एन-95 मास्क की गुणवत्ता को लेकर ट्वीट करने वाले एम्स डॉक्टर को कारण बताओ नोटिस जारी

बीती 25 मई को एम्स में मनोचिकित्सा विभाग के एक वरिष्ठ रेजिडेंट डॉक्टर राजकुमार श्रीनिवास ने एक ट्वीट कर भारत में बने एन-95 मास्क की गुणवत्ता और मानकों को लेकर सवाल उठाए थे. उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय और आईसीएमआर द्वारा जारी एन-95 मास्क से संबंधित आंकड़ों को भी झूठ बताया था.

दिल्ली: एम्स के 200 कर्मचारी कोरोना वायरस की ज़द में

वीडियो: दिल्ली में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. यहां तक की देश के सबसे बड़े अस्पताल एम्स में भी डॉक्टर और नर्स समेत अन्य स्वास्थ्यकर्मी इसकी चपेट में आ रहे हैं. एम्स में अब तक क़रीब 200 कर्मचारी पॉजिटिव पाए गए हैं. एम्स रेज़िडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने इसके लिए मास्क और पीपीई किट की ख़राब गुणवत्ता को ज़िम्मेदार ठहराया है.

कोरोनाः एम्स की सभी ओपीडी सेवाएं अस्थाई तौर पर बंद

दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान ने कहा है कि ओपीडी के लिए नियमित पंजीकरण की प्रक्रिया भी रोक दी गई है. अब सिर्फ आपातकालीन सर्जरी ही की जा रही हैं.

मीडिया बोल: डॉक्टर-हड़ताल और अदावत का क्रिकेटी जलसा

मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश देश भर में हुई डॉक्टरों की हड़ताल पर वरिष्ठ पत्रकार गौतम लाहिड़ी, वरिष्ठ पत्रकार क़ुर्बान अली और बीएचयू के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर ओमशंकर से चर्चा कर रहे हैं.

पश्चिम बंगाल: डॉक्टरों ने ठुकराया बातचीत का प्रस्ताव, कहा- पहले मुख्यमंत्री माफ़ी मांगें

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने गतिरोध का समाधान निकालने के लिए राज्य सचिवालय में डॉक्टरों को बैठक में आमंत्रित किया था. इस बीच, दिल्ली स्थित एम्स और सफदरजंग अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टरों ने ममता बनर्जी को राज्य के आंदोलनकारी डॉक्टरों की मांगों को पूरा करने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया है.

पश्चिम बंगाल में डॉक्टरों पर हमले के विरोध में दिल्ली, महाराष्ट्र के डॉक्टर हड़ताल पर

पश्चिम बंगाल के कोलकाता के एनआरएस मेडिकल कॉलेज में इलाज के दौरान 75 वर्षीय बुज़ुर्ग की मौत हो गई थी, जिसके बाद बुज़ुर्ग के परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए दो जूनियर डॉक्टरों की पिटाई कर दी थी.

पायल तड़वी की मौत के बाद एम्स के डॉक्टरों ने की जाति और भेदभाव पर चर्चा

एम्स के प्रोफेसर एलआर मुर्मु ने कहा, पहले कार्यक्रम 13 मई को प्रस्तावित किया गया था और अगर यह उस दिन आयोजित किया जाता तो शायद यह संदेश पायल तक पहुंचता. तब शायद वह अपना फैसला बदल देती.

एम्स ने आंबेडकर और भेदभाव पर आयोजित कार्यक्रम पर लगाई शर्तें, डॉक्टरों ने कहा- आदेश मनमाना

डॉक्टरों के एक समूह द्वारा 13 मई को आंबेडकर और उच्च शिक्षा के संस्थानों में जातिगत भेदभाव विषय पर एक चर्चा रखी गई थी, जिसके लिए प्रशासन द्वारा कुछ निर्देश जारी किए गए. इसके बाद डॉक्टरों ने इसे मौलिक अधिकारों पर अंकुश लगाने का प्रयास बताते हुए आयोजन स्थगित कर दिया.

एम्स दिल्ली में डॉक्टरों से मांगी गई धर्म और जाति की जानकारी

डॉक्टरों से संबंधित प्रशासनिक काम संभालने वाली एम्स फैकल्टी सेल के प्रमुख डॉक्टर संजय आर्या ने कहा कि हमने वरिष्ठ डॉक्टरों का डाटाबेस तैयार करने के उद्देश्य से फॉर्म भेजे थे. उनकी जाति और धर्म के बारे में जानकारी की कोई जरूरत नहीं थी. फॉर्म में ये सवाल गलती से जोड़ दिए गए. मैं इसे जल्द ही संशोधित कर दूंगा.