अग्निपथ योजना के बाद फौजियों के गांव में सेना से दूरी, वीज़ा न मिलने पर डंकी मारने से नहीं चूकते

इस योजना ने इन गांवों और युवाओं का जीवन किस तरह प्रभावित किया है? क्या अब ये फौजियों के गांव नहीं कहलाए जाएंगे? जीवन का एकमात्र सपना बिखर जाने के बाद ये युवक अब क्या कर रहे हैं? क्या सेना को इस योजना की आवश्यकता है? क्या सेना के आधुनिकीकरण के लिए यह एक अनिवार्य कदम है?

इन प्रश्नों की पड़ताल के लिए द वायर ने देश के ऐसे कई इलाकों की यात्रा की. इस सिलसिले में पहली क़िस्त हरियाणा

नौकरी में सुरक्षा की कमी से हरियाणा के युवा अग्निवीर सेना भर्ती में शामिल नहीं हो रहे: हुड्डा

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने कहा कि राज्य के युवाओं के साथ मज़ाक किया जा रहा है, क्योंकि सरकार उन्हें विदेशों में असुरक्षित नौकरियां दे रही है और कमीशन भी ले रही है. राज्य की बीजेपी-जेजेपी सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि आज हरियाणा बेरोज़गारी और महंगाई में टॉप पर है.

अग्निवीरों के बीच में ही ट्रेनिंग छोड़ने की ख़बरों पर कांग्रेस ने मोदी सरकार पर निशाना साधा

अग्निपथ योजना की घोषणा जून 2022 में की गई थी, जिसमें साढ़े 17 से 23 साल के बीच के युवाओं को केवल चार वर्ष के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान है. चार साल बाद इनमें से केवल 25 प्रतिशत युवाओं की सेवा नियमित करने की बात कही गई थी. एक रिपोर्ट में कहा गया है कि युवा बीच में ही प्रशिक्षण छोड़ दे रहे हैं.

दिल्ली हाईकोर्ट ने ‘अग्निपथ’ के ख़िलाफ़ सभी याचिकाएं ख़ारिज कीं, कहा- राष्ट्रहित में लाई गई योजना

सशस्त्र बलों में भर्ती से जुड़ी केंद्र सरकार की ‘अग्निपथ’ योजना के ख़िलाफ़ कुल 23 याचिकाएं दायर की गई थीं, जिनमें से पांच में योजना को चुनौती दी गई थी, वहीं अन्य 18 में पुरानी भर्ती प्रणाली को लागू करने की मांग की गई थी. दिल्ली हाईकोर्ट ने इन सभी को ख़ारिज करते हुए कहा कि उसे योजना में दख़ल देने की कोई वजह नहीं दिखती.

दिल्ली हाईकोर्ट ने अग्निवीर और नियमित सिपाहियों के अलग-अलग वेतनमान पर केंद्र से जवाब मांगा

अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली याचिकाओं को सुनते हुए दिल्ली हाईकोर्ट ने सेना में नौकरी की प्रकृति समान होने पर भी 'अग्निवीरों' और नियमित सिपाहियों के वेतन में अंतर के बारे में पूछा था, जिस पर केंद्र ने कैडर अलग होने की बात कही. इस पर कोर्ट में कहा कि सवाल कैडर का नहीं, काम और ज़िम्मेदारी का है.

पंजाब: सेना की अग्निपथ भर्ती रैली अन्य राज्यों में करने की चेतावनी, कहा- प्रशासन से सहयोग नहीं

जालंधर में सेना के ज़ोनल भर्ती अधिकारी ने अधिकारियों को पत्र लिखकर चेताया है कि स्थानीय प्रशासन राज्य सरकार के निर्देशों या धन की कमी का हवाला देकर भर्ती रैलियों के आयोजन में पर्याप्त सहयोग नहीं दे रहा, जिसके चलते रैलियों को स्थगित किया जा सकता है या किसी पड़ोसी राज्य में स्थानांतरित कर सकते हैं.

दिल्ली हाईकोर्ट का ‘अग्निपथ’ योजना पर रोक लगाने से इनकार, केंद्र से मांगा जवाब

केंद्र ने संविदा आधारित अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना की घोषणा बीते 14 जून को की थी, जिसमें साढ़े 17 साल से 21 साल के बीच के युवाओं को केवल चार वर्ष के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने समक्ष लंबित उन सभी जनहित याचिकाओं को बीते 19 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट को स्थानांतरित कर दिया था, जिनमें इस योजना को चुनौती दी गई थी.

विपक्षी नेताओं ने अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना में जाति पूछने का आरोप लगाया

राजद नेता तेजस्वी यादव, आप के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह आदि ने केंद्र की मोदी सरकार पर इस मुद्दे पर तीखा हमला बोला है. यादव ने कहा कि जात न पूछो साधु की, लेकिन जात पूछो फौजी की. संघ की भाजपा सरकार जातिगत जनगणना से दूर भागती है, लेकिन देश सेवा के लिए जान देने वाले अग्निवीर भाइयों से जाति पूछती है. रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने आरोपों को ख़ारिज करते हुए इसे अफ़वाह बताया है.

अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना को चुनौती देने वाली याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अगले हफ़्ते

संविदा आधारित अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना की घोषणा बीते 14 जून को की गई थी, जिसमें साढ़े 17 साल से 21 साल के बीच के युवाओं को केवल चार वर्ष के लिए सेना में भर्ती करने का प्रावधान है. चार साल बाद इनमें से केवल 25 प्रतिशत युवाओं की सेवा नियमित करने की बात सरकार द्वारा कही गई है.

पंजाब विधानसभा ने अग्निपथ सैन्य भर्ती योजना के ख़िलाफ़ प्रस्ताव पारित किया

प्रस्ताव में कहा गया है कि पंजाब विधानसभा को दृढ़ता से लगता है कि जिस योजना में युवाओं को केवल चार साल की अवधि के लिए रोज़गार दिया जाएगा और केवल 25 प्रतिशत तक ही रखा जाएगा, वह न तो राष्ट्रीय सुरक्षा के सर्वोत्तम हित में है और न ही इस देश के युवाओं के हित में है.

अग्निपथ एक मार्केटिंग झांसा है, जहां नौकरियां ख़त्म करने को रोज़गार सृजन बताया जा रहा है

किसी ग़रीब के लिए सैनिक बनना बुनियादी तौर पर दो वक़्त की रोटी से जुड़ा एक वास्तविक और कठोर सवाल है, जो देश की सेवा करने के मध्यवर्गीय रोमांटिक विचार से अलग है.

सेना को बर्बाद कर देगी अग्निपथ योजना, चीन-पाकिस्तान को होगा फायदा: परमवीर चक्र विजेता

सेना के दिग्गज मानद कैप्टन और परमवीर चक्र से सम्मानित कैप्टन बाना सिंह ने केंद्र सरकार द्वारा रक्षाकर्मियों की भर्ती संबंधी ‘अग्निपथ’ योजना की आलोचना करते हुए कहा है कि देश को इस योजना के लिए 'बड़ी क़ीमत चुकानी' होगी. उन्होंने कहा कि सेना के साथ खिलौनों जैसा बर्ताव नहीं होना चाहिए.

हरियाणा: खाप नेताओं ने कहा- अग्निपथ का फॉर्म भरने वाले युवाओं से ‘दूरी’ बनाएंगे

रोहतक के सांपला में हुई खाप प्रतिनिधियों और किसान नेताओं की बैठक के बाद खाप नेता ओपी धनखड़ ने कहा कि वे इस भर्ती के लिए आवेदन करने वालों को सामाजिक रूप से अलग-थलग करने का प्रयास करेंगे. वे इस योजना का बहिष्कार कर रहे हैं जो 'अग्निवीर' के नाम पर युवाओं को मज़दूरों के तौर पर रखना चाहती है.

‘जब मोदी जी अपनी मां का जन्मदिन मना रहे थे तब हम सबकी मां घर में रो रही थीं’

वीडियो: रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के 14 जून 2022 को अग्निपथ योजना के ऐलान के बाद से देश के कई राज्यों में इसके ख़िलाफ़ युवाओं ने व्यापक प्रदर्शन किए. आख़िर क्यों सरकार की इस योजना का विरोध किया जा रहा है, क्या चाहते हैं युवा? द वायर के याक़ूत अली की रिपोर्ट.

क्या 2024 लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी को अग्निपथ योजना का कोई प्रभाव देखने को मिलेगा

आठ सालों से नरेंद्र मोदी उसी राजनीति को पोषित करते आए हैं, जिसका अधिकांश 'होने वाले' अग्निवीर प्रतिनिधित्व करते हैं. और किसी को हैरानी नहीं होगी अगर वे व्यक्तिगत तौर पर इस योजना की निगरानी करें और 2024 के चुनावों से पहले ही इसमें उचित बदलाव भी कर दें.