पूर्व एलजी नजीब द्वारा नियुक्त शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट पर छिड़ी जंग

भाजपा और कांग्रेस शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट को लेकर केजरीवाल सरकार पर हमला बोल रहे हैं, तो वहीं आप का आरोप है कि रिपोर्ट में झूठी टिप्पणी लिखने के लिए अधिकारियों पर दबाव डाला गया.

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भाजपा और कांग्रेस शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट को लेकर केजरीवाल सरकार पर हमला बोल रहे हैं, तो वहीं आप का आरोप है कि रिपोर्ट में झूठी टिप्पणी लिखने के लिए अधिकारियों पर दबाव डाला गया.

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(फाइल फोटो: रॉयटर्स)

दिल्ली नगर निगम के चुनावों से पहले पूर्व उप राज्यपाल नजीब जंग द्वारा नियुक्त शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट ने प्रदेश की राजनीति को गरमा दिया है. भाजपा की तरफ से निर्मला सीतारमण ने कहा कि कमेटी की रिपोर्ट से साफ है कि दिल्ली सरकार ने कई तरह की अनियमितताएं की हैं. दिल्ली कांग्रेस के प्रमुख अजय माकन का कहना है कि समिति के खुलासों से दिल्‍ली सरकार की अनियमितताओं के मामले उजागर हो गए हैं. उन्‍होंने मनमाने तरीके से लोगों की नियुक्तियां कीं हैं.

वहीं, आप नेता व दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन ने आज शुंगलू समिति की रिपोर्ट को दुर्भावना से प्रेरित बताते हुए इसे खारिज कर दिया और कहा कि आप सरकार ने कोई अनियमितता नहीं की है. उन्होंने आरोप लगाया कि रिपोर्ट में झूठी टिप्पणी लिखने के लिए अधिकारियों पर दबाव डाला गया.

जैन ने कहा, ‘मैंने रिपोर्ट नहीं देखी है लेकिन जहां तक हमारी बात है तो हमने कोई अवैधता या अनियमितता नहीं बरती है… चार अगस्त 2016 तक हमारी सरकार ने संविधान के मुताबिक काम किया है. इसके बाद उच्च न्यायालय ने इसमें कुछ संशोधन किया था.’

दिल्ली राज्य स्वास्थ्य मिशन के मिशन निदेशक के तौर पर अपनी बेटी की नियुक्ति के आरोपों को भी उन्होंने खारिज करते हुए कहा, ‘यह सब झूठ है. नियुक्ति की स्वीकृति केंद्र ने दी है.’ समिति के निष्कर्षों पर जैन ने आरोप लगाया, ‘अधिकारियों को उप राज्यपाल ने बुलाया था और उन पर गलत टिप्पणी लिखने के लिये दबाव डाला था.’

गौरतलब है कि दिल्ली के पूर्व उप राज्यपाल नजीब जंग द्वारा गठित तीन सदस्यीय शुंगलू समिति ने अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा शक्तियों के दुरूपयोग का उल्लेख किया है. 100 से अधिक पृष्ठों में लिखी रिपोर्ट में सरकार में सलाहकार के तौर पर कुछ निश्चित व्यक्तियों की नियुक्ति समेत केजरीवाल एवं उनके मंत्रिमंडल केे फैसलों की चर्चा की गई है, जबकि उनके (केजरीवाल या उनके मंत्रिमंडल) पास न तो ऐसा करने और न ही उप राज्यपाल की सहमति के बगैर इसे करने का अधिकार है.

अन्य मुद्दों में रिपोर्ट में भ्रष्टाचार निरोधक शाखा में सरकार की अधिकारियों की तैनाती, अधिकारियों के तबादले एवं नियुक्ति, उप राज्यपाल की मंजूरी के बगैर मंत्रियों की विदेश यात्रा तथा वकीलों की नियुक्ति पर सवाल उठाया गया है.
इससे पहले नजीब जंग ने कहा था कि अगर पैनल अनियमितता पाता है तो केजरीवाल को आपराधिक आरोपों का सामना करना पड़ सकता है.

गौरतलब है कि पूर्व उप राज्यपाल नजीब जंग का कार्यकाल उप राज्यपाल कार्यालय और अरविंद केजरीवाल सरकार के बीच कई मुद्दों पर लगातार जुबानी जंग का गवाह रहा था.