केंद्र ने त्रिपुरा के उग्रवादी समूह के साथ शांति समझौते पर हस्ताक्षर किया

वर्ष 1997 से प्रतिबंधित विद्रोही समूह नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्विप्रा ने केंद्र और त्रिपुरा सरकार से किया समझौता. समूह के 88 सदस्य करेंगे आत्मसमर्पण.

/
समझौता पत्र पर गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव (उत्तर पूर्व) सत्येंद्र गर्ग, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह, त्रिपुरा) कुमार आलोक और एनएलएफटी (एसडी) के सबीर कुमार देबबर्मा और काजल देबबर्मा ने हस्ताक्षर किए हैं. (फोटो साभार: एएनआई)

वर्ष 1997 से प्रतिबंधित उग्रवादी समूह नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्विप्रा ने केंद्र और त्रिपुरा सरकार से किया समझौता. समूह के 88 सदस्य करेंगे आत्मसमर्पण.

समझौता पत्र पर गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव (उत्तर पूर्व) सत्येंद्र गर्ग, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह, त्रिपुरा) कुमार आलोक और एनएलएफटी (एसडी) के सबीर कुमार देबबर्मा और काजल देबबर्मा ने हस्ताक्षर किए हैं. (फोटो साभार: एएनआई)
समझौता पत्र पर गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव (उत्तर पूर्व) सत्येंद्र गर्ग, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह, त्रिपुरा) कुमार आलोक और एनएलएफटी (एसडी) के सबीर कुमार देबबर्मा और काजल देबबर्मा ने हस्ताक्षर किए हैं. (फोटो साभार: एएनआई)

नई दिल्ली: केंद्र ने त्रिपुरा के एक उग्रवादी समूह के साथ शनिवार को एक समझौते पर हस्ताक्षर किया. समझौते के तहत उग्रवादी हथियार डाल कर मुख्यधारा में शामिल होने के लिए राजी हुए हैं.

गृह मंत्रालय के एक बयान के अनुसार त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओएस) पर भारत सरकार, त्रिपुरा सरकार और सबीर कुमार देबवर्मा के नेतृत्व वाले ‘नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्विप्रा’ (एनएलएफटी-एसडी) ने हस्ताक्षर किए.

समझौता पत्र पर हस्ताक्षर के बाद एनएलएफटी के प्रतिनिधियों ने गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की.

एनएलएफटी-एसडी हिंसा छोड़ने, मुख्यधारा में शामिल होने और भारतीय संविधान का पालन करने को राजी हो गया है.

समूह अपने 88 सदस्यों के आत्मसमर्पण के लिए भी तैयार हो गया है. वे लोग अपने हथियार भी सौंप देंगे. इन 88 लोगों के 13 अगस्त को आत्मसमर्पण करने की संभावना.

आत्मसमर्पण करने वालों को गृह मंत्रालय की आत्मसमर्पण-सह-पुनर्वास योजना 2018 के तहत मिलने वाले लाभ भी मुहैया कराए जाएंगे.

बयान में कहा गया कि त्रिपुरा सरकार आत्मसमर्पण करने वाले उग्रवादियों को आवास और शिक्षा आदि के लिए भी मदद करेगी. केंद्र सरकार राज्य के आदिवासी क्षेत्रों के आर्थिक विकास के लिए त्रिपुरा सरकार के प्रस्ताव पर भी विचार करेगी.

ट्विटर पर त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने प्रतिबंधित संगठन के इस कदम का स्वागत किया है.

https://twitter.com/BjpBiplab/status/1160163018296049665

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं एनएलएफटी के निर्णय का स्वागत करता हूं और यह बताते हुए खुश हूं कि केंद्र सरकार, त्रिपुरा सरकार और एनएलएफटी के बीच एक समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किया गया है.’

उन्होंने कहा, ‘एनएलएफटी हिंसक गतिविधियों में शामिल रहा था और 1997 से इस समूह पर प्रतिबंध लगा हुआ है. अब ये लोग हिंसा का रास्ता छोड़ने के लिए सहमत हो गए हैं.’

एक अन्य ट्वीट में मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने कहा, ‘एनएलएफटी ने मुख्यधारा में शामिल होने का निर्णय लिया है. इसके अलावा समूह के 88 सदस्यों ने अपने हथियारों के साथ आत्मसमर्पण करने का फैसला किया है. हमारी राज्य सरकार उन्हें आवास, रोजगार और शिक्षा दिलाने में मदद करेगी.’

समझौता पत्र पर गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव (उत्तर पूर्व) सत्येंद्र गर्ग, अतिरिक्त मुख्य सचिव (गृह, त्रिपुरा) कुमार आलोक और एनएलएफटी (एसडी) के सबीर कुमार देबबर्मा और काजल देबबर्मा ने हस्ताक्षर किए हैं.

एनएलएफटी पर गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत 1997 से प्रतिबंध लगा हुआ है. यह संगठन 317 उग्रवादी घटनाओं सहित हिंसा की गतिविधियों के लिए जिम्मेदार रहा है. 2005 से 2015 के बीच हुई इन हिंसक घटनाओं में 28 जवानों और 62 नागरिकों की मौत हुई है.

शांति वार्ता की शुरुआत 2015 में हुई थी और 2016 से एनएफएफटी द्वारा किसी तरह की कोई हिंसा नहीं की गई.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq