सुदर्शन न्यूज़ के नफ़रत भरे प्रचार की निंदा करना ही काफ़ी नहीं है

नेताओं की हेट स्पीच, सोशल मीडिया और न्यूज़ चैनलों के ज़रिये समाज में कट्टरता और नफ़रत भरे विचारों को बिल्कुल सामान्य तौर पर परोसा जा रहा है और ऐसा करने वालों में सुरेश चव्हाणके अकेले नहीं हैं.

दिल्ली हाईकोर्ट ने सुदर्शन न्यूज़ के ‘नौकरशाही जिहाद’ कार्यक्रम पर रोक लगाई

जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्रों की याचिका पर दिल्ली हाईकोर्ट ने सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके के शो 'बिंदास बोल' के विवादित 'यूपीएससी जिहाद' एपिसोड पर रोक लगा दी है. इसका प्रसारण 28 अगस्त को रात आठ बजे होना था.

यूपीएससी जिहाद ट्रेलर: जामिया मिलिया ने की सुदर्शन न्यूज़ के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग

सुदर्शन न्यूज़ के प्रधान संपादक सुरेश चव्हाणके अपने शो 'बिंदास बोल' के विवादित ट्रेलर में 'जामिया के जिहादी' शब्द कहते नज़र आ रहे हैं. जामिया का कहना है कि उन्होंने न सिर्फ यूनिवर्सिटी और एक समुदाय की छवि धूमिल करने की कोशिश की, बल्कि यूपीएससी की प्रतिष्ठा भी ख़राब करने का प्रयास किया है.

दिल्ली दंगा: पुलिस ने अब जेएनयू छात्र शरजील इमाम को यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किया

दिल्ली लाए जाने से पहले शरजील इमाम गुवाहाटी जेल में बंद थे और कोरोना संक्रमित पाए गए थे. नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण देने के आरोप में उन पर राजद्रोह का भी मामला चल रहा है.

जेएनयू छात्र शरजील इमाम के ख़िलाफ़ चार्जशीट दायर, राजद्रोह का आरोप

सीएए विरोधी प्रदर्शनों से जुड़े एक मामले में पुलिस ने दिल्ली की एक अदालत में दायर आरोपपत्र में पुलिस ने जेएनयू छात्र शरजील इमाम को राजद्रोह सहित अन्य मामलों में आरोपी बनाया है. गुवाहाटी जेल में बंद इमाम बीते दिनों कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.

जामिया हिंसा: याचिकाकर्ताओं के जवाब में ‘गृह मंत्री’ पर हुई टिप्पणी पर सॉलिसिटर जनरल ने जताई आपत्ति

बीते साल दिसंबर में जामिया मिलिया इस्लामिया में सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा के मामले में दिल्ली पुलिस द्वारा दायर हलफनामे के जवाब में याचिकाकर्ताओं ने कहा था कि पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान जैसे छात्रों को बेरहमी से पीटा, उससे लगता है कि उन्हें ऊपर से ऐसा करने का आदेश मिला था.

जामिया में पुलिस हिंसा: एनएचआरसी ने छात्रों को ही बताया दोषी

वीडियो: पुलिस द्वारा जामिया मिलिया इस्लामिया की लाइब्रेरी में घुसकर विद्यार्थियों पर कार्रवाई करने की ख़बर के राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मीडिया में सुर्ख़ियों में आने के सात महीने के बाद राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने जामिया के छात्रों के साथ कथित पुलिस बर्बरता पर अपनी रिपोर्ट जारी की है.

जामिया हिंसा: एनएचआरसी ने परिसर में पुलिसिया कार्रवाई के लिए छात्रों को ही ज़िम्मेदार ठहराया

15 दिसंबर 2019 को जामिया मिलिया इस्लामिया परिसर में दिल्ली पुलिस द्वारा छात्रों को बर्बरता से पीटने की घटना पर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इससे पहले विद्यार्थियों का सीएए के ख़िलाफ़ प्रदर्शन एक ‘ग़ैर क़ानूनी जमावड़ा’ था, जिसने पुलिसिया कार्रवाई को दावत दी.

गर्भवती सफ़ूरा ज़रगर को न्याय के मंदिर में इंसाफ़ नहीं

वीडियो: दिल्ली पुलिस ने अप्रैल की शुरुआत में जामिया मिलिया इस्लामिया की छात्रा सफ़ूरा ज़रगर को दिल्ली हिंसा से जुड़े एक मामले में गिरफ़्तार किया था. 27 वर्षीय सफ़ूरा 21 हफ्ते की गर्भवती हैं और पॉली सिस्टिक ओवेरियन डिसऑर्डर से पीड़ित हैं. दिल्ली की एक अदालत ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया है. इस मुद्दे पर सीनियर एडवोकेट सिद्धार्थ दवे और सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मंदर से आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की बातचीत.

जामिया में घुसना ज़रूरी था क्योंकि दंगाई इसे ढाल की तरह इस्तेमाल कर रहे थे: दिल्ली पुलिस

पिछले साल 13 से 15 दिसंबर के बीच जामिया मिलिया इस्लामिया के पास सीएए विरोध प्रदर्शन के दौरान हुईं घटनाओं को लेकर दिल्ली पुलिस के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं के जवाब में पुलिस ने कहा है कि हिंसा की घटनाएं कुछ लोगों द्वारा सुनियोजित थीं.

दिल्ली हिंसा: सफूरा जरगर को नहीं मिली ज़मानत, जज ने कहा- साज़िश में शामिल होने के सबूत हैं

जामिया मिलिया इस्लामिया की छात्रा सफूरा जरगर के वकील ने कोर्ट से अपील की कि उन्हें मानवीय आधार पर ज़मानत दी जाए, क्योंकि वो 21 हफ्ते की गर्भवती हैं और पॉली सिस्टिक ओवरियन डिसऑर्डर से पीड़ित हैं.

दिल्ली हिंसा की पटकथा लिखने के बाद पुलिस कोर्ट और जनता को इस पर यक़ीन कराने का प्रयास कर रही है

दिल्ली पुलिस इस बात पर यक़ीन करने को कह रही है कि फरवरी में दिल्ली में हुई हिंसा के पीछे एक षड्यंत्र है और इसमें वे ही लोग शामिल हैं जिन्होंने किसी न किसी रूप में नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में हुए प्रदर्शनों में हिस्सा लिया था. पुलिस को यह पटकथा उसके राजनीतिक आकाओं ने दी और जांच एजेंसियों ने इसे कहानी के रूप में विकसित किया है.

जामिया गिरफ़्तारी: दिल्ली की अदालत ने कहा कि जांच एक ही पक्ष को निशाना बनाती दिख रही है

दिल्ली हिंसा से जुड़े मामले में यूएपीए के तहत गिरफ़्तार किए गए जामिया मिलिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा को स्थानीय अदालत में पेश किए जाने पर अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने कहा कि पुलिस हिंसा में शामिल दूसरे पक्ष के बारे में अब तक हुई जांच को लेकर कुछ नहीं बता सकी है. तन्हा को गुरुवार को ज़मानत दे दी गई.

दिल्ली हिंसा: गर्भवती महिला को मिली जेल, हथियारों की सप्लाई करने वाले को ज़मानत

कैसे एक व्यक्ति, जिसे दंगों के मामले में अवैध हथियारों के साथ पकड़ा गया, को ज़मानत मिल सकती है, लेकिन जिनके पास ऐसा कुछ बरामद नहीं हुआ, वे अब भी सलाखों के पीछे हैं?

सफूरा जरगर के ख़िलाफ़ छिड़ा चरित्र हनन अभियान क्या बताता है

सच्चाई यह है कि साल 2018 में सफूरा की शादी एक कश्मीरी युवक से हुई थी. सफूरा और उनका परिवार पहले से ही उनकी गर्भावस्था से वाकिफ था और यही वजह थी कि उनके वकील ने सफूरा की गर्भावस्था को ध्यान में रखते हुए अप्रैल में ही उनकी जमानत की गुहार लगाई थी.

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