उत्तराखंड: भाजपा विधायक ने मंत्री पर क्षेत्र की उपेक्षा करने का आरोप लगाया, अनशन की धमकी दी

उत्तराखंड के लैंसडाउन से भाजपा विधायक दिलीप रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि राज्य के पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत उनके निर्वाचन क्षेत्र की अनदेखी कर रहे हैं. आरोपों पर मंत्री ने कहा है कि अगर कोई गड़बड़ी हुई है तो उसकी जांच होनी चाहिए, लेकिन विधायक अपने कार्यकाल के अंत में इस मुद्दे को क्यों उठा रहे हैं, जब चुनाव काफी नज़दीक हैं.

दिलीप रावत. (फोटो साभार: फेसबुक)

उत्तराखंड के लैंसडाउन से भाजपा विधायक दिलीप रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि राज्य के पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत उनके निर्वाचन क्षेत्र की अनदेखी कर रहे हैं. आरोपों पर मंत्री ने कहा है कि अगर कोई गड़बड़ी हुई है तो उसकी जांच होनी चाहिए, लेकिन विधायक अपने कार्यकाल के अंत में इस मुद्दे को क्यों उठा रहे हैं, जब चुनाव काफी नज़दीक हैं.

दिलीप रावत. (फोटो साभार: फेसबुक)

कोटद्वार: उत्तराखंड में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक विधायक ने राज्य के पर्यावरण मंत्री हरक सिंह रावत पर उनके निर्वाचन क्षेत्र की अनदेखी करने का आरोप लगाते हुए समस्याओं का समाधान नहीं होने पर अनशन पर जाने की धमकी दी है.

लैंसडाउन के विधायक दिलीप रावत ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को पत्र लिखकर आरोप लगाया है कि हरक सिंह रावत के दबाव के कारण हिया क्षेत्र के धूमाकोट में नव स्थापित बिजली वितरण कार्यालय में कार्यपालक अभियंता की नियुक्ति नहीं की जा रही है.

विधायक ने दावा किया कि राजनीतिक शत्रुता के कारण राज्य के बिजली, वन एवं पर्यावरण मंत्री द्वारा उनके निर्वाचन क्षेत्र की उपेक्षा की जा रही है.

इसके साथ ही उन्होंने उनकी समस्याओं का हल नहीं होने पर राज्य विधानसभा के सामने अनिश्चितकालीन अनशन शुरू करने की धमकी दी.

इससे पहले विधायक ने धामी को पत्र लिखकर कालागढ़ एवं लैंसडाउन वन संभागों में किए गए निर्माणों में कथित अनियमितताओं और नियमों के उल्लंघन की उच्चस्तरीय जांच कराने की मांग की थी.

हरक सिंह रावत ने बीते दो जनवरी को कोटद्वार में संवाददाता सम्मेलन में विधायक के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अगर विभाग में कोई गड़बड़ी हुई है तो उसकी जांच होनी चाहिए. लेकिन इसके साथ ही उन्होंने सवाल किया कि विधायक अपने कार्यकाल के अंत में इस मुद्दे को क्यों उठा रहे हैं, जब चुनाव काफी नजदीक हैं.

हाल ही में हरक सिंह रावत ने कैबिनेट बैठक के दौरान अपने निर्वाचन क्षेत्र कोटद्वार में प्रस्तावित मेडिकल कॉलेज को मंजूरी में देरी पर नाराजगी जताई थी.

उन्होंने 24 दिसंबर को हुई बैठक बीच में ही छोड़ दी थी, जिससे अटकलें लगाई जाने लगीं कि वह मंत्री पद से इस्तीफा दे सकते हैं.

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