पीएम किसान योजना: हर किसान को छह हज़ार रुपये सालाना देने के प्रस्ताव को मंज़ूरी

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के दायरे में सभी किसानों को शामिल करने को मंत्रिमंडल की मंज़ूरी. योजना के तहत अब 14.5 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे. इससे सरकारी खजाने पर 87,000 करोड़ रुपये सालाना बोझ पड़ेगा.

Amritsar: Farmers plant paddy seedlings in a field in a village near Amritsar on Friday. PTI Photo (PTI6_16_2017_000065B)

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के दायरे में सभी किसानों को शामिल करने को मंत्रिमंडल की मंज़ूरी. योजना के तहत अब 14.5 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे. इससे सरकारी खजाने पर 87,000 करोड़ रुपये सालाना बोझ पड़ेगा.

Amritsar: Farmers plant paddy seedlings in a field in a village near Amritsar on Friday. PTI Photo (PTI6_16_2017_000065B)
(फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी की अगुवाई वाली नई सरकार ने चुनाव में किए गए वादों के तहत बीते शुक्रवार को प्रधानमंत्री किसान योजना का दायरा बढ़ाते हुए इसके तहत सभी किसानों को 6,000 रुपये सालाना देने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.

नई राजग सरकार के मंत्रिमंडल की पहली बैठक में यह निर्णय किया गया. आम चुनावों के अपने घोषणापत्र में भाजपा ने सभी किसानों को इस योजना के दायरे में लाने का वादा किया था.

प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत अब 14.5 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे, इससे सरकारी खजाने पर 87,000 करोड़ रुपये सालाना बोझ पड़ेगा.

उच्च पदस्थ सूत्रों ने कहा, ‘मंत्रिमंडल ने पीएम-किसान योजना का दायरा बढ़ाकर सभी किसानों को इसमें अंतर्गत लाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी.’

वित्त वर्ष 2019-20 के अंतरिम बजट में 75,000 करोड़ रुपये की प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की घोषणा की गई थी. इसके तहत सरकार ने दो हेक्टयर तक की जोत वाले करीब 12 करोड़ छोटे एवं सीमांत किसानों को 6,000 रुपये सालाना तीन किस्तों में देने की घोषणा की थी.

आधिकारिक आंकड़े के अनुसार प्रधानमंत्री किसान योजना के तहत अब तक 3.11 करोड़ छोटे किसान 2,000 रुपये की पहली किस्त प्राप्त कर चुके हैं. वहीं 2.75 करोड़ कृषकों को दूसरी किस्त मिल चुकी है.


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हालांकि द वायर की ओर से सूचना के अधिकार के तहत मिली एक जानकारी में यह पता चला था कि किसानों को जारी की गई रकम में से करोड़ों रुपये उनके खातों से वापस ले लिए गए हैं.

आरटीआई के तहत कुल 19 राष्ट्रीयकृत बैंकों में से स्टेट बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, यूको बैंक, सिंडिकेट बैंक, केनरा बैंक ने आरटीआई के जवाब में स्वीकार किया है कि इस योजना के तहत किसानों के खाते में डाले गए पैसे वापस ले लिए गए हैं.

बीते 24 फरवरी को इस योजना के लॉन्च के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने योजना को किसानों की स्थिति सुधारने की दिशा में एक बहुत बड़ा क़दम बताया था.

हालांकि, लोकसभा चुनाव के दौरान द वायर द्वारा प्राप्त किए गए दस्तावेज़ों से पता चलता है कि इस योजना के तहत पहली किस्त के रूप में प्रति किसान को दिए गए 2000 रुपये कुछ दिनों या कुछ ही घंटों बाद उनके खातों से निकाल लिए गए. इस योजना के तहत दो हेक्टेयर या इससे कम ज़मीन के मालिक वाले किसानों को 2000 रुपये की तीन किस्त में एक साल में 6,000 रुपये देने का प्रावधान रखा गया है.

भारत के सबसे बड़ी बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने बताया था कि इस योजना के तहत आठ मार्च 2019 तक 27,307 खातों में डाली गई रकम में से पांच करोड़ 46 लाख रुपये (5,46,14,000 रुपये) वापस ले लिए गए. एसबीआई ने ये भी बताया था कि आठ मार्च 2019 तक उन्होंने करीब 42 लाख 74 हज़ार खातों में लगभग 854.85 करोड़ रुपये पीएम किसान योजना के तहत डाला था.

इसी तरह बैंक ऑफ महाराष्ट्र ने इस बात की पुष्टि की थी कि योजना के तहत किसानों के खातों में डाले गए पैसे वापस ले लिए गए हैं. इस बैंक ने बताया था कि अब तक उन्होंने करीब एक लाख 88 हज़ार खातों में लगभग 37 करोड़ 70 लाख रुपये डाले हैं. इसमें से 61 लाख 20 हज़ार रुपये वापस ले लिए गए हैं.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)