टाटा समूह ने पिछले साल आठ अक्टूबर को क़र्ज़ के बोझ से दबी सार्वजनिक क्षेत्र की एयरलाइन एयर इंडिया के अधिग्रहण की बोली जीती थी. अभी तक एयर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक की नियुक्ति नहीं की है.
नई दिल्ली: टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन को एयर इंडिया का प्रमुख (चेयरमैन) नियुक्त किया गया है. नागर विमानन सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी देते हुए कहा कि एयरलाइन के निदेशक मंडल ने चंद्रशेखरन को एयर इंडिया का चेयरमैन नियुक्त किया है.
नमक से लेकर सॉफ्टवेयर क्षेत्र में काम करने वाले टाटा समूह ने पिछले साल आठ अक्टूबर को कर्ज के बोझ से दबी सार्वजनिक क्षेत्र की एयरलाइन एयर इंडिया के अधिग्रहण की बोली जीती थी. समूह ने यह अधिग्रहण 18,000 करोड़ रुपये में किया है.
हालांकि, टाटा संस ने अभी तक एयर इंडिया के मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) एवं प्रबंध निदेशक की नियुक्ति नहीं की है.
सूत्रों ने बताया कि एयरलाइन के बोर्ड ने पिछले सप्ताह चेयरमैन के रूप में चंद्रशेखरन की नियुक्ति को मंजूरी दे दी थी.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, सूत्र ने कहा कि एयरलाइन के प्रबंध निदेशक और सीईओ के लिए नए नाम की घोषणा जल्द ही होने की उम्मीद है.
वर्तमान में तीन कार्यकारी निदेशक जिन्हें सरकार द्वारा नियुक्त किया गया था, जब एयरलाइन उसके नियंत्रण में थी, अभी भी एयर इंडिया के बोर्ड में कार्यरत हैं. टाटा समूह ने इस साल 27 जनवरी को एयरलाइन को अधिग्रहण किया और अभी तक पुनर्गठित निदेशक मंडल की घोषणा नहीं की है.
चंद्रशेखरन टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, टाटा मोटर्स, टाटा स्टील, टाटा केमिकल्स और टाटा कंज्यूमर प्रोडक्ट्स सहित कई अन्य टाटा समूह की कंपनियों के गैर-कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में भी काम करते हैं. उन्हें पिछले महीने टाटा संस के कार्यकारी अध्यक्ष के रूप में और पांच साल के लिए फिर से नियुक्त किया गया था.
टाटा समूह ने 14 फरवरी को तुर्की की एयरलाइन के पूर्व चेयरमैन इल्कर आयजी के एयर इंडिया का सीईओ एवं प्रबंध निदेशक नियुक्त करने की घोषणा की थी.
इस बीच गृह मंत्रालय ने कहा था कि टाटा समूह के नियंत्रण में गई विमानन कंपनी एयर इंडिया के नवनियुक्त प्रबंध निदेशक एवं सीईओ इल्कर आयजी की पृष्ठभूमि का विस्तृत परीक्षण करेगा.
मंत्रालय के सूत्र ने कहा था कि स्थापित परंपरा के अनुरूप भारत में अहम पदों पर नियुक्त होने वाले सभी विदेशी नागरिकों की पृष्ठभूमि का परीक्षण किया जाता है और आयजी के मामले में भी इस परंपरा का पूरी निष्ठा से निर्वहन किया जाएगा.
इसके बाद बीते एक मार्च को इल्कर आयजी ने इस पद की पेशकश को खारिज करते हुए कहा था कि भारतीय मीडिया के कुछ तबकों द्वारा उनकी नियुक्ति को अवांछनीय तरीके से गलत रंग दिया गया, जिसके चलते उन्होंने यह फैसला किया.
आयसी को तुर्की के राष्ट्रपति रेसप तैयप एर्दोगान केका करीबी माना जाना था. तुर्की के राष्ट्रपति को पाकिस्तान के ‘सहयोगियों’ में गिना जाता है.
भारतीय और अंतरराष्ट्रीय अदालतों में एयर इंडिया के खिलाफ 2,657 मामले लंबित
एयर इंडिया के खिलाफ कर्मचारी सेवा, ग्राहक शिकायतों और वाणिज्यिक मुद्दों से संबंधित मामलों पर भारतीय और अंतरराष्ट्रीय अदालतों में उसके खिलाफ 2,657 मामले लंबित हैं. नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री वीके सिंह ने सोमवार को यह जानकारी दी है.
पिछले साल अपने विनिवेश के बाद से, एयर इंडिया टाटा समूह के नियंत्रण में है.
सिंह ने राज्यसभा में एक सवाल के लिखा उत्तर में कहा, ‘एयर इंडिया के खिलाफ भारतीय अदालतों और अंतरराष्ट्रीय अदालतों में लंबित मामलों की कुल संख्या 2,657 है.’
उन्होंने कहा कि ये मामले कर्मचारी सेवा मामलों, उपभोक्ता शिकायतों, वाणिज्यिक मामलों जैसे मुद्दों से संबंधित हैं.
सिंह ने कहा, ‘ये मामले कानूनी इकाई के रूप में एयर इंडिया के खिलाफ हैं.’ मंत्री ने कहा कि केंद्र, एयर इंडिया के खिलाफ मामलों से नहीं निपटेगा.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)