1955 में महाराष्ट्र से नगालैंड आने के बाद गांधीवादी नटवर ठक्कर ने इस राज्य को अपना घर बना लिया था. पद्मश्री से सम्मानित नटवर ठक्कर ने नगालैंड गांधी आश्रम की स्थापना की थी.
गुवाहाटी: प्रख्यात गांधीवादी नटवर ठक्कर का रविवार को बीमारी के बाद एक निजी अस्पताल में निधन हो गया. वह ‘नगालैंड के गांधी’ नाम से लोकप्रिय थे. उनके परिवार से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी.
वह 86 वर्ष के थे और उनके परिवार में पत्नी लेंटीना आओ, एक बेटा और दो बेटियां हैं.
तबियत बिगड़ने के बाद उन्हें 19 सितंबर को गुवाहाटी के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
उनके बेटे डॉ. आओतोशी ने बताया कि उनकी हालत काफी सुधर गयी थी, लेकिन अचानक उनका रक्तचाप गिरने लगा और बाद में उनके गुर्दों ने काम करना बंद कर दिया.
ठक्कर का पार्थिव शरीर नगालैंड के चुचुयिमलांग में उनके कार्यस्थल पर रविवार शाम तक रखा रहेगा.
साल 1999 में ‘पद्मश्री’ से सम्मानित ठक्कर ने मोकोकचंग ज़िले के चुचुयिमलांग में नगालैंड गांधी आश्रम की स्थापना की थी.
गांधीवादी दर्शन और शांति के प्रचार-प्रसार के अपने प्रयासों के कारण उन्होंने ‘नगालैंड के गांधी’ की उपाधि पायी.
वह महाराष्ट्र से थे और साल 1995 में जब वह 23 साल के थे तो नगालैंड आए और यहां आने के बाद उन्होंने इस राज्य को हमेशा के लिए अपना घर बना लिया.
ब्रिटिश इंडिया में उनका जन्म साल 1932 में दहानु नाम के कस्बे में हुआ था. यह कस्बा अब महाराष्ट्र के पालघर में पड़ता है.
I'm saddened to hear about the demise of Padma Shree Natwar Thakkar, founder of #Nagaland Gandhi Ashram. He made significant contributions towards the betterment of society. May Almighty give strength to his family, friends & loved ones & may his soul rest in peace.
— Neiphiu Rio (@Neiphiu_Rio) October 7, 2018
नगालैंड के मुख्यमंत्री नेफियू रियो ने नटवर ठक्कर के निधन पर शोक व्यक्त किया है. एक ट्वीट में उन्होंने कहा है, ‘नगालैंड गांधी आश्रम के संस्थापक पद्श्री नटवर ठक्कर के निधन पर दुखी हूं. समाज के भलाई के लिए उन्होंने उल्लेखनीय काम किया था. ईश्वर उनके परिवार, दोस्तों और उनके करीबियों को यह दुख सहने की शक्ति दे. उनकी आत्मा को शांति मिले.’
गांधीवादी नटवर की पत्नी लेंटीना आओ को भी उनके सामाजिक कार्यों की वजह से पद्मश्री से सम्मानित किया जा चुका है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)