कोवैक्सीन को आपात इस्तेमाल के लिए सूचीबद्ध करने को लेकर और जानकारी की ज़रूरत: डब्ल्यूएचओ

भारत बायोटेक की ओर से कहा गया है कि वह डब्ल्यूएचओ की आपात इस्तेमाल सूची में कोवैक्सीन के सूचीबद्ध होने को लेकर आश्वस्त है. हाल में कुछ ख़बरें आई थीं कि जिन भारतीयों ने कोवैक्सीन की खुराक ली हैं, उन्हें विदेश यात्रा करने में परेशानी आ रही है, क्योंकि इस टीके को मान्यता नहीं मिली है.

कोविशील्ड टीके की दो डोज़ के बीच का समय 6-8 सप्ताह बढ़ाकर 12-16 हफ़्ता किया गया: सरकार

पिछले कुछ महीनों में दूसरी बार ऐसा हुआ है, जब कोविशील्ड टीके की दो डोज के बीच का समयांतर बढ़ाया गया है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने मार्च में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कहा था कि वह दो डोज के बीच समयांतर को 28 दिनों से बढ़ाकर 6 से 8 सप्ताह तक कर दें. कोवैक्सीन के दो डोज के बीच के समय में बदलाव नहीं किया गया है.

कोविड टीकाकरण: आम आदमी की ज़िंदगी के प्रति भारत सरकार इतनी बेपरवाह क्यों है

टीकाकरण अगर सफल होना है तो उसे मुफ़्त होना ही होगा, यह हर टीकाकरण अभियान का अनुभव है, तो भारत में ही क्यों लोगों को टीके के लिए पैसा देना पड़ेगा? महामारी की रोकथाम के लिए टीका जीवन रक्षक है, फिर भारत सरकार के लिए एक करदाता के जीवन का महत्त्व इतना कम क्यों है कि वह इसके लिए ख़र्च नहीं करना चाहती?

कोविड-19 टीके की लागत राज्य सरकारें नहीं केंद्र वहन करे: अरविंद सुब्रमणियन

भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमणियन ने कहा है कि पूरे देश में वैक्सीन के इंजेक्शन की कीमत एक ही होनी चाहिए और यह कीमत शून्य होनी चाहिए. उन्होंने कोविड-19 टीके की मूल्य नीति को जटिल और राजनीति से भरा बताया. भारत में कोविड वैक्सीन तैयार करने वाली कंपनियां सीरम इंस्टिट्यूट और भारत बायोटेक ने इसकी कीमत बढ़ा दी है.

कोविड-19: कोवैक्सीन और कोविशील्ड के बाद रूस में बनी ‘स्पुतनिक वी’ के इस्तेमाल को मिली मंज़ूरी

रूस में निर्मित ‘स्पुतनिक वी’ भारत में कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ इस्तेमाल होने वाली तीसरी वैक्सीन है. इससे पहले जनवरी में पुणे में सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका वैक्सीन ‘कोविशील्ड’ तथा भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ के आपातकालीन उपयोग की मंज़ूरी दी थी.

कोविशील्ड टीके की दो खुराकों के बीच अब 4-8 हफ़्ते के बीच का अंतर रखने का निर्देश

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविशील्ड टीके की दूसरी खुराक लेने के समय अंतराल को संशोधित कर सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को इसे 4-6 सप्ताह के बीच देने की बजाय 4-8 सप्ताह के बीच देने के लिए कहा. दो खुराक के बीच संशोधित समय अंतराल का यह फैसला केवल कोविशिल्ड टीके पर लागू होगा और कोवैक्सीन टीके पर नहीं.

बिहार: कोविड-19 का पहला टीका लगने के कुछ दिन बाद मेडिकल छात्र की संक्रमण से मौत

पटना स्थित नालंदा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल का मामला. 23 वर्षीय छात्र की मौत एक मार्च को हुई. उन्हें फरवरी के पहले हफ्ते में कोवैक्सीन टीका लगा था, इसके बाद 25 फरवरी को वह कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे.

दक्षिण अफ्रीका ने सीरम इंस्टिट्यूट से 10 लाख कोविड वैक्सीन वापस लेने को कहा: रिपोर्ट

दक्षिण अफ्रीका ने एक छोटे क्लीनिकल ट्रायल के बाद अपना टीकाकरण अभियान रोक दिया, जिसमें पता चला कि यह देश में फैले नए कोरोना वायरस वैरिएंट के ख़िलाफ़ न्यूनतम सुरक्षा प्रदान करता है.

कोविशील्ड में शामिल किसी भी सामग्री से एलर्जी है तो टीका न लगवाएंः सीरम इंस्टिट्यूट

कोरोना वैक्सीन 'कोविशील्ड' की निर्माता कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ने टीका लेने वालों को वैक्सीन के जोखिम और फायदों से अवगत कराने के लिए एक फैक्टशीट जारी की है. इससे पहले कोवैक्सीन की निर्माता कंपनी भारत बायोटेक ने भी इसी तरह की फैक्टशीट जारी की थी.

एलर्जी, बुखार, गंभीर बीमारी वाले, गर्भवती महिलाएं कोवैक्सीन लगवाने से बचेंः भारत बायोटेक

कोराना वायरस के ख़िलाफ़ 16 जनवरी को टीकाकरण अभियान की शुरुआत के बाद भारत बायोटेक ने इस संबंध में एक फैक्ट शीट जारी की है, जिसमें बताया गया है कि किन्हें ये वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए. कंपनी के इस क़दम पर कांग्रेस ने सवाल उठाया है.

भोपाल में जारी ‘कोवैक्सीन’ टीके के क्लीनिकल परीक्षण को तुरंत बंद किया जाए: गैस पीड़ित संगठन

मध्य प्रदेश में भोपाल गैस पीड़ितों के लिए काम कर रहे चार संगठनों ने प्रधानमंत्री और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर कहा कि भारत बॉयोटेक के ‘कोवैक्सीन’ टीके के क्लीनिकल परीक्षण में भाग ले रहे लोगों की सुरक्षा और उनके हकों को नजरअंदाज करने के लिए ज़िम्मेदार अधिकारियों और संस्थाओं के ख़िलाफ़ दंडात्मक कार्रवाई और मुआवज़े की मांग भी की है.

मध्य प्रदेश: कोरोना वायरस की वैक्सीन लगने के नौ दिन बाद मज़दूर की संदिग्ध हालत में मौत

भोपाल में 45 वर्षीय दीपक मरावी को यहां के पीपुल्स मेडिकल कॉलेज में बीते 12 दिसंबर को भारत बायोटेक और आईसीएमआर द्वारा बनाई गई स्वदेशी कोवैक्सीन की पहली खुराक दी गई थी. बीते 21 दिसंबर को तबीयत बिगड़ने के बाद उनकी मौत हो गई. मृतक के परिवार का आरोप है कि वैक्सीन से उनकी जान गई है.

कोरोना के स्वदेशी टीके के आपात प्रयोग की मंज़ूरी भटके हुए सरकारी उत्साह का परिणाम तो नहीं है

केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन के भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके के आपात इस्तेमाल को मंज़ूरी देने के बाद से इसे लेकर कुछ सवाल उठ रहे हैं. लेकिन सरकार और उसके समर्थक जवाब न देने की अपनी पुरानी परंपरा के मुताबिक़ सवाल पूछने वालों पर राजनीति करने की तोहमत लगा रहे हैं.

स्वदेश निर्मित टीका लगने के दो हफ़्ते बाद हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री कोरोना संक्रमित

हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कोविड-19 के ख़िलाफ़ संभावित टीके कोवैक्सिन के तीसरे चरण के परीक्षण में पहला स्वयंसेवी बनने की पेशकश की थी. उन्हें 20 नवंबर को इसकी खुराक अम्बाला कैंट के सिविल अस्पताल में दी गई थी.

एम्स के पैनल ने कोरोना वायरस वैक्सीन के मानव परीक्षण की मंज़ूरी दी

एम्स की एथिक्स कमेटी ने स्वदेशी तौर पर विकसित टीके ‘कोवैक्सीन’ के मानव परीक्षण की अनुमति दी है. इसके लिए 20 जुलाई से रजिस्ट्रेशन शुरू किया जाएगा.