हरिद्वार भड़काऊ भाषण मामले में पुलिस ने वसीम रिज़वी और अन्य के ख़िलाफ़ केस दर्ज किया

हरिद्वार में हुई धर्म संसद में नफ़रत भरी बयानबाज़ी के आरोप में उत्तराखंड पुलिस ने जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ़ वसीम रिज़वी एवं अन्य के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया है. रिज़वी उत्तर प्रदेश सेंट्रल शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष थे. हालांकि कार्यक्रम में मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान करने वाले नरसिंहानंद गिरि, स्वामी प्रबोधानंद गिरि, साध्वी अन्नपूर्णा उर्फ़ ​​पूजा शकुन पांडेय और स्वामी आनंदस्वरूप के ख़िलाफ़ अभी तक मामला दर्ज नहीं हुआ है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

हरिद्वार में हुई धर्म संसद में नफ़रत भरी बयानबाज़ी के आरोप में उत्तराखंड पुलिस ने जितेंद्र नारायण त्यागी उर्फ़ वसीम रिज़वी एवं अन्य के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज किया है. रिज़वी उत्तर प्रदेश सेंट्रल शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष थे. हालांकि कार्यक्रम में मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान करने वाले नरसिंहानंद गिरि, स्वामी प्रबोधानंद गिरि, साध्वी अन्नपूर्णा उर्फ़ ​​पूजा शकुन पांडेय और स्वामी आनंदस्वरूप के ख़िलाफ़ अभी तक मामला दर्ज नहीं हुआ है.

उत्तराखंड पुलिस. (प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: उत्तराखंड पुलिस ने हरिद्वार में आयोजित एक धर्म संसद में मुस्लिम समुदाय के खिलाफ घृणित और भड़काऊ बयानबाजी करने के आरोप में वसीम रिज़वी उर्फ़ जितेंद्र नारायण त्यागी एवं अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है.

वसीम रिजवी उत्तर प्रदेश सेंट्रल शिया वक्फ बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष थे, जिन्होंने हाल ही में हिंदू धर्म अपनाने का दावा करते हुए अपना नाम बदला है.

उत्तराखंड पुलिस ने एक ट्वीट कर कहा, ‘सोशल मीडिया पर धर्म विशेष के खिलाफ भड़काऊ भाषण देकर नफरत फैलाने संबंधी वायरल हो रहे वीडियो का संज्ञान लेते हुए वसीम रिजवी उर्फ जितेंद्र नारायण त्यागी एवं अन्य के विरुद्ध कोतवाली हरिद्वार में धारा 153ए आईपीसी के अंतर्गत मुकदमा पंजीकृत किया गया है.’

ध्यान देने वाली बात ये है कि धर्म संसद में मुसलमानों के नरसंहार का आह्वान करने वाले स्वामी प्रबोधानंद गिरि, साध्वी अन्नपूर्णा उर्फ ​​पूजा शकुन पांडेय और स्वामी आनंदस्वरूप के खिलाफ अभी तक मामला दर्ज नहीं हुआ है.

इस धर्म संसद का आयोजन कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद गिरि (पूर्व में सरस्वती) द्वारा किया गया था, जो भड़काऊ बयान देने के लिए जाने जाते हैं. इनका नाम भी एफआईआर में नहीं है.

इस कार्यक्रम को लेकर वायरल हुए वीडियो में नरसिंहानंद को यह कहते सुना जा सकता है कि यदि हिंदू युवा एलटीटीई नेता ‘प्रभाकरन’ या ‘भिंडरावाले’ जैसा बनते हैं तो उन्हें एक करोड़ रुपये दिये जाएंगे.

उन्होंने कहा, ‘’जब हमें मदद की जरूरत पड़ी तो हिंदू समुदाय ने हमारी मदद नहीं की. लेकिन अगर कोई युवा कार्यकर्ता हिंदू प्रभाकरन बनने के लिए तैयार है, तो किसी और से पहले मैं उसे एक करोड़ रुपये दूंगा.

द हिंदू को दिए एक बयान में, डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि पुलिस को एक शिकायत मिली थी, जिसके आधार पर आईपीसी की धारा 153ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी है.

इससे पहले तृणमूल कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता ने हरिद्वार में हाल में हुए धर्म संसद के आयोजकों और वक्ताओं के खिलाफ गुरुवार को तत्काल कार्रवाई की मांग की थी.

तृणमूल कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता साकेत गोखले ने उत्तराखंड के हरिद्वार जिला स्थित ज्वालपुर पुलिस थाने में इस सिलसिले में एक शिकायत दर्ज कराकर थाना प्रभारी से 24 घंटे के अंदर प्राथमिकी दर्ज करने को कहा था.

गोखले ने अपनी शिकायत की एक प्रति ट्विटर पर भी साझा की है.

इस कार्यक्रम में भाजपा नेता अश्विनी उपाध्याय ने भी भाग लिया था, जिन्हें कुछ समय पहले जंतर मंतर पर मुस्लिमों के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इस विवादित कार्यक्रम में भाजपा महिला मोर्चा की नेता उदिता त्यागी ने भी हिस्सा लिया था, जो दर्शाता है कि सत्तारूढ़ पार्टी ऐसे लोगों को शह दे रही है.