लोकसभा चुनाव परिणाम 2019: प्रज्ञा ठाकुर के निर्णायक बढ़त लेने के बाद दिग्विजय सिंह ने अपनी हार स्वीकार कर ली. उन्होंने कहा कि मैं जनादेश को स्वीकार करता हूं.
नई दिल्ली: 17वीं लोकसभा के गठन के लिए 542 सीटों पर 11 अप्रैल से 19 मई तक सात चरणों में सम्पन्न हुए आम चुनावों के बाद गुरुवार को वोटों की गिनती शुरू हो गई है. मौजूदा लोकसभा का कार्यकाल तीन जून को समाप्त हो रहा है.
देश के चर्चित सीटों में से एक मध्य प्रदेश की भोपाला लोकसभा सीट पर साध्वी प्रज्ञा ठाकुर कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह से 3,23,000 हजार से अधिक मतों से आगे चल रही हैं.
वहीं अपनी निर्णायक बढ़त को देखते हुए प्रज्ञा ठाकुर ने कहा, ‘निश्चित मेरी विजय होगी, मेरी विजय में धर्म की विजय होगी, अधर्म का नाश होगा. मैं भोपाल की जनता का आभार देती हूं.’
BJP Bhopal candidate Pragya Singh Thakur on trends showing she is leading: Nischit meri vijay hogi, meri vijay mein dharm ki vijay hogi, adharm ka naash hoga. Mein Bhopal ki janta ka aabhaar deti hun. pic.twitter.com/d2zZ0LPptQ
— ANI (@ANI) May 23, 2019
प्रज्ञा ठाकुर के निर्णायक बढ़त लेने के बाद दिग्विजय सिंह ने अपनी हार स्वीकार कर ली. उन्होंने कहा, ‘मैं जनादेश को स्वीकार करता हूं.’
Digvijaya Singh, Congress's candidate from Bhopal: I accept people's mandate. #ElectionResults2019 pic.twitter.com/x06a7r2Vkm
— ANI (@ANI) May 23, 2019
इससे पहले भोपाल लोकसभा सीट की मतगणना के दौरान कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह और भाजपा उम्मीदवार प्रज्ञा सिंह ठाकुर एक साथ बैठे नजर आए थे. जब प्रज्ञा ठाकुर ने निर्णायक बढ़त ले ली तो दिग्विजय सिंह मतगणना स्थल से उठकर वहां से चले गए.
Bhopal: BJP's candidate Pragya Thakur and Congress candidate Digvijaya Singh at the counting center. #ElectionResults2019 #MadhyaPradesh pic.twitter.com/7sWGzxnkAR
— ANI (@ANI) May 23, 2019
प्रदेश में सबसे ज्यादा 30 उम्मीदवार यहां से मैदान में थे. 12 मई को हुए मतदान में इस ससंदीय क्षेत्र के इतिहास में सबसे ज्यादा 65.69 फीसदी मतदान हुआ था.
भोपाल संसदीय क्षेत्र 1984 से भाजपा का गढ़ है. पिछले आठ चुनाव से यहां भाजपा का कब्जा है. 1984 से पहले यह सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी. पूर्व मुख्य सचिव रहे स्वर्गीय सुशीलचंद वर्मा यहां से 4 बार सांसद रहे. बाकी तीन चुनावों में पूर्व मुख्यमंत्रियों में उमा भारती और कैलाश जोशी यहां से जीते.
2014 के चुनाव में आलोक संजर ने कांग्रेस के पीसी शर्मा को पराजित किया. आलोक संजर ने कांग्रेस प्रत्याशी पीसी शर्मा को 3,70,696 वोटों से हराया था. भोपाल सीट पर 1957 से लेकर अब तक हुए चुनाव में पहली बार 2019 में सबसे ज्यादा 65.69 फीसदी मतदान हुआ. 2014 में 57.79 फीसदी मतदान हुआ था.
भोपाल सीट पर सिर्फ दो बार ही ऐसे मौके आए, जब मतदान का प्रतिशत 60 के अधिक रहा. पहली बार 1977 में इमरजेंसी के बाद हुए चुनाव में 61.76% और दूसरी बार 1999 में 61.88%. 1957 में भोपाल में पहला लोकसभा चुनाव हुआ था. इसमें कांग्रेस की मैमुना सुल्तान जीती थीं.