क्या उत्तर प्रदेश सरकार राज्य के निवासियों की मालिक या अभिभावक बन गई है?

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को इस बात से बहुत नाराज़गी है कि दूसरे राज्यों ने 'उनके लोगों' की ठीक से देखभाल नहीं की और इस कारण उन्हें इतनी तबाही झेलनी पड़ी. ख़ुद उनकी सरकार ने लोगों का ख़याल कैसे रखा, कैसे महामारी के बहाने 'अपने लोगों' के स्वास्थ्य संरक्षण के नाम पर मालिकाना रवैया अख़्तियार कर लिया है, इस बारे में कोई सवाल नहीं है.

आईएलओ ने प्रधानमंत्री से की अपील, कहा- भारत की अंतरराष्ट्रीय श्रम प्रतिबद्धताओं को बरकरार रखें

देश के 10 केंद्रीय मजदूर संगठनों ने आईएलओ को पत्र लिखकर गुजारिश की थी कि वे विभिन्न राज्यों में श्रम कानूनों में हो रहे बदलावों को लेकर हस्तक्षेप करें और श्रमिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करें.

बिहार: नौकरी के सवाल पर जदयू विधायक ने कहा- जो बाबूजी तुमको पैदा किए, वो रोजगार दिए

मामला बिहार के शेखपुरा का है. शेखपुरा से जदयू विधायक रणधीर कुमार सोनी एक क्वारंटीन सेंटर का दौरा करने पहुंचे थे. वहां क्वारंटीन किए गए प्रवासी मजदूरों ने उनसे पूछा था कि बिहार और केंद्र में मौजूद एनडीए सरकारें रोजगार क्यों पैदा नहीं कर पा रही हैं?

उत्तर प्रदेश: आलोचना के बाद सरकार ने वापस लिया कोविड वार्ड में मोबाइल पर पाबंदी का फैसला

उत्तर प्रदेश सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आरोप लगाया था कोविड अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती मरीजों के मोबाइल फोन इस्तेमाल पर पाबंदी इसलिए लगाई गई है ताकि अस्पतालों की दुर्दशा का सच जनता तक ना पहुंचे.

हर रात क़रीब 3,000 मज़दूर रबर ट्यूब के सहारे यमुना पारकर हरियाणा से यूपी आ रहे: पुलिस

सहारनपुर के डिविज़नल कमिश्नर ने कहा कि लोग जिस रबर ट्यूब का इस्तेमाल कर रहे हैं, वे पहले से ही ख़राब हालत में है और कभी भी फट सकते हैं. इससे नदी को पार करने का जोख़िम उठाने वालों की ज़िंदगी ख़तरे में पड़ सकती है.

दुनिया की सैर पर निकला था फ्रेंच परिवार, लॉकडाउन के चलते यूपी के एक गांव में दो महीने से फंसा है

दुनिया घूमने निकला फ्रांस का एक परिवार मार्च में भारत के रास्ते नेपाल जा रहा था, जब दोनों ही देशों में कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन के कारण वे भारत की सीमा में ही रह गया. बीते दो महीने से वे लोग महराजगंज ज़िले के अचलगढ़ गांव में रह रहे हैं.

लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश में एस्मा लागू, छह महीने के लिए हड़ताल पर रोक

योगी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में एस्मा कानून लागू किए जाने के बाद अति आवश्यक सेवाओं में लगे कर्मचारी न तो छुट्टी ले सकेंगे और न ही हड़ताल पर जा सकेंगे.

उत्तर प्रदेश में दो सड़क दुर्घटनाओं में पांच प्रवासी मजदूरों की मौत

एक दुर्घटना मिर्जापुर के लालगंज थाना क्षेत्र में हुई, जिसमें महाराष्ट्र से बिहार जा रहे तीन मजदूरों की मौत हुई. दूसरा हादसा बुलंदशहर जिले में हुआ, जिसमें गुजरात से बिजनौर जा रहे दो श्रमिकों की मौत हो गई.

लॉकडाउन: अंधेरे में नदी और जंगल के रास्ते हरियाणा से बिहार जा रहे मज़दूर

मज़दूरों का ये जत्था हरियाणा के यमुनानगर से आ रहा था. आजीविका खो चुके इन मज़दूरों का कहना है कि जिस शेल्टर होम में ये रह रहे थे, वहां ख़राब खाने के साथ एक टाइम ही खाना मिल रहा था.

उत्तर प्रदेश: बस विवाद में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा गया

कांग्रेस द्वारा उपलब्ध कराई गई बसों को उत्तर प्रदेश में प्रवेश नहीं देने की वजह से धरने पर बैठने के लिए गिरफ्तार किए गए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को आगरा की एक अदालत ने बुधवार को जमानत दे दी थी. इसके बाद लखनऊ पुलिस ने उन्हें धोखाधड़ी और फर्जी दस्तावेज के मामले में गिरफ्तार कर लिया था.

कोविड 19: प्रेस काउंसिल ने पत्रकार के खिलाफ केस को लेकर यूपी सरकार से रिपोर्ट मांगी

‘मीडिया ब्रेक’ वेबसाइट के संपादक आशीष अवस्थी के खिलाफ कोविड-19 महामारी के दौरान होमगार्ड के जवानों द्वारा सामना की जाने वाली समस्याओं के संबंध में एक खबर प्रकाशित करने पर उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में केस दर्ज किया गया है.

लॉकडाउन: उत्तर प्रदेश में दो अलग-अलग हादसों में प्रवासियों के दो बच्चों की मौत

पहला हादसा उत्तर प्रदेश के मैनपुरी ज़िले में, जबकि दूसरा हादसा कानपुर ज़िले में हुआ है. कानपुर में हुए हादसे में 12 लोग घायल भी हुए हैं.

प्रवासी श्रमिकों के लिए कांग्रेस की बसों को यूपी में प्रवेश क्यों नहीं करने दे रही योगी सरकार?

प्रवासी श्रमिकों के लिए 1000 बसें उपलब्ध कराने की कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की पेशकश स्वीकार करने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने बसों की सूची में कुछ अन्य वाहनों के नंबर होने का आरोप लगाते हुए प्रियंका गांधी के निजी सचिव, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष तथा अन्य के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कराया है.

उत्तर प्रदेश के गाज़ियाबाद में घर जाने के लिए फिर उमड़ी प्रवासी श्रमिकों की भीड़

वीडियो: दिल्ली से लगे गाज़ियाबाद के रामलीला मैदान में सोमवार को अचानक घर जाने की उम्मीद में प्रवासी श्रमिकों का हुजूम उमड़ आया था, जिसे संभालने में प्रशासन को काफ़ी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. मंगलवार को गाज़ियाबाद प्रशासन ने मैदान में मज़दूरों को जाने से रोक दिया. द वायर की डिप्टी एडिटर संगीता बरुआ पिशारोती और गौरव भटनागर की इन श्रमिकों से बातचीत.

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