अफ़ग़ानिस्तान में तालिबान संकट के बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि हर किसी ने देखा कि कैसे लोग उन्हें वहां से निकालने की मांग कर रहे थे. हमने वही मुद्दा उठाया था. केंद्र द्वारा पड़ोसी देशों के सिख और हिंदू शरणार्थियों को संवैधानिक अधिकार देने के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम लाया गया था.
लखनऊ: अफगानिस्तान में तालिबान संकट के बीच भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार ने पड़ोसी देशों के सिख और हिंदू शरणार्थियों को संवैधानिक अधिकार प्रदान करने के लिए नागरिकता संशोधन अधिनियम लाया था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड में मौजूद नड्डा ने कहा कि हर किसी ने देखा कि कैसे अफगानिस्तान के लोग वहां से निकालने की मांग कर रहे थे.
उन्होंने कहा, ‘लेकिन हमने वही मुद्दा उठाया था. अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के हमारे सिख और हिंदू भाई जिन्होंने भारत में शरण ली थी, लेकिन उन्हें संवैधानिक सुरक्षा नहीं मिली थी और कई वर्षों तक सुविधाओं से वंचित रहे. उनका शोषण किया जा रहा था. नरेंद्र मोदी सरकार ने उन्हें नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के जरिये मुख्यधारा में लाया.’
उन्होंने यह भी कहा कि केंद्र सरकार अफगानिस्तान से भारतीय नागरिकों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रयास कर रही है.
उत्तराखंड में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों की तैयारियों का जायजा लेने के लिए नड्डा राज्य की दो दिनों की यात्रा पर हैं.
शनिवार को राज्य में उनके दौरे का आखिरी दिन था. उन्होंने पूर्व सैनिकों से मुलाकात की और बाद में हरिद्वार में साधुओं को सम्मानित करने के लिए एक कार्यक्रम को संबोधित किया.
दूसरे कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद थे, जहां नड्डा ने साधुओं से आशीर्वाद भी मांगा.
पूर्व सैनिकों के साथ बातचीत के दौरान नड्डा ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व ने सुरक्षाकर्मियों का मनोबल बढ़ाया है और उन्हें सीमा पार से गोलीबारी के खिलाफ जवाबी कार्रवाई के लिए केंद्रीय मुख्यालय से अनुमति की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है.
नड्डा ने दावा किया कि लगभग 8-10 साल पहले, जब कठुआ या पुंछ में गोलीबारी होती थी, तो विभिन्न कार्यालयों को सूचना देनी पड़ती थी और अंततः सुरक्षाकर्मियों को एक संदेश के लिए इंतजार करने के लिए कहा जाता था, जो अब ऐसा नहीं था.
नड्डा ने यह भी कहा कि अतीत में सशस्त्र बलों के आधुनिकीकरण को लंबे समय से रोक दिया गया था लेकिन मोदी सरकार ने इस कवायद को तेज कर दिया.