‘बुली बाई’ ऐप पर नीलामी के लिए सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की छेड़छाड़ की गईं तस्वीरों को उनकी अनुमति के बिना अपलोड कर दिया गया था. पुलिस ने बताया कि असम के जोरहाट से गिरफ़्तार 21 वर्षीय नीरज बिश्नोई इस मामले का मुख्य साज़िशकर्ता है और उसने ऐप बनाने की बात स्वीकार कर ली है. पुलिस ने इस मामले में नीरज समेत चार लोगों को गिरफ़्तार किया है.
नई दिल्ली/सीहोर: दिल्ली पुलिस ने ‘बुली बाई’ ऐप मामले में बृहस्पतिवार को असम के जोरहाट से इंजीनियरिंग के एक छात्र को गिरफ्तार किया, जिसे मामले में मुख्य साजिशकर्ता माना जा रहा है. दिल्ली पुलिस के अधिकारियों का कहना है कि आरोपी छात्र को दिल्ली लाया गया और उसने कथित तौर पर अपनी भूमिका स्वीकार की है.
पुलिस ने एक बयान में कहा कि जोरहाट से 21 वर्षीय नीरज बिश्नोई की गिरफ्तारी के साथ ही उसने इस मामले को सुलझा लिया है.
दिल्ली की एक अदालत ने बिश्नोई को सात दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है.
‘बुली बाई’ ऐप मामले में यह चौथी गिरफ्तारी है. इस ऐप पर नीलामी के लिए सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं का नाम और उनकी छेड़छाड़ की गई तस्वीरें उनकी अनुमति के बिना अपलोड कर दी गई थीं.
पुलिस ने बताया कि बिश्नोई जोरहाट का रहने वाला है और भोपाल में पढ़ाई करता है. बिश्नोई ने ही कथित तौर पर गिटहब प्लेटफॉर्म पर ‘बुली बाई’ ऐप का निर्माण किया था और वह ट्विटर पर ‘बुली बाई’ का मुख्य अकाउंट होल्डर भी है.
आरोपी को दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) इकाई ने गिरफ्तार किया है.
बिश्नोई ने अपनी गिरफ्तारी से एक दिन पहले ट्वीट कर कहा था, ‘आपने एक गलत व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. इसमें सिर्फ एक ही लड़का शामिल था और वह मैं हूं. आपने सिख तस्वीर वाले खाते के फॉलोवर को गिरफ्तार किया, जिसका ऐप से कोई लेना-देना नहीं है और इसने कुछ भी गलत ट्वीट नहीं किया. क्या आपमें जरा भी शर्म बची है.’
मुंबई पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि बिश्नोई को गिरफ्तार करने के लिए मुंबई पुलिस की एक टीम भी रवाना हुई थी, हालांकि, दिल्ली पुलिस ने एक घंटे पहले ही उसे गिरफ्तार कर लिया. उन्होंने कहा कि साइबर सेल बाद में बिश्नोई की हिरासत मांगेगी.
दिल्ली पुलिस ने मामले में विस्तृत जानकारी साझा करते हुए कहा कि बुली बाई ऐप पिछले साल नवंबर में बनाया गया था और इसे दिसंबर में अपडेट किया गया. उन्होंने बताया कि बिश्नोई सोशल मीडिया पर भी बारीकी से नजर बनाए हुए था.
पुलिस ने कहा कि ऐप बनाने के पीछे का मकसद पता लगाया जाना बाकी है. उन्होंने कहा कि बिश्नोई ने पूछताछ में बताया है कि उसने गिटहब पर बुली बाई ऐप के साथ ही इस नाम से और अन्य नामों से ट्विटर हैंडल बनाए.
पुलिस उपायुक्त (आईएफएसओ) केपीएस. मल्होत्रा ने कहा, ‘वह (गिरफ्तार छात्र) मुख्य साजिशकर्ता है और इसने ही गिटहब पर ऐप को बनाया था. उसने ऐप बनाने की बात स्वीकार की है. आरोपी के लैपटॉप से ऐप बनाने संबंधी फोरेंसिक साक्ष्य मिले हैं. उसे दिल्ली लाया गया है और पुलिस हिरासत के अनुरोध तथा आगे की जांच के लिए अदालत के समक्ष पेश किया जाएगा.’
उन्होंने कहा, ‘आरोपी को तकनीकी विश्लेषण और आईपीडीआर (इंटरनेट प्रोटोकॉल डिटेल रिकॉर्ड्स) तथा गेटवे का उपयोग कर बृहस्पतिवार की सुबह जोरहाट से गिरफ्तार किया गया था.’
डीसीपी ने बताया कि बिश्नोई मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से बीटेक द्वितीय वर्ष का छात्र है.
वहीं, असम पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, ‘इस मामले में दिल्ली पुलिस हमारे साथ सहयोग कर रही है. उनकी टीम यहां पांच जनवरी की सुबह पहुंची और शाम तक हमने आरोपी का पता लगा लिया था. अभियान 12 घंटे में ही समाप्त हो गया.’
अधिकारी ने कहा कि मामले की जांच में शामिल मुंबई पुलिस ने आरोपी के संबंध में असम पुलिस से संपर्क नहीं किया है.
मामले की जांच कर रहे मुंबई पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ ने अब तक तीन गिरफ्तारियां की हैं. मुंबई पुलिस ने मामले में उत्तराखंड से 19 वर्षीय युवती श्वेता सिंह, 21 वर्षीय इंजीनियरिंग के छात्र विशाल कुमार झा को बेंगलुरु से और उत्तराखंड से ही 21 वर्षीय अन्य युवक मयंक रावल को गिरफ्तार किया है.
मुंबई पुलिस के वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, श्वेता सिंह ऐप मामले में कथित तौर पर मुख्य आरोपी है, जिसने ऐप का ट्विटर खाता बनाया था.
मुंबई पुलिस के सूत्रों ने बताया कि ट्विटर हैंडल का उपयोग करने वाला बिश्नोई स्थानीय मीडिया को साक्षात्कार दे रहा था, जिसके बाद उसकी जानकारी सामने आई.
सूत्रों के मुताबिक, मुंबई पुलिस ने बृहस्पतिवार को एक दंत चिकित्सक कुणाल पटेल से भी पूछताछ की, जिनका नाम जांच के दौरान सामने आया था.
‘मास्टरमाइंड’ प्रतिभाशाली छात्र, पर कक्षा में अब तक नहीं आया: कॉलेज अधिकारी
‘बुली बाई’ ऐप का कथित ‘मास्टर माइंड’ नीरज बिश्नोई को प्रतिभाशाली छात्र के तौर पर जाना जाता है. एक पुलिस अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि लेकिन वह कभी व्यक्तिगत रूप से इंजीनियरिंग कॉलेज वेल्लोर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी, भोपाल के सीहोर (मध्य प्रदेश) स्थित परिसर में कक्षा लेने नहीं आया. यह परिसर भोपाल से करीब 100 किलोमीटर की दूरी पर है.
सीहोर के अवर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) समीर यादव ने बताया कि कॉलेज अधिकारियों के मुताबिक बिश्नोई बीटेक पाठ्यक्रम में दूसरे वर्ष का छात्र है और अब तक उसने ऑनलाइन कक्षाएं ही ली हैं, क्योंकि कोविड महामारी की वजह से ऑनलाइन कक्षाएं ही हो रही हैं.
उन्होंने बताया कि कॉलेज अधिकारियों के मुताबिक बिश्नोई प्रतिभाशाली छात्र है.
गौरतलब है कि सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की अनुमति के बिना उनकी तस्वीरों से छेड़छाड़ कर उन्हें ‘बुली बाई’ ऐप पर ‘नीलामी’ के लिए अपलोड कर दिया गया था.
ऐप द्वारा लक्षित महिलाओं में से एक द्वारा दर्ज की गई शिकायत के आधार पर मुंबई पुलिस अपराध शाखा के साइबर पुलिस स्टेशन (पश्चिम) ने 1 जनवरी को अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी, जिन्होंने ऐप विकसित किया था और कुछ ट्विटर हैंडल ने इसकी सामग्री का प्रसार किया था.
ऐप को 31 दिसंबर 2021 को अमेरिका के ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म गिटहब ने होस्ट किया था, जिसमें कम से कम 100 मुस्लिम महिलाओं की छेड़छाड़ की गईं तस्वीरें अश्लील टिप्पणियों के साथ ऑनलाइन पोस्ट की गई थीं.
उल्लेखनीय है कि एक साल से भी कम समय में दूसरी बार ऐसा हुआ है. ‘बुली बाई’ नाम का यह ऐप ‘सुली डील्स’ की तरह है, जिसके कारण पिछले साल इसी तरह का विवाद पैदा हुआ था.
पिछले साल जुलाई में कुछ अज्ञात लोगों ने ‘बुली बाई’ की तरह सुली डील्स (Sulli Deals) नामक ऐप पर सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें ‘नीलामी’ के लिए अपलोड की थीं.
एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, सुल्ली डील्स ऐप के मामले में दिल्ली और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दो एफआईआर दर्ज की गई थी, हालांकि अब तक जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कोई महत्वपूर्ण कार्रवाई नहीं की गई है.
इस बार ‘बुली बाई’ (bullibai.github.io) नाम के एक ऑनलाइन पोर्टल ने इन महिलाओं का अनादर करने के एकमात्र इरादे से बिना सहमति इन मुस्लिम महिलाओं की छेड़छाड़ की तस्वीरों (Manipulated Images) का उपयोग कर एक ‘नीलामी’ (अपमानजनक शब्द ‘बुली’ (Bulli) का उपयोग करके) का आयोजन किया है.
कई महिलाओं ने बताया है कि उनकी तस्वीरों का इस प्लेटफॉर्म पर इस्तेमाल किया जा रहा है. इनमें द वायर की पत्रकार इस्मत आरा भी शामिल हैं, जिन्होंने ट्विटर पर इस वेबसाइट का एक स्क्रीनशॉट भी शेयर किया, जिसमें उन्हें ‘बुली बाई ऑफ द डे’ बताया गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)