जवाहरलाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी देश के आदर्श नेता हैं: नितिन गडकरी

एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकतंत्र में विपक्ष की ज़रूरत पर बात करते हुए कहा कि लोकतंत्र की गाड़ी के दो पहिए सत्तापक्ष और विपक्ष हैं. विपक्ष को मज़बूत होना चाहिए और सत्तापक्ष पर उसका अंकुश बना रहना चाहिए. नेहरू हमेशा वाजपेयी जी का सम्मान करते थे और कहते थे कि विपक्ष भी आवश्यक है.

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नितिन गडकरी. (फोटो: पीटीआई)

एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकतंत्र में विपक्ष की ज़रूरत पर बात करते हुए कहा कि लोकतंत्र की गाड़ी के दो पहिए सत्तापक्ष और विपक्ष हैं. विपक्ष को मज़बूत होना चाहिए और सत्तापक्ष पर उसका अंकुश बना रहना चाहिए. नेहरू हमेशा वाजपेयी जी का सम्मान करते थे और कहते थे कि विपक्ष भी आवश्यक है.

नितिन गडकरी. (फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने जवाहरलाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी को देश के आदर्श नेता बताते हुए कहा कि सभी दलों को आत्मनिरीक्षण और लोकतांत्रिक मर्यादा का पालन करना चाहिए.

न्यूज़ नेशन चैनल के एक कार्यक्रम में गडकरी ने कहा, ‘जवाहर लाल नेहरू और अटल बिहारी वाजपेयी हिंदुस्तान के दो आदर्श नेता हैं. दोनों कहते थे कि हम हमेशा अपनी लोकतांत्रिक मर्यादा का पालन करेंगे.’

केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘अटल जी की विरासत हमारी प्रेरणा है. नेहरू ने भी लोकतंत्र के लिए बहुत काम किया.’

गडकरी ने हाल ही में खत्म हुए संसद के मानसून सत्र, जो कृषि कानून, पेगासस स्पायवेयर और डीजल-पेट्रोल के बढ़ते दामों को लेकर विपक्ष के लगातार विरोध को लेकर भी बात की.

उन्होंने अपने महाराष्ट्र विधानसभा के एक वाकये को याद करते हुए बताया, ‘मैं महाराष्ट्र विधानसभा में विपक्ष का नेता था और उस समय विधानसभा में रोज सरकार का विरोध हो रहा था. विधानसभा की घटना अखबारों में खूब छप रही थी. उसी समय हमने अटल जी को घाटकोपर के फ्लाईओवर के उद्घाटन के लिए बुलाया था. हम गाड़ी में बैठे थे और अटल जी ने अखबार देखकर कहा, नितिन ये सब क्या करते हो! ये अच्छा नहीं है, अपनी बात कहना चाहिए और लोगों तक ले जाना चाहिए. लोकतंत्र में काम करने का ये तरीका नहीं है.’

उन्होंने आगे कहा कि सत्ता और विपक्ष दोनों के ही दलों को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए. केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘आज जो सत्ता में हैं कल विपक्ष में हो सकते हैं, आज विपक्ष में जो हैं कल सत्ता में आ सकते हैं. इसलिए सबको आत्मपरीक्षण करना चाहिए. लोकतंत्र की मजबूती के लिए सबको मिलकर काम करना होगा. लोकतंत्र में राजनीतिक दलों की भूमिका बदलती रहती है… जिम्मेदारी बदलती रहती है इसलिए हमें अपनी भूमिका का निर्वहन जिम्मेदारी से करना चाहिए.’

‘मैं तो जीवन के अनेक सालों तक विपक्ष में काम कर चुका हूं. तो कहीं न कहीं सब लोगों मर्यादा का पालन करते जाएं.’

गडकरी ने लोकतंत्र की सफलता के लिए विपक्ष को ज़रूरी बताते हुए कहा, ‘लोकतंत्र की गाड़ी अगर ठीक से चले तो सत्तापक्ष के साथ विपक्ष को भी मजबूत होना चाहिए. लोकतंत्र की गाड़ी के दो पहिए हैं- सत्तापक्ष और विपक्ष. विपक्ष को मजबूत होना चाहिए और सत्तापक्ष पर उसका अंकुश बना रहना चाहिए. नेहरू हमेशा वाजपेयी जी का सम्मान करते थे और कहते थे कि विपक्ष भी आवश्यक है.’

उन्होंने जोड़ा, ‘और इसलिए कांग्रेस पार्टी विपक्ष के रूप में मजबूत बननी चाहिए हुए विचार के आधार पर उनको जिम्मेदार विपक्ष का काम करना चाहिए. वही मेरी उनके लिए शुभकामना है.

लोकतंत्र के चारों स्तंभों- विधायिका, कार्यपालिका, न्यायपालिका और मीडिया को जिम्मेदारी से उनकी भूमिका निभाने की सलाह देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यदि इसमें से एक भी अंग ठीक से काम नहीं करेगा तो लोकतंत्र ठीक से नहीं चल सकता.

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