केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने बिशप जोसेफ कल्लारंगत की ‘नारकोटिक और लव जिहाद’ संबंधी टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह के बयान किसी भी परिस्थिति में नहीं दिए जाने चाहिए.
तिरुवनंतपुरमः केरल के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने कैथोलिक बिशप के ‘नारकोटिक और लव जिहाद’ संबंधी बयान को मंगलवार को खारिज करते हुए कहा कि केरल धर्मनिरपेक्षता का मजबूत क्षेत्र है.
विजयन ने कहा कि समाज उन लोगों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाएगा जो इसे बाधित करने की कोशिश करेंगे.
मुख्यमंत्री विजयन का यह बयान विपक्ष द्वारा बार-बार की जा रही आलोचना के मद्देनजर आया है.
पलक्कड़ जिले में माकपा की स्थानीय समिति के कार्यालय की इमारत का वर्चुअली उद्घाटन करते हुए विजयन ने पाला बिशप जोसेफ कल्लारंगत की नारकोटिक जिहाद टिप्पणी की आलोचना करते हुए कहा कि इस तरह के बयान किसी भी परिस्थिति में नहीं दिए जाने चाहिए.
विजयन ने एक संवाददाता सम्मेलन में इस मामले पर बिशप के पूर्व बयानों का जिक्र करते हुए कहा, ‘मैंने इसे दुर्भाग्यपूर्ण दिन करार दिया है. मैंने कहा है कि जिस उच्च पद पर वह आसीन है, इस तरह के उच्च पद पर आसीन किसी भी शख्स को इस तरह के बयान नहीं देने चाहिए.’
विजयन ने कहा कि समाज ने बिशप के बयान को गंभीरता से नहीं लिया.
उन्होंने कहा, ‘बहुत सारे लोग इसके समर्थन में नहीं हैं. यह केरल है, धर्मनिरपेक्षता का मजबूत क्षेत्र. किसी को यह नहीं सोचना चाहिए कि इसे बाधित किया जा सकता है. जो भी इस तरह के कदम उठाएगा, समाज उसके खिलाफ कड़ा रुख अपनाएगा.’
मुख्यमंत्री ने बिशप के ‘लव जिहाद’ बयान की भी आलोचना करते हुए कहा कि केंद्र सरकार ने संसद को बताया है कि देश में ऐसा कुछ नहीं हो रहा.
साइरो-मालाबार चर्च से संबंधित बिशप जोसेफ कल्लारंगत ने बीते नौ सितंबर कहा था कि केरल में ईसाई लड़कियां ‘लव और नारकोटिक जिहाद’ का शिकार बन रही हैं तथा जहां भी हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया जा सकता, वहां दूसरे धर्मों के युवाओं को बर्बाद करने के लिए चरमपंथी ऐसे तरीके अपना रहे हैं.
बिशप ने कहा था कि ‘लव जिहाद’ के तहत गैर मुस्लिम, विशेषकर ईसाई समुदाय की लड़कियों को बड़े स्तर पर प्रेम संबंध में फंसाकर उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है और आतंकवाद जैसे कृत्यों के लिए उनका इस्तेमाल किया जा रहा है.
मुस्लिम संगठनों ने बिशप के इस बयान का कड़ा विरोध करते हुए उनसे इस बयान को वापस लेने का आग्रह किया था कि लेकिन बिशप अपने बयान पर कायम रहे.
1921 में त्रावणकोर में हुए ऐतिहासिक छात्र आंदोलन के शताब्दी समारोह के उद्घाटन के मौके पर भी विजयन ने कहा था कि समाज के कुछ वर्गों में सामाजिक बुराइयों के बढ़ते रुख को तुरंत रोकने की जरूरत है, ऐसा नहीं करने पर समाज में सांप्रदायिक मतभेद बढ़ेंगे.
मुख्यमंत्री विजयन ने कहा कि सामाजिक बुराइयों को प्रमुखता देने वाले, गैरकानूनी गतिविधियों में शामिल या आमजन के हितों के खिलाफ काम करने वालों को समाज के किसी विशेष वर्ग के साथ शामिल नहीं करना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘ऐसा करने से सामाजिक और सांप्रदायिक एकता मजबूत नहीं होगी बल्कि समाज में सांप्रदायिक मतभेद ही बढ़ेंगे.’
(समाचार एजेंसी पीटीआई से इनपुट के साथ)