फेसबुक की सीक्रेट ब्लैकलिस्ट लीक, सीपीआई (माओवादी), सनातन संस्था सूची में शामिलः रिपोर्ट

फेसबुक की इस 'डेंजरस इंडिविजुअल्स एंड ऑर्गेनाइजेशन्स' नाम की सूची को खोजी वेबसाइट इंटरसेप्ट ने सार्वजनिक किया है. सूची में भारत के ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी), कंगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी, खालिस्तान टाइगर फोर्स, नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (इसाक-मुइवा), पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कंगलीपाक, सनातन संस्था जैसे कई संगठन शामिल हैं.

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(फोटो साभारः थॉट कैटलॉग/अनस्प्लैश)

फेसबुक की इस ‘डेंजरस इंडिविजुअल्स एंड ऑर्गेनाइजेशन्स’ नाम की सूची को खोजी वेबसाइट इंटरसेप्ट ने सार्वजनिक किया है. सूची में भारत के ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी), कंगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी, खालिस्तान टाइगर फोर्स, नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (इसाक-मुइवा), पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कंगलीपाक, सनातन संस्था जैसे कई संगठन शामिल हैं.

(फोटो साभारः थॉट कैटलॉग/अनस्प्लैश)

नई दिल्लीः सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक की एक सीक्रेट ब्लैकलिस्ट लीक हुई है, जिसमें भारत से बाहर मौजूद 10 आतंकी या चरमपंथी संगठन शामिल हैं जिन्हें फेसबुक खतरनाक मानता है.

रिपोर्ट के अनुसार, फेसबुक की इस ब्लैकलिस्ट का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि डिजिटल प्लेटफॉर्म फेसबुक का इस्तेमाल हिंसा फैलाने या गैरकानूनी गतिविधि को बढ़ावा देने के लिए न किया जाए.

इस सूची में हिंदुत्व समूह सनातन संस्था से लेकर प्रतिबंधित कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी), नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (इसाक-मुइवा) तक शामिल हैं.

फेसबुक की इस ‘डेंजरस इंडिविजुअल्स एंड ऑर्गेनाइजेशन्स’ (डीआईओ) नाम की सूची को पहली बार खोजी वेबसाइट इंटरसेप्ट ने सार्वजनिक किया.

फेसबुक ने इस सूची की प्रमाणिकता पर कोई सवाल नहीं उठाया है लेकिन बयान में कहा कि उन्होंने इस सूची को गोपनीय रखा था क्योंकि यह प्रतिकूल स्पेस है.

आतंकवाद और खतरनाक संगठनों के लिए फेसबुक के नीति निदेशक ब्रायन फिशमैन ने जारी बयान में कहा, ‘हम अपने प्लेटफॉर्म पर आतंकी, हेट ग्रुप या आपराधिक संगठन को नहीं चाहते हैं. यही वजह है कि हम उन पर प्रतिबंध लगाते हैं और उनकी प्रशंसा, प्रतिनिधित्व या समर्थन करने वाले कंटेंट को हटा देते हैं.’

बयान में कहा गया, ‘हमने मौजूदा समय में हमारी नीतियों के उच्चतम स्तरों पर 250 से अधिक श्वेत वर्चस्वादी समूहों सहित 250 से अधिक संगठनों पर प्रतिबंध लगाया है और हम नियमित रूप से अपनी नीतियों और उन संगठनों को अपडेट करते हैं जो प्रतिबंधित होने के योग्य हैं.’

कई ट्वीट में फिशमैन ने कहा कि इस सूची को लगातार अपडेट किया जा रहा है और यह और भी विस्तृत हो सकती है.

यह नीति क्या करती है?

डीआईओ सूची अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित हैं. उदाहरण के लिए फेसबुक के आम यूजर्स इन संगठनों और इन गतिविधियों के बारे में क्या राय रखते हैं, उसके आधार पर इन संगठनों को नियंत्रित किया जाता है. इनमें से किसी भी संगठन को फेसबुक पर उपस्थिति दर्ज कराने की मंजूरी नहीं है.

इस सूची में भारत के कई संगठन ऑल त्रिपुरा टाइगर फोर्स, कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (माओवादी), कंगलीपाक कम्युनिस्ट पार्टी, खालिस्तान टाइगर फोर्स, नेशनलिस्ट सोशलिस्ट काउंसिल ऑफ नगालैंड (इसाक-मुइवा), पीपुल्स रिवोल्यूशनरी पार्टी ऑफ कंगलीपाक, सनातन संस्था शामिल हैं.

इसके अलावा इस सूची में भारत और कई देशों में संचालित कई इस्लामिक चरमपंथी और आतंकी समूह भी है.

इस सूची में इंडियन मुजाहिद्दीन, जैश-ए-मोहम्मद का अफजल गुरु स्क्वैड और इस्लामिक स्टेट और तालिबान जैसे कई वैश्विक संगठों के विभिन्न स्थानीय या उपसमूह शामिल हैं.

यह नीति काम कैसे करती है?

तथ्य यह है कि इस सूची में शामिल कुछ नाम फेसबुक पर प्रतिबंधित है. उदाहरण के लिए टाइम पत्रिका ने बताया था कि फेसबुक ने सितंबर 2020 में सनातन संस्था से जुड़े तीन पेजों को प्रतिबंधित कर दिया था.

हालांकि, इसके जरिये चरमपंथी समूहों की ऑनलाइन पहुंच कुछ हद तक कम हुई है. अप्रैल 2021 तक फेसबुक पर 27 लाख से अधिक फॉलोअर्स वाले 23 पेज सोशल मीडिया पर सक्रिय थे.

इसके अलावा आलोचकों का कहना है कि हालांकि, फेसबुक नफरत फैलाने वाले समूहों को अपनी डीओआई नीति का हिस्सा मानता है लेकिन वैश्विक निकायों द्वारा निर्धारित किए गए मुस्लिम विरोधी नफरत फैलाने वाले कई संगठनों को इस सूची में शामिल नहीं किया गया है.