हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि राज्य सीआईडी ने अपने वॉट्सऐप ग्रुप पर एक संदेश में विधायकों के निजी सुरक्षाकर्मियों से उनकी लोकेशन के बारे में सूचित करने का निर्देश दिया है. हालांकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ऐसा कोई आदेश जारी करने से इनकार किया और कहा कि अगर आरोप सही हैं तो ज़िम्मेदार लोगों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी.
शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा में विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने बृहस्पतिवार को राज्य की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार पर निजी सुरक्षा अधिकारियों के माध्यम से विधायकों की जासूसी कराने का आरोप लगाया.
हालांकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ऐसा कोई आदेश जारी करने से इनकार किया और कहा कि अगर आरोप सही हैं तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन सदन में इस मसले को उठाते हुए अग्निहोत्री ने कहा कि राज्य सीआईडी ने अपने वॉट्सऐप ग्रुप पर एक संदेश में विधायकों के निजी सुरक्षाकर्मियों (पीएसओ) से उनके लोकेशन के बारे में सूचित करने का निर्देश दिया.
विधानसभा में अग्निहोत्री ने कुछ निजी सुरक्षाकर्मियों को कथित तौर पर भेजे गए एक वॉट्सऐप संदेश को पढ़ा, जिसमें उन्हें सुबह 7 बजे से पहले विधायकों के लोकेशन साझा करने के लिए कहा गया है.
उन्होंने दावा किया कि पीएसओ को विधायकों को इसके बारे में नहीं बताने का निर्देश दिया गया कि उनके लोकेशन (स्थानों) के बारे में पूछा गया था.
विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार को पेगासस सॉफ्टवेयर नहीं मिला, तब वह पीएसओ के जरिये विपक्ष के साथ-साथ सत्तारूढ़ दल के विधायकों की जासूसी कर रही है.
अग्निहोत्री ने प्रश्नकाल के बाद इस मुद्दे को उठाया और मांग की कि इसके लिए जिम्मेदार लोगों को तुरंत निलंबित किया जाना चाहिए.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, अग्निहोत्री ने आरोप लगाया कि ऊना से कांग्रेस विधायक सतपाल राय ज़ादा के निजी स्टाफ को भेजे गए एक संदेश में निजी सुरक्षाकर्मी से कहा गया था कि विधायक की गतिविधियों की जानकारी के बदले उन्हें सीआईडी फंड से भुगतान किया जाएगा.
अग्निहोत्री ने कहा, ‘विधायकों की इस तरह की निगरानी किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी. गृह विभाग मुख्यमंत्री के अधीन है. इस सदन को बताया जाना चाहिए कि किसके निर्देश के तहत इस तरह की निगरानी की जा रही है.’
उन्होंने कहा कि यह सिर्फ निजता का उल्लंघन ही नहीं, बल्कि विधायकों के विशेषाधिकार का भी उल्लंघन है.
रिपोर्ट के अनुसार अग्निहोत्री जब यह बात बता रहे थे, तभी सीएम जयराम ठाकुर सदन से बाहर चले गए और मुख्य सचिव राम सुभाग सिंह और डीजीपी संजय कुंडू से कुछ देर चर्चा की थी.
विधानसभा में उनके आरोपों का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार में किसी भी स्तर पर ऐसा कोई निर्देश जारी नहीं किया गया है.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से ऐसा किए जाने का सवाल ही नहीं उठता है, उन्होंने कहा कि विधायकों की गोपनीयता बनाए रखी जाएगी.
उन्होंने कहा, ‘अगर किसी ने ऐसा किया है तो यह एक बेहद गैर-जिम्मेदाराना हरकत है. अगर निजी सुरक्षाकर्मियों द्वारा लगाए गए आरोप सही पाए जाते हैं, तो सरकार कार्रवाई करेगी.’
यह दावा करते हुए कि सरकार वॉट्सऐप संदेशों की सच्चाई का पता लगाना चाहती है, उन्होंने अग्निहोत्री से सहयोग करने को कहा.
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि आम तौर पर संबंधित विधायक की पसंद के अनुसार निजी सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की जाती है. कई बार वे उन स्थानों के बारे में पूछते हैं जब विधायक आयोजनों के लिए यात्रा कर रहे होते हैं, ताकि ट्रैफिक जाम और अन्य सुरक्षा चिंताओं पर ध्यान दिया जा सके.
जब राय ज़ादा ने कहा कि उन्हें दिया गया सुरक्षाकर्मी उनकी पसंद का नहीं है, तो मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि एक अधिकारी की तैनाती से पहले विधायकों की वरीयता के साथ-साथ अन्य सभी मानदंडों को ध्यान में रखा जाता है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)