह संसद को बाधित करना चाह रही है और निराधार एजेंडा चला रही है.
उन्होंने पहले भी विपक्षी दलों के खिलाफ जासूसी करने के आरोपों का जिक्र किया जिसमें तत्कालीन केंद्रीय मंत्री प्रणब मुखर्जी और पी. चिदंबरम को लेकर हुआ विवाद भी शामिल है.
उन्होंने कहा कि 2013 में आरटीआई से खुलासा हुआ कि उस समय की कांग्रेस नीत सरकार प्रति महीने नौ हजार फोन और 500 ई-मेल की निगरानी करती थी और हाल में राजस्थान में इसकी सरकार पर अवैध रूप से फोन टैपिंग के आरोप लगे हैं.
प्रसाद ने कहा, ‘कांग्रेस द्वारा भाजपा के खिलाफ लगाए गए निराधार आरोपों की पार्टी निंदा करती है. भारत में 50 वर्षों से अधिक समय तक शासन करने वाला दल राजनीतिक विमर्श को काफी निचले स्तर पर ले गया है.’
खबर के पीछे के सूत्रों पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि ‘द वायर’ ने ही न्यायाधीश बृजगोपाल हरकिशन लोया (शेख सोहराबुद्दीन मामले की सुनवाई करने वाले न्यायाधीश) की खबर प्रकाशित की. उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने भी इस पर टिप्पणी की थी और यह ‘झूठ’ पाया गया था. उच्चतम न्यायालय ने भी मामले की निष्पक्ष जांच की याचिकाएं खारिज कर दी थीं.
प्रसाद ने कहा, ‘क्या हम इस बात से इनकार कर सकते हैं कि एमनेस्टी जैसी संस्थाओं का भारत विरोधी एजेंडा होता है? हमने जब उनसे नियमों के मुताबिक उनके विदेशी वित्त पोषण के बारे में पूछा तो वे भारत से चले गए.’
If over 45 countries are using Pegasus, as told by NSO, why is only India being targeted?
IT Minister informed today that lawful interceptions can only be made under Indian Telegraph Act & IT Act 2000.
Any form of illegal surveillance isn't possible otherwise: Shri @rsprasad pic.twitter.com/QO98MvtzQ3
— BJP (@BJP4India) July 19, 2021
उन्होंने कहा कि पेगासस स्पायवेयर का मालिकाना हक रखने वाली इजराइली कंपनी एनएसओ ने भी कहा है कि 45 से अधिक पश्चिमी देशों ने इस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया है और पूछा कि भारत को क्यों निशाना बनाया जा रहा है.
उन्होंने कहा, ‘हमारे सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री ने आज स्पष्ट किया कि इलेक्ट्रॉनिक संचार को कानूनी तरीके से भारतीय दूरसंचार कानून, 1885 की धारा 5 (2) और सूचना प्रौद्योगिकी कानून 2000 की धारा 69 के तहत ही इंटरसेप्ट किया जा सकता है. किसी भी तरह की अवैध निगरानी संभव नहीं है.’
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)