तेलुगू देशम पार्टी के सांसद टीजी वेंकटेश का कहना है कि कांचा इलैया की किताब समाज को बांटने वाली है.
हैदराबाद: लेखक और सामाजिक चिंतक प्रो. कांचा इलैया अपनी नई किताब ‘सामाजिका स्मगलर्लु कोमाटोल्लू’ की वजह से विवादों में घिरे हुए हैं. इस किताब की वजह से उन्हें लगातार धमकियां मिल रही हैं.
डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के अनुसार, बीते 18 सितंबर को आंध्र प्रदेश से तेलुगू देश पार्टी के राज्यसभा सांसद टीजी वेंकटेश ने कांचा इलैया को देशद्रोही क़रार देते हुए कहा, ‘उनकी लेखनी समाज को बांटने के लिए होती है. खाड़ी देशों की तरह वह भी सार्वजनिक रूप से फांसी दे देने लायक हैं.’
स्क्रॉल डॉट इन की रिपोर्ट के अनुसार, टीजी वेंकटेश आर्य वैश्य समुदाय से आने वाले एक बड़े नेता है और कांचा इलैया की नई किताब में दावा किया गया है कि आर्य वैश्य समुदाय मांस खाता था और ये किसान हुआ करते थे. बाद में वे शाकाहारी हो गए.
डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के अनुसार, आर्य वैश्य महासभा की ओर से हुए एक कार्यक्रम में शामिल होने आए टीजी वेंकटेश ने कहा कि हमारे समुदाय से आने वाले देश भर के सदस्यों को प्रो. कांचा इलैया के ख़िलाफ़ केस दर्ज कराना चाहिए.
रिपोर्ट के अनुसार, तेलुगू देश पार्टी की नेता और अभिनेत्री कविता ने कहा, ‘प्रो. इलैया डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम से ज़्यादा ख़तरनाक हैं.’ निज़ामाबाद से तेलंगाना राष्ट्र ससमिति के विधायक गणेश बिगाला ने कहा, ‘इस बात का शक़ है कि प्रो. इलैया किसी विदेशी देश के एजेंट हैं.’
स्क्रॉल डॉट इन की रिपोर्ट के अनुसार, पूरे राज्य में प्रो. कांचा इलैया की किताब के विरोध में प्रदर्शन हो रहे हैं. आर्य वैश्य संगठनों ने दावा किया है कि किताब के शीर्षक का मतलब है, ‘कोमाटोल्लू सामाजिक तस्कर होता है’, जो कि उनकी प्रतिष्ठा के ख़िलाफ़ है.
स्क्रॉल डॉट इन की रिपोर्ट के अनुसार, 18 सितंबर को हुए कार्यक्रम के बाद सांसद टीजी वेंकटेश ने कहा, ‘खाड़ी देशों की तरह भारत में भी ऐसे नियम होने चाहिए जिसके तहत ईश निंदा और किसी धर्म विशेष के ख़िलाफ़ आपत्तिजनक बात कहने वाले को सज़ा के रूप में सार्वजनिक तौर पर पत्थर मारे जाने और फांसी पर लटकाने का प्रावधान हो.’
रिपोर्ट के अनुसार, इस बयान को उन्होंने कई दूसरे इंटरव्यू के दौरान भी दोहराया. टीवी9 से बातचीत के दौरान वेंकटेश ने कहा, ‘मैं स्पष्ट रूप से कह रहा हूं कि मैंने उन्हें जान से मारने के लिए नहीं कहा, लेकिन इलैया जैसी टिप्पणी करने वाले लोगों को कानून में संशोधन कर फांसी पर लटका देना चाहिए, क्योंकि ऐसी टिप्पणियां इस तरह की स्थितियां पैदा कर सकती हैं जिसमें लोग मार दिए जाते हैं.’
इसके जवाब में कांचा इलैया ने कहा, ‘क्या किसी सांसद को जो एक नागरिक को ऐसी धमकियां देता है संसद में बने रहने का अधिकार है? यह भाजपा और तेलुगू देशम पार्टी के लिए है कि वे इस पर कोई निर्णय करें.’
बहरहाल, प्रो. कांचा इलैया ने अपनी किताब को लेकर मिल रहीं धमकियों के बाद 11 सितंबर को केस दर्ज करा दिया है.
डेक्कन क्रॉनिकल की रिपोर्ट के अनुसार प्रो. इलैया ने बताया, ‘यह किताब 2009 में प्रकाशित हुई थी और अब प्रकाशक ने आर्य वैश्य समुदाय पर आधारित एक भाग को तेलुगू में प्रकाशित किया है. यह तमाम समुदायों- ब्राह्मण, कपुस, गोल्ला कुर्मा, चकाली, माला और मडिगा को लेकर एक शोध परक किताब है.
उन्होंने कहा, ‘किताब व्यापारिक और ऐतिहासिक दृष्टिकोण से लिखी गई है और इसके शीर्षक में इस्तेमाल हुआ ‘स्मगलिंग’ शब्द किसी समान की तस्करी के लिए इस्तेमाल नहीं किया गया है.’ प्रो. इलैया ने कहा, ‘मैंने किसी अपमानजनक शब्द का इस्तेमाल नहीं किया. सामाजिक तस्करी का इस्तेमाल एक मुहावरा है जिसका मतलब आर्थिक प्रकिया का शोषण होता है. यानी आप व्यापार से कमाते हो लेकिन समाज में इसका निवेश नहीं करते हुए.’