ख़ुफ़िया कैमरे की मदद से किए गए कोबरापोस्ट के ‘‘ऑपरेशन 136’’ में देश के कई नामचीन मीडिया संस्थान सत्ताधारी दल के लिए चुनावी हवा तैयार करने को राज़ी होते नज़र आ रहे हैं.
अपनी खोजी पत्रकारिता के लिए पहचाने जाने वाले कोबरापोस्ट के हालिया खुलासे ने देश के मीडिया जगत की पोल खोल कर रख दी है.
कोबरापोस्ट ने ‘ऑपरेशन 136’ के नाम से किए गए स्टिंग ऑपरेशन के माध्यम से मीडिया जगत के उस स्याह पक्ष का पर्दाफाश किया है जहां कहा जाता है कि पैसों के लिए देश का मीडिया अपनी आवाज और कलम का भी सौदा कर सकता है.
गोदी मीडिया के इस दौर में कोबरापोस्ट ने ‘गोदी मीडिया’ शब्द को सार्थक सिद्ध कर दिया है.
खुफिया कैमरे की सहायता से किए गए ‘ऑपरेशन 136’ में देश के कई नामचीन मीडिया संस्थान सत्ताधारी दल के लिए चुनावी हवा तैयार करने के लिए राजी होते नजर आए हैं.
साथ ही, विपक्ष और विपक्षी दलों के बड़े नेताओं का दुष्प्रचार करके चरित्र हनन करने और उनके खिलाफ झूठी अफवाहें फैलाकर उनकी छवि को धूमिल करके सत्तारूढ़ दल के पक्ष में माहौल बनाने की सौदेबाजी का भी खुलासा हुआ है.
यहां तक की सत्ताधारी पार्टी के लिए इन लोगों ने पत्रकारिता की प्रतिष्ठा को दांव पर रखते हुए नागरिक स्वतंत्रता और अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ने वालों के खिलाफ खबरें बनाने पर भी अपनी रजामंदी जाहिर की.
Editor and business head of Hindi daily laments he can only contribute to Hindutva cause through plugging content #cobrapostExpose #operation136
— Cobrapost (@cobrapost) March 26, 2018
देशभर में आंदोलन करने वाले किसानों को माओवादियों द्वारा उकसाए हुए बताकर सरकार की नीतियों का महिमामंडन करने के लिए भी ये सहमत हो गए. तो वहीं, न्यायपालिका के फैसलों पर प्रश्नचिन्ह लगाकर लोगों के सामने पेश करने में भी इनको कोई गुरेज़ नहीं था.
इस जांच में पाया गया है कि किस तरह भारतीय मीडिया अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़कर प्रेस की आजादी का गलत इस्तेमाल कर रही है और अवांछित सामग्री चलाकर पत्रकारिता के पेशे पर सवालिया निशान लगा रही है.
कोबरापोस्ट के लिए पूरी तहकीकात पत्रकार पुष्प शर्मा ने श्रीमद् भगवत् गीता प्रचार समिति, उज्जैन का प्रचारक बनकर और खुद का नाम आचार्य छत्रपाल अटल बताकर की.
इस दौरान देश के करीब तीन दर्जन बड़े मीडिया संस्थानों के वरिष्ठ और जिम्मेदार अधिकारियों से उन्होंने मुलाकात की और एक खास तरह का मीडिया कैंपेन चलवाने के लिए 6 से 50 करोड़ रुपये तक का अपना बजट बताया.
कोबरापोस्ट ने ‘ऑपरेशन 136’ का अभी पहला भाग जारी किया है जिसमें कुल 16 मीडिया संस्थानों के नाम सामने आए हैं. जिनमें अमर उजाला, पंजाब केसरी, दैनिक जागरण, इंडिया टीवी, सब नेटवर्क, डीएनए (डेली न्यूज एंड एनालिसिस) और यूएनआई जैसे बड़े नाम शामिल हैं.
इनके अलावा स्कूप व्हूप, रेडिफ डॉट कॉम, 9एक्स टशन, समाचार प्लस, एचएनएन लाइव 24×7, स्वतंत्र भारत, इंडिया वॉच, आज हिंदी डेली, साधना प्राइम न्यूज को भी सौदेबाजी में लिप्त पाया गया है. इन सभी मीडिया संस्थानों से जुड़े बड़े पदों पर काबिज लोगों की बातचीत के अंश खुफिया ऑपरेशन में दिखाए गए हैं.
“Hindutva ke agende mein hum log poori tareh comfortable honge”: How social media operators are ready for 2019 elections. #cobrapostExpose #operation136
— Cobrapost (@cobrapost) March 26, 2018
जिस एजेंडे को लेकर कोबरापोस्ट ने मीडिया संस्थानों से संपर्क साधा था, उनमें चार बिंदु शामिल थे. पहला, मीडिया अभियान के शुरुआती और पहले चरण में हिंदुत्व का प्रचार करेगा, जिसके तहत धार्मिक कार्यक्रमों के माध्यम से हिंदुत्व को बढ़ावा दिया जाएगा.
दूसरा, इसके बाद विनय कटियार, उमा भारती, मोहन भागवत और दूसरे हिंदुवादी नेताओं के भाषणों को बढ़ावा देकर सांप्रदायिक तौर पर मतदाताओं को जुटाने के लिए अभियान खड़ा किया जाएगा.
UNI`s Lucknow bureau head Narendra Srivastava says Uma Bharati knows him well. He will plug stories into one of the largest news wires in the country. #cobrapostExpose #operation136 #operation136,@UNI
— Cobrapost (@cobrapost) March 26, 2018
तीसरा, जैसे ही चुनाव नज़दीक आ जाएंगे, राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को टारगेट किया जाएगा.
राहुल गांधी, मायावती और अखिलेश यादव जैसे विपक्षी दलों के बड़े नेताओं को पप्पू, बुआ और बबुआ कहकर जनता के सामने पेश किया जाएगा, ताकि चुनाव के दौरान जनता उन्हें गंभीरता से न ले और मतदाताओं का रुख अपने पक्ष मे किया जा सके.
Character assassination of opposition leaders like Rahul Gandhi Akhilesh Yadav and Mayawati by saying pappu, bua and babua was also included in this agenda #Cobrapost, #Operation136
— Cobrapost (@cobrapost) March 26, 2018
चौथा, मीडिया संस्थानों को यह अभियान उनके पास उपलब्ध सभी प्लेटफॉर्म पर जैसे- प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, रेडियो, डिजिटल, ई-न्यूज पोर्टल, वेबसाइट के साथ-साथ सोशल मीडिया जैसे- फेसबुक और ट्विटर पर भी चलाना होगा.
कोबरापोस्ट के अनुसार, इस एजेंडे पर उसने जिन मीडिया संस्थानों से संपर्क साधा, लगभग सभी ने यह अभियान चलाने पर सहमति दिखाई.
सभी हिंदुत्व को अध्यात्मवाद और धार्मिक प्रवचन की तरह बढ़ावा देने के लिए सहमत हुए. सांप्रदायिक पृष्ठभूमि के आधार पर मतदाताओं का ध्रुवीकरण करने के लिए एक खास विज्ञापन सामग्री प्रकाशित करने पर सहमत हुए.
अपने मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए सत्तारूढ़ दल के लिए उसके राजनीतिक प्रतिद्वंदियों को बदनाम करने और उनकी छवि खराब करने पर भी उन्होंने सहमति जताई.
वहीं, कई मीडिया संस्थान सौदेबाजी के बदले नकदी भुगतान यानी कि काला धन भी स्वीकार करने के लिए तैयार थे.
वहीं, कुछ संस्थानों के मालिक और कर्मचारियों ने बताया कि वे स्वयं संघ से जुड़े रहे हैं और हिंदुत्ववादी विचारधारा से प्रभावित हैं लिहाजा उन्हें इस अभियान पर काम करने में खुशी होगी.
तो कुछ ऐसे भी संस्थान थे जो अपने प्रकाशनों में सत्ताधारी पार्टी के पक्ष में कहानियां और खबरें लगाने के लिए सहमत हुए.
शर्त के अनुसार, सभी ने यह अभियान उनके पास उपलब्ध तमाम प्लेटफॉर्म पर चलाने की हामी भरी.
कुछ ऐसे भी पाए गए जिन्होंने अपने संस्थान के अलावा अन्य पत्रकारों की मदद से दूसरे संस्थानों में भी सत्तारूढ़ दल का समर्थन करने वाली सामग्री चलवाने के लिए पूरा मीडिया प्रबंधन करने की पेशकश की.
कुछ ने तो केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली, मनोज सिन्हा, जयंत सिन्हा, मेनका गांधी और उनके पुत्र वरुण गांधी के खिलाफ खबरें चलाने पर भी सहमति दी.
यहां तक कि ये संस्थान राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार मे भाजपा के सहयोगी दलों के बड़े नेताओं जैसे अनुप्रिया पटेल, ओमप्रकाश राजभर और उपेन्द्र कुशवाह के खिलाफ भी खबरें चलाने के लिए तैयार थे.
वहीं, कुछ मीडिया संस्थान प्रशांत भूषण, दुष्यंत दवे, कामिनी जयसवाल और इंदिरा जय सिंह जैसे कानूनी जानकार और नागरिक समाज के बीच जाने-माने चेहरों को बदनाम करने पर भी सहमत दिखे.
साथ ही, कुछ संस्थानों ने आंदोलन करने वाले किसानों को माओवादियों के तौर पर प्रस्तुत करने के लिए भी सहमति जताई.
मीडिया संस्थान राहुल गांधी जैसे नेताओं की ‘चरित्र हत्या’ करने के लिए खास सामग्री तैयार करने और उसे बढ़ावा देने को भी राजी हो गए.
कोबरापोस्ट ने कहा है कि स्टिंग ऑपरेशन में उसके पत्रकार को उत्तर प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री ओम प्रकाश राजभर का भी सहयोग मिला. राजभर की सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी ने पुष्प शर्मा को स्टिंग के दौरान पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई का प्रदेश अध्यक्ष और प्रभारी के तौर पर पेश होने में मदद की.
गौरतलब है कि ‘ऑपरेशन 136’ के दौरान पत्रकार ने खुद को सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी की मध्य प्रदेश इकाई का भी अध्यक्ष बताया था.
इस पूरी तहकीकात को ‘ऑपरेशन 136’ नाम इसलिए दिया गया क्योंकि वर्ष 2017 के प्रेस इंडेक्स में भारत विश्व में 136वें पायदान पर है.
विभिन्न मीडिया संस्थान और उनके उन अधिकारियों के नाम जिनसे कोबरापोस्ट ने बात की
- इंडिया टीवी – जितेन्द्र कुमार, डिप्टी वाइस प्रेसिडेंट (सेल्स), (नोएडा)
- दैनिक जागरण– संजय प्रताप सिंह, एरिया मैनेजर (बिहार, झारखंड, ओडिशा)
- सब नेटवर्क (अधिकारी ब्रदर्स टेलीविज़न नेटवर्क)- कैलाशनाथ अधिकारी, मैनेजिंग डायरेक्टर (मुंबई)
- ज़ी सिनर्जी एंड डीएनए– रजत कुमार, मुख्य राजस्व अधिकारी
- हिंदी खबर– अतुल अग्रवाल, डायरेक्टर एंड एडिटर इन चीफ (नोएडा)
- 9एनएक्स– प्रदीप गुहा, सीईओ (गुड़गांव)
- समाचार प्लस– अमित त्यागी, सीनियर सेल्स (नोएडा)
- एचएनएन लाइव– अमित शर्मा, सीईओ, (देहरादून, उत्तराखंड)
- पंजाब केसरी– सुनील शर्मा
- स्वतंत्र भारत– संजय सिंह श्रीवास्तव, एडिटर एंड बिजनेस हेड (लखनऊ)
- स्कूप व्हूप: सात्विक, सीईओ (दिल्ली)
- रेडिफ डॉट कॉम– विराज खानधादिया, एसोसिएट डायरेक्टर एड सेल्स (मुंबई)
- आज (हिंदी डेली)– हरिंदर सिंह साहनी, बिजनेस हेड/ब्रांच हेड
- साधना प्राइम न्यूज़– आलोक भट्ट, डायरेक्टर (लखनऊ)
- अमर उजाला– हिमांशु गौतम, बिजनेस हेड (दिल्ली)
- यूएनआई– नरेंद्र कुमार श्रीवास्तव, ब्यूरो प्रमुख (दिल्ली)