एक महिला के चार साल की बेटी की कस्टडी मांगने पर पति द्वारा उनके चरित्र पर सवाल उठाने पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने कहा कि पितृसत्तात्मक समाज में किसी महिला के चरित्र पर आक्षेप लगाना सामान्य बात है. आमतौर पर ऐसे आरोपों का कोई आधार नहीं होता. महिला के विवाहेतर संबंध हों भी तो यह निष्कर्ष नहीं निकाला जा सकता है कि वह अच्छी मां नहीं होगी.
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने नंदीग्राम के निर्वाचन अधिकारी द्वारा सीईओ कार्यालय को भेजे एक कथित एसएमएस को सार्वजनिक करते हुए दावा किया कि अधिकारी को अपने जीवन का ख़तरा था इसलिए उन्होंने फिर से मतगणना के आदेश नहीं दिए.
टीकाकरण अगर सफल होना है तो उसे मुफ़्त होना ही होगा, यह हर टीकाकरण अभियान का अनुभव है, तो भारत में ही क्यों लोगों को टीके के लिए पैसा देना पड़ेगा? महामारी की रोकथाम के लिए टीका जीवन रक्षक है, फिर भारत सरकार के लिए एक करदाता के जीवन का महत्त्व इतना कम क्यों है कि वह इसके लिए ख़र्च नहीं करना चाहती?
वीडियो: भारत में धर्म, कुल, जाति, लिंग, जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता. संविधान का अनुच्छेद 15 क्या कहता है? कैसे न्यायालयों ने भेदभाव करने वाले बहुत सारे क़ानूनों को ग़ैर-संविधानिक क़रार दिया.
नेशनल ज्यूडिशियल डेटा ग्रिड के आंकड़ों के मुताबिक, 31 दिसंबर 2019 से 31 दिसंबर 2020 के बीच सुप्रीम कोर्ट में 10.35 फ़ीसदी, 25 हाईकोर्ट में 20.4 फ़ीसदी और जिला न्यायालयों में 18.2 फ़ीसदी लंबित मामले बढ़े हैं.
दिल्ली की एक 22 वर्षीय महिला ने ईटी नाउ के एंकर वरुण हिरेमथ पर बलात्कार का आरोप लगाया है. वरुण ने अग्रिम ज़मानत की याचिका में कहा कि पूर्व में वे दोनों सहमति से यौन संबंध बना चुके हैं. अदालत ने याचिका ख़ारिज करते हुए कहा कि यदि उसके सामने पेश साक्ष्यों में महिला ने कहा है कि उसने सहमति नहीं दी तो अदालत यही मानेगी.
कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रेन्स फाउंडेशन द्वारा के अध्ययन के अनुसार हर साल बाल यौन उत्पीड़न के क़रीब तीन हज़ार मामले सुनवाई के लिए अदालत नहीं पहुंच पाते क्योंकि पुलिस पर्याप्त सबूत न होने के कारण आरोपपत्र दायर करने से पहले ही जांच बंद कर देती है. इसमें 99 फीसदी मामले बच्चियों के यौन शोषण के ही होते हैं.
शीर्ष अदालत की यह टिप्पणी साल 2018 के एक मामले के संबंध में आई है, जहां मध्य प्रदेश के एक पूर्व जिला जज पर एक जूनियर महिला अधिकारी ने यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं. जज ने उनके ख़िलाफ़ हाईकोर्ट द्वारा शुरू की गई अनुशासनात्मक कार्यवाही को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी.
सुप्रीम कोर्ट ने उड़ीसा हाईकोर्ट के एक निर्णय को बरक़रार रखते हुए कहा कि किसी भी आरोपी के ख़िलाफ़ सबूतों की कड़ी इतनी पूर्ण होनी चाहिए कि उसके ख़िलाफ़ आरोप को साबित किया जा सके. हाईकोर्ट ने बिजली का करंट देकर एक होमगार्ड की हत्या करने के दो आरोपियों को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया था.
शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया है कि दिल्ली अधीनस्थ सेवा चयन बोर्ड द्वारा प्राथमिक शिक्षक परीक्षा में 13 अक्टूबर, 2018 के प्रश्न पत्र में जाति आधारित अपमानजनक शब्दों को शामिल किया गया था और अगले वर्ष 18 अगस्त, 2019 के प्रश्न पत्र में फिर से यह दोहराया गया.
कॉमनवेल्थ ह्यूमन राइट्स इनिशिएटिव द्वारा तैयार रिपोर्ट के अनुसार, महाराष्ट्र में अब तक 36 मामलों में आरटीआई कार्यकर्ताओं का उत्पीड़न किया गया. 41 अन्य को या तो प्रताड़ित किया गया या नतीजे भुगतने की धमकी दी गई. वहीं, पुख़्ता सबूत होने के बावजूद एक भी मामले में दोषियों को सज़ा नहीं हुई.
मामला उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का है. पुलिस के अनुसार, गोरखपुर विश्वविद्यालय में एलएलबी प्रथम वर्ष के छात्र ने प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के चेहरे से छेड़छाड़ की थी और इसे आपत्तिजनक बना दिया था.
विकिलीक्स के सह-संस्थापक जूलियन असांजे पर अमेरिका ने जासूसी के 17 आरोप लगाएं हैं, जबकि एक आरोप कंप्यूटर के दुरुपयोग का भी है. इन आरोपों में अधिकतम सज़ा 175 साल क़ैद है.
यह मामला हरियाणा के रोहतक शहर का है. दिनदहाड़े हुई फायरिंग की घटना में युवक का भाई घायल हो गया है. कहा जा रहा है कि युवती का परिवार इस शादी के ख़िलाफ़ था. पुलिस को शक है कि युवती के पिता ने ही दोनों की हत्या करवाई है.
शहला राशिद, उनकी मां ज़ुबेदा अख़्तर और बहन अस्मा राशिद ने यह कहते हुए मुक़दमा दायर किया था कि उनके पिता अब्दुल राशिद शोरा झूठे और तुच्छ आरोप लगाकर उनकी प्रतिष्ठा को कम करने का काम कर रहे हैं, जिसमें उन्हें राष्ट्रविरोधी कहना तक शामिल है. प्रतिवादियों में अब्दुल, कुछ मीडिया आउटलेट्स, फेसबुक, ट्विटर, यूट्यूब और गूगल शामिल हैं.