किसान आंदोलन: एनडीए सहयोगी हनुमान बेनीवाल का तीन संसदीय समितियों से इस्तीफ़ा

एनडीए के सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि 26 दिसंबर को वह दो लाख किसानों के साथ दिल्ली की ओर कूच करेंगे और एनडीए में बने रहने के बारे में भी फैसला उसी दिन होगा.

किसान आंदोलन: आठ दिसंबर के भारत बंद को विपक्षी दलों समेत कई क्षेत्रीय संगठनों का समर्थन

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि क़ानूनों को निरस्त किए जाने की मांग को लेकर दिल्ली की सीमाओं पर पिछले 12 दिन से किसानों का आंदोलन जारी है. सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच शनिवार को पांचवें दौर की बातचीत भी बेनतीजा रही थी. इसके बाद केंद्र ने गतिरोध समाप्त करने के लिए नौ दिसंबर को एक और बैठक बुलाई है.

किसान आंदोलन: खाप नेताओं ने हरियाणा के डिप्टी सीएम और भाजपा सांसद का सामाजिक बहिष्कार किया

हरियाणा के जींद के उचाना इलाके के कई खाप नेताओं ने किसानों के विरोध के बारे में कथित विवादित बयानों के लिए हरियाणा के कृषि और किसान कल्याण मंत्री जेपी दलाल और अभिनेत्री कंगना रनौत का भी विरोध किया. केंद्र सरकार के तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में बीते 26 नवंबर से किसानों का प्रदर्शन जारी है.

किसान सही बोल रहे हैं या सत्ताधारी और टीवी चैनल!

मीडिया बोल: कृषि क़ानूनों का विरोध में किसानों के आंदोलन को बदनाम करने का अभियान तेज हो गया है. तमाम न्यूज़ चैनल किसानों के पीछे कभी विदेशी तो कभी खालिस्तानी और कभी विपक्ष हाथ बता रहे हैं. इस मुद्दे पर पंजाब विश्वविद्यालय के छात्र कार्यकर्ता रमन प्रीत सिंह और पंजाब के स्वतंत्र पत्रकार शिव इंदर सिंह से उर्मिलेश की बातचीत.

किसानों के साथ सरकार की बातचीत बेनतीजा, आठ दिसंबर को भारत बंद का आह्वान

किसान नेताओं ने ​कहा कि यदि केंद्र सरकार उनकी मांगों को स्वीकार नहीं करती है तो वे आंदोलन को और तेज़ करेंगे. उनका कहना है कि पांच दिसंबर को देश भर में प्रधानमंत्री का पुतला फूंका जाएगा. तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ बीते 26 नवंबर से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर हज़ारों की संख्या में किसान प्रदर्शन कर रहे हैं.

किसानों के ‘दिल्ली चलो मार्च’ के दौरान कम से कम तीन लोगों की मौत

मृतकों में से दो किसान और एक वाहन मैकेनिक थे. किसान संगठनों ने मृतकों के परिजनों को नौकरी और मुआवज़ा देने की मांग की है. पंजाब और हरियाणा समेत अन्य राज्यों से आए किसान केंद्र के विवादित कृषि क़ानूनों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.

किसानों का प्रदर्शन पांचवें दिन भी जारी, कहा- मांगें पूरी होने तक होता रहेगा विरोध

किसान केंद्र के विवादित कृषि क़ानूनों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. सोमवार को किसानों की संख्या बढ़ने पर दिल्ली-ग़ाज़ियाबाद बॉर्डर पर पुलिस ने सुरक्षा मज़बूत कर दी है. किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी को जाने वाले पांच मार्गों को जाम करने की चेतावनी दी है. उनका कहना है कि वे सशर्त बातचीत का कोई प्रस्ताव स्वीकार नहीं करेंगे. इधर, राजग की घटक आरएलपी ने कृषि क़ानूनों को वापस लेने की मांग की है.

किसानों ने बुराड़ी मैदान जाने से किया इनकार, कहा- ये जेल है, हम बॉर्डर से ही दिल्ली घेरेंगे

केंद्र सरकार के विवादित कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ बीते 26 नवंबर से दिल्ली चलो मार्च के तहत किसानों का प्रदर्शन जारी है. इन क़ानूनों के विरोध में पंजाब और हरियाणा में दो दिनों के संघर्ष के बाद किसानों को दिल्ली की सीमा में प्रवेश की मंज़ूरी मिल गई थी.

हरियाणा में प्रदर्शनकारी किसानों पर हत्या के प्रयास और दंगा करने के आरोप में मामला दर्ज

केंद्र के तीन कृषि क़ानून को लेकर किसानों ने ​दो दिवसीय दिल्ली चलो मार्च का आह्वान किया था. किसानों को रोकने के दौरान पुलिस की उनसे झड़प हुई थी. अंबाला में किसान विरोध के दौरान पुलिस के वाटर कैनन को बंद करने वाले एक युवक के ख़िलाफ़ भी हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है.

कृषि क़ानून का विरोध जताने के लिए किसानों को ​दिल्ली में प्रवेश की अनुमति

दिल्ली पुलिस ने बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी है. तीन कृषि कानूनों के विरोध में बीते बृहस्पतिवार को विभिन्न किसान संगठनों ने दिल्ली चलो मार्च का आह्वान किया था, तब ​इन्हें दिल्ली और हरियाणा की सीमाओं पर रोक दिया गया था. किसानों के समर्थन में लखनऊ समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न ज़िलों में भी किसानों ने प्रदर्शन किया है.

दिल्ली चलो मार्च: कृषि क़ानूनों के विरोध में प्रदर्शन के दौरान सड़क दुर्घटना में किसान की मौत

किसान संगठनों ने इसके लिए सरकार को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि ये बलिदान बर्बाद नहीं जाएगा. संगठनों ने पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये का मुआवज़ा देने की मांग की है. ये संगठन कृषि क़ानूनों के विरोध में दिल्ली चलो मार्च के तहत दो दिवसीय प्रदर्शन कर रहे हैं.

कृषि क़ानूनों के विरोध में दिल्ली आ रहे किसानों पर पानी की बौछार, आंसू गैस के गोले छोड़े गए

विवादित कृषि क़ानूनों के विरोध में 26 और 27 नवंबर को दिल्ली आ रहे किसानों को हरियाणा और उत्तर प्रदेश में रोकने की कोशिश की जा रही है. हरियाणा ने पंजाब से लगी अपनी सीमा सील कर दी है. वहीं, दिल्ली में जवानों की तैनाती कर सीमावर्ती इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई. कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है. कांग्रेस और दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इन क़दमों की निंदा की है.

पंजाब: नए कृषि क़ानून को निष्प्रभावी करने के लिए पूरे राज्य को मंडी यार्ड घोषित कर सकती है सरकार

मंडी यार्ड का होना सुनिश्चित करेगा कि उसके दायरे के बाहर किसी भी खरीद को अवैध माना जाए, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम क़ीमतें न मिले और राज्य को उसका मंडी शुल्क मिलता रहे.

मनुष्यता के लिए विरोध अनिवार्य है

किसान के प्रतिरोध में सिर्फ किसान रहें, मजदूर प्रतिरोध में सिर्फ मजदूर, दलितों के विरोध में सिर्फ दलित, यह भी अत्याचार को बनाए रखने का एक तरीका है. यह विरोध का संप्रदायवाद है. सत्ता इसलिए कहती है कि किसान का विरोध तब अशुद्ध है जब उसमें छात्र और व्यापारी शामिल हों.

भारत बंद: कृषि विधेयकों के ख़िलाफ़ देशव्यापी प्रदर्शन, पंजाब-हरियाणा में सर्वाधिक असर

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि विधेयकों के विरोध में देशभर के किसानों ने शुक्रवार को भारत बंद का आयोजन किया, जिसमें किसान संगठनों के साथ विभिन्न राजनीतिक दलों ने किसानों का समर्थन करते हुए हिस्सा लिया.