दिल्ली में ज़हरीले रसायन का रिसाव, 300 से ज़्यादा छात्राएं अस्पताल में भर्ती

तुगलकाबाद क्षेत्र स्थित कंटेनर डिपो में चीन से आयात किए गए कंटेनर में रखे गए रसायन का रिसाव हुआ. मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए.

New Delhi: School students being treated at a hospital in New Delhi on Saturday. Nearly 200 girls were hospitalised after they complained of irritation in eyes due to gas leakage from a container depot near their school in southeast Delhi's Tughlakabad area. PTI Photo (PTI5_6_2017_000025B)

तुगलकाबाद क्षेत्र स्थित कंटेनर डिपो में चीन से आयात किए गए कंटेनर में रखे गए रसायन का रिसाव हुआ. मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए गए.

New Delhi: School students being treated at a hospital in New Delhi on Saturday. Nearly 200 girls were hospitalised after they complained of irritation in eyes due to gas leakage from a container depot near their school in southeast Delhi's Tughlakabad area. PTI Photo (PTI5_6_2017_000025B)
नई दिल्ली के एक अस्पताल में गैस रिसाव से बीमार छात्राओं का इलाज चल रहा है. (फोटो: पीटीआई)

दक्षिण-पूर्वी दिल्ली के तुगलकाबाद क्षेत्र में दो स्कूलों के निकट रासायनिक रिसाव की वजह से विषैला धुआं निकलने के बाद 300 छात्राओं को अस्पतालों में भर्ती कराया गया है. रानी झांसी स्कूल और गर्वनमेंट गर्ल्स सीनियर सेकेंडरी स्कूल की छात्राओं को सांस लेने में दिक्कत और आंखों में जलन की शिकायत के बाद निकटतम अस्पताल में ले जाया गया.

दिल्ली सरकार ने इस घटना के लिए न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. पुलिस ने इस संबंध में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) और पर्यावरण संरक्षण अधिनियम की कई धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर लिया है.

केंद्रीय मंत्री जेपी नड्डा ने केंद्र सरकार के अस्पतालों को पीड़ितों की मदद करने के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया है. एम्स के डॉक्टरों के एक दल को किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए तैयार रखा गया है.

बत्रा अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया है कि पीड़ितों की हालत स्थिर है. यहां 10-14 साल उम्र के 55 बच्चों को भर्ती कराया गया है. पुलिस के मुताबिक सुबह करीब सात बजकर 35 मिनट पर तुगलकाबाद डिपो के एक हिस्से में कुछ रसायन रिसाव होने से संबंधित सूचना मिली थी. यह डिपो इन स्कूलों के निकट स्थित है.

कंटेनर में रखे गए इस रसायन को चीन से आयात किया गया था और इसे हरियाणा के सोनीपत ले जाना था. इस घटना के बाद पुलिस और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल के दलों के साथ ही सीएटीएस एंबुलेंस भी घटनास्थल पर पहुंचे.

New Delhi: Members of National Disaster Response Force (NDRF) during the clean-up operation at a container depot, where a gas leak occurred, in New Delhi on Saturday. Nearly 200 girls from a school in southeast Delhi's Tughlakabad area were hospitalised after they complained of nausea and irritation in eyes. PTI Photo (PTI5_6_2017_000034B)
नई दिल्ली में शनिवार को एनडीआरएफ के सदस्य. (फोटो:पीटीआई)

दक्षिणपूर्वी दिल्ली के डीसीपी रोमिल बानिया ने बताया, तुगलकाबाद डिपो के एक हिस्से में रसायन रिसाव से रानी झांसी स्कूल की छात्राओं के आंखों में जलन होने लगी है. पुलिस के अनुसार 310 छात्राओं का अब तक इलाज हो चुका है. मजीदिया अस्पताल में 107 छात्राएं और बत्रा अस्पताल में 62 छात्राएं भर्ती थी.

बत्रा अस्पताल के एक डॉक्टर ने बताया कि कुछ बच्चों को सांस लेने में हल्की दिक्कत, आंखों में जलन और हल्का सरदर्द हो रहा था. सांस लेने में दिक्कत के साथ आए दो बच्चों को पीडियाट्रिक आईसीयू में भर्ती कराया गया है.

डॉक्टर ने बताया, आईसीयू में भर्ती बच्चों सहित बाकी बच्चों की हालत भी स्थिर है. उन्हें अभी निगरानी में रखा गया है और संभवत: उन्हें तीन या चार घंटों में अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी.

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि उन्होंने क्षेत्रीय जिला मजिस्ट्रेट को इस मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा, स्कूल में परीक्षा होने वाली थी, जिसे घटना के बाद रद्द कर दिया गया. दिल्ली का शिक्षा विभाग भी संभाल रहे सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने डॉक्टरों से बात की है, जिन्होंने उन्हें बताया कि सभी छात्राएं बेहतर हैं और निगरानी में हैं.

उपराज्यपाल अनिल बैजल और दिल्ली विधानसभा में विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता ने ईसीआई अस्पताल जाकर मरीजों की हालत की जानकारी ली. दिल्ली सरकार पर हमला करते हुए गुप्ता ने इस घटना को लेकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की. गुप्ता ने ट्वीट करते हुए कहा है कि यह स्कूल के अधिकारियों की लापरवाही है क्योंकि वहां गैस रिसाव के चिह्न थे.

स्कूल के अधिकारियों ने क्यों नहीं छात्राओं को स्कूल में प्रवेश करने से रोका? दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष (डीसीडब्ल्यू) स्वाति मालीवाल बत्रा अस्पताल में भर्ती छात्रााओं से मिली और कंटेनर डिपो को स्थानांतरित करने की मांग की.

मालीवाल ने ट्वीट किया, बुहत ही दुखद. यह मनुष्य द्वारा बनाई गई आपदा है क्योंकि कंटेनर डिपो को मध्य दिल्ली में होने की कोई जरूरत नहीं है. इसे स्थानांतरित किया जाना चाहिए. गैस रिसाव के लिए जिम्मेदारी तय हो.

अपोलो अस्पताल के अधिकारियों ने कहा है कि यहां भर्ती 42 बच्चों और एक व्यस्क की हालत स्थिर है. अस्पताल ने एक बयान में कहा है कि पीड़ितों का उपयुक्त इलाज किया गया और फिलहाल सभी मरीजों की हालत स्थिर है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)