उपराज्यपाल को शक्ति देने वाला केंद्र का अध्यादेश तानाशाही है, इसका विरोध करेंगे: केजरीवाल

सुप्रीम कोर्ट के आदेश को पलटते हुए केंद्र सरकार द्वारा बीते 19 मई को लाया गया एक अध्यादेश दिल्ली में निर्वाचित सरकार के विभिन्न विभागों की प्रशासनिक सेवाओं में कार्यरत अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग के संबंध में उपराज्यपाल को अधिक शक्तियां प्रदान करता है.

क्या अरविंद केजरीवाल नरेंद्र मोदी के जाल से निकल पाएंगे?

वीडियो: सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली सरकार को अधिकारियों के तबादलों-पोस्टिंग का अधिकार देने के बाद केंद्र की मोदी सरकार द्वारा अध्यादेश लाकर इस फैसले को पलट देना और फिर एलजी को 'सर्वेसवा' बना देना उसकी कुंठा को दिखाता है. इस बारे में वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट का आदेश पलटा, दिल्ली में ट्रांसफर-पोस्टिंग का नियंत्रण वापस लिया

सुप्रीम कोर्ट ने बीते 11 मई को अपने एक आदेश में कहा था कि निर्वाचित दिल्ली सरकार के पास पुलिस, सार्वजनिक व्यवस्था और भूमि से संबंधित सेवाओं को छोड़कर सभी प्रशासनिक सेवाओं (ट्रांसफर-पोस्टिंग) पर अधिकार है. केंद्र ने एक अध्यादेश के ज़रिये इस फैसले को पलट दिया है. आम आदमी पार्टी इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी.

एशिया में सबसे ज्यादा रिश्वत की दर भारत में: ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल

भ्रष्टाचार पर नज़र रखने वाली संस्था ‘ट्रांसपैरेंसी इंटरनेशनल’ ने यह अध्ययन 17 देशों में किया और इसमें कुल मिलाकर क़रीब 20,000 नागरिकों को शामिल किया गया. भारत में उन लोगों की संख्या भी सबसे अधिक है, जो लोक सेवाओं का उपयोग करने के लिए निजी संपर्कों का उपयोग करते हैं.